The Lallantop

हैदराबाद की ऐतिहासिक चारमीनार खतरे में? एक हिस्सा टूटकर गिरा, ASI ने बताया आगे क्या होगा

Charminar देश की उन इमारतों में से है जो भारत की प्राचीन कला और विरासत दोनों को दर्शाती है. इसका निर्माण सुल्तान मोहम्मद कुली कुतुब शाह ने 1591 में करवाया था.

Advertisement
post-main-image
चारमीनार का निर्माण 1591 में हुआ था (PHOTO-India Today/PTI)

हैदराबाद की शान कही जाने वाली ऐतिहासिक चारमीनार खतरे में है. गुरुवार, 03 अप्रैल को भारतीय पुरातत्‍व सर्वेक्षण (Archeological Survey of India-ASI) के अधिकारियों ने चारमीनार (Charminar Damage) का दौरा किया. वजह थी इस ऐतिहासिक इमारत के एक हिस्से का टूट कर गिरना. भारी बारिश और तूफान की वजह से चारमीनार की उत्तर-पूर्वी मीनार (Northeast Minaret) का एक हिस्सा टूट कर गिर गया. 

Advertisement

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार ASI के अधिकारी फिलहाल नुकसान का आकलन कर रहे हैं. हालांकि अधिकारियों ने आश्वस्त किया है कि पूरी मीनार को कोई खतरा नहीं है. बारिश तेज थी इसलिए मीनार का एक छोटा सा हिस्सा उखड़ कर गिर गया. इस घटना पर चारमीनार विधानसभा क्षेत्र से ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के विधायक मीर जुल्फिकार अली ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया,

भारी बारिश के दौरान पत्थर और मोर्टार का एक छोटा हिस्सा उखड़ कर गिर गया. अच्छी बात यह है कि उस समय मीनार के नीचे कोई नहीं था. एएसआई अधिकारियों ने मुझे बताया है कि मीनार को कोई खतरा नहीं है और वे जल्द से जल्द मरम्मत का काम शुरू कर देंगे. पहले भी मेरे जैसे विरासत संरक्षण के लिए काम करने वाले कार्यकर्ता और अन्य लोग चारमीनार के संरक्षण के बारे में चिंता जताते रहे हैं.

charminar damage
2019 में डैमेज चारमीनार का हिस्सा (PHOTO-IANS)

Advertisement
पहले भी टूटी है चारमीनार

ये पहला मौका नहीं है जब चारमीनार का कोई हिस्सा क्षतिग्रस्त हुआ हो. इससे पहले मई 2019 में भी चारमीनार के एक हिस्से से चूना पत्थर और मोर्टार प्लास्टर का एक बड़ा हिस्सा टूटकर गिर गया था. उस समय भी ASI ने इसकी मरम्मत का जिम्मा उठाया था. उस समय ASI के तत्कालीन सुप्रिटेंडिंग पुरातत्वविद (Superintending Archaeologist) मिलिंद कुमार चौले ने 'द हिंदू' से बात करते हुए कहा था

जो हिस्सा टूट कर गिरा वो काफी पुराना हो चुका था. चूना पत्थर और मोर्टार का जो प्लास्टर चारमीनार पर लगा है, उसका एक किलोग्राम 4 से 5 लीटर पानी सोख सकता है. हालिया डैमेज के लिए भी तेज बारिश जिम्मेदार है. इसके और कारण भी हैं जैसे इमारत का बहुत पुराना होना. आखिरी बार असफ ज़ाही साम्राज्य ने 100 साल पहले इसका प्लास्टर बदलवाया था. 

16वीं सदी की विरासत

चारमीनार देश की उन इमारतों में से है जो भारत की प्राचीन कला और विरासत दोनों को दर्शाती है. इसका निर्माण सुल्तान मोहम्मद कुली कुतुब शाह ने 1591 में करवाया था. इसका निर्माण क्यों करवाया गया, इसके पीछे कई कहानियां चलती हैं.

Advertisement

एक कहानी है कि इसकी चार मीनारों और खूबसूरत नक्काशी को सुल्तान की पत्नी भागमती के सम्मान में बनाया गया था. एक और मान्यता है कि एक बार हैदराबाद में प्लेग फैला. सुल्तान ने प्लेग खत्म हो, इसके लिए अल्लाह से दुआ की. प्लेग खत्म हुआ और अल्लाह की शान में सुल्तान ने इस खूबसूरत संरचना का निर्माण कराया. 

यह भी पढ़ें: 10 दिन पहले सगाई, कुछ महीनों में शादी... फ्लाइट लेफ्टिनेंट सिद्धार्थ यादव ने मरने से पहले बहुतों की जान बचाई

एक मान्यता है कि इसकी चार मीनारें इस्लाम धर्म के पहले चार खलीफाओं को समर्पित हैं. एक और मान्यता है कि इसका निर्माण पैगंबर मोहम्मद साहब के दामाद, जिन्होंने क़र्बला में शहादत दी थी, उनकी याद में बनवाया गया. इसीलिए इसका आकार ताजिया के जैसा है. हालांकि 17वीं शताब्दी में भारत की यात्रा करने वाले फ्रांसीसी यात्री जीन डे थेवेनोट के अनुसार चारमीनार के निर्माण का कारण बिल्कुल अलग है. उनके कथन के अनुसार, चारमीनार का निर्माण दूसरी इस्लामी सहस्राब्दी (Islamic Milenium) की शुरुआत के उपलक्ष्य में किया गया था. फ़ारसी ग्रंथों में भी चारमीनार का यही जिक्र मिलता है.

वीडियो: 'सारी जमीनें हड़प ली गई हैं', वक्फ बोर्ड को लेकर पुराने बयान पर घिरे लालू यादव

Advertisement