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'e' के चक्कर में Hindustan Aeronautics Limited के साथ हुई 55 लाख की ठगी

Hindustan Aeronautics Limited (HAL) के साथ एक डिजिटल ठगी का मामला सामने आया है. फाइटर एयरक्राफ्ट समेत हेलिकॉप्टर जैसे कई प्रोडक्ट बनाने वाली नवरत्न कंपनी के साथ 55 लाख रुपये की ठगी हुई है.

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Hindustan Aeronautics Limited के साथ लाखों की ठगी (तस्वीर: HAL)

साइबर ठगी, ऑनलाइन स्कैम, डिजिटल ठगी की तमाम घटनाएं आपने कई सालों से पढ़ रहे होंगे. क्या आम और क्या खास, सब इसके लपेटे में आए हैं. डिजिटल अरेस्ट की ठगी तो इतनी ज्यादा बढ़ गई थी कि खुद प्रधानमंत्री मोदी को ‘मन की बात’ कार्यक्रम में इसके बारे में बोलना पड़ा था. मोबाइल पर कॉलर टोन भी बजी. बहुत कुछ घट रहा था मगर अभी तलक सरकारी कंपनियां इससे शायद अछूती थीं क्योंकि ऐसा कोई मामला जानकारी में आया नहीं है. मगर अब लगता है जैसे इन डिजिटल फ़्रॉडियों ने सरकारी कंपनियों (hal loses rs 55 lakh in cyber scam) को भी निशाना बना शुरू किया है.

दरअसल Hindustan Aeronautics Limited के साथ एक डिजिटल ठगी का मामला सामने आया है. फाइटर एयरक्राफ्ट समेत हेलिकॉप्टर जैसे कई प्रोडक्ट बनाने वाली नवरत्न कंपनी के साथ 55 लाख रुपये की ठगी हुई है. आइए पूरा मामला बताते हैं. 

'e' ने खेल कर दिया

HAL याने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड जो डिफेंस मिनिस्ट्री के अधीन काम करती है. कंपनी Light Combat Aircraft (LCA) जैसे Tejas और Dhruv ALH, और Rudra जैसे हेलिकॉप्टर बनाती है. फाइटर जेट्स के रख-रखाव का जिम्मा भी इसी कंपनी के पास है. कंपनी फाइटर जेट्स के पार्ट्स के लिए एक अमेरिकन कंपनी PS Engineering Incorporated के संपर्क में थी.

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Light Combat Aircraft (तस्वीर: HAL)

पहले-पहल सब कुछ ठीक था मतलब बेसिक डिटेल्स से लेकर पार्ट्स की उपलब्धता और कीमतों तक. HAL को मई 2024 में कंपनी से तीन फाइटर जेट्स के लिए कोटेशन भी मिला था. जैसे होता है वैसे ही हो रहा था माने दोनों तरफ से मेल पर बातचीत चल रही थी. तभी कहीं कुछ झोल हुआ और HAL के साथ $63,000 (55 लाख) रुपये की ठगी हो गई.  

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NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक HAL कानपुर के Additional General Manager, Ashok Kumar Singh ने 13 मार्च 2025 को ठगी की शिकायत दर्ज कराई है. इसके मुताबिक बातचीत के बीच में कहीं पर अमेरिकी कंपनी का ईमेल एड्रैस बदल गया. दोनों ही मेल में बस 'e' अक्षर का अंतर था. फर्जी ईमेल के जरिए जो बैंक अकाउंट दिया गया, उसमें 55 लाख रुपये ट्रांसफर किये गए.

PS Engineering Incorporated को जब पैसा नहीं मिला तब जाकर ठगी का पता चला. पुलिस मामले की जांच कर रही है. हालांकि अभी तक ये साफ नहीं है कि ठगी के लिए फर्जी ईमेल किसी अमेरिकी कंपनी ने बनाया था या किसी देसी ठग ने. पूरी बातचीत एक असल कंपनी से वो भी ईमेल पर हो रही थी, तो फर्जी ईमेल की एंट्री कैसे हुई. ये भी जांच का विषय है.

इस मामले में जो भी नया अपडेट होगा. वो हम आपसे साझा करेंगे.  

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