उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में एक महिला ने आत्महत्या (Gorakhpur Woman Suicide) कर ली है. स्थानीय पुलिस ने बताया है कि महिला के ससुराल वाले उस पर दहेज के लिए दबाव बना रहे थे. आरोप ये भी है कि पीड़िता के पति ने उन्हें फोन पर “तीन तलाक” दे दिया था. उसी रात को महिला ने अपनी जान दे दी.
यूपी: पति ने फोन पर दिया 'तीन तलाक', आहत पत्नी ने दे दी जान, सब इंस्पेक्टर की भी निकली गलती
Gorakhpur News: 2023 में पीड़िता की शादी हुई थी. आरोप है कि पीड़िता के ससुराल वाले पहले से ही उस पर दहेज के लिए दबाव बना रहे थे. कई बार मामले को सुलझाने का प्रयास किया गया था, लेकिन बात नहीं बनी.

पुलिस ने ये भी बताया कि इस मामले में सब इंस्पेक्टर जय प्रकाश सिंह को सस्पेंड कर दिया गया है. साथ ही उनके खिलाफ विभागीय जांच का आदेश भी दिया गया है. उन पर दहेज उत्पीड़न के मामले में जल्द ही FIR दर्ज नहीं करने के लिए कार्रवाई हुई है.
सब इंस्पेक्टर जय प्रकाश सिंह पर आरोप है कि शुरुआत में उन्होंने मामले को खारिज कर दिया और FIR दर्ज नहीं की. बाद में एडिशनल एसपी नॉर्थ जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव के नेतृत्व में एक आंतरिक जांच की गई. इसमें इस बात की पुष्टि हुई कि सिंह ने लापरवाही की और FIR दर्ज करने से इनकार कर दिया था.
हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के मुताबिक, पीड़िता सानिया महाराष्ट्र में रहती थीं. 26 अप्रैल को गोरखपुर में अपने मायके आई थीं.
पीड़िता के परिवार ने लगाए आरोपसानिया की मां आसिया की शिकायत पर चौरी-चौरा पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज कर ली गई है. सानिया के पति सलाउद्दीन समेत आठ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ है.
पीड़िता की मां के अनुसार, 2023 में सानिया की शादी महाराष्ट्र के रहने वाले सलाउद्दीन से हुई थी. उन्होंने आरोप लगाया कि सानिया के ससुराल वाले पहले से ही उसका उत्पीड़न कर रहे थे. कई बार मामले को सुलझाने का प्रयास किया गया लेकिन ऐसा नहीं हो सका.
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आसिया ने आगे कहा कि सलाउद्दीन ने कुछ दिनों के लिए पीड़िता के अलग रहने की व्यवस्था (भरण-पोषण) की थी. लेकिन बाद में उसने इसे भी नजरअंदाज कर दिया. उन्होंने बताया कि पीड़िता इस दौरान मानसिक रूप से परेशान थीं. वो अपनी छोटी बहन के मोबाइल से अपने पति को फोन करतीं और उससे बात करने का प्रयास करती थीं.
(अगर आप या आपके किसी परिचित को खुद को नुकसान पहुंचाने वाले विचार आ रहे हैं तो आप इस लिंक में दिए गए हेल्पलाइन नंबरों पर फोन कर सकते हैं. यहां आपको उचित सहायता मिलेगी. मानसिक रूप से अस्वस्थ महसूस होने पर डॉक्टर के पास जाना उतना ही जरूरी है जितना शारीरिक बीमारी का इलाज कराना. खुद को नुकसान पहुंचाना किसी भी समस्या का समाधान नहीं है.)
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