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12वीं में फेल हुआ तो उड़ा मजाक, अब शख्स ने 7 दिन में कमाए 338 करोड़, हजारों-करोड़ की संपत्ति बना ली

गिरीश माथरूबूथम (Girish Mathrubootham ) 12वीं क्लास में फेल हो गए थे. जिसके बाद रिश्तेदारों और दोस्तों ने उनका खूब मजाक बनाया था. लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और पढ़ाई करना जारी रखा. अब एक हफ्ता पहले ही उनकी कंपनी ने 7 दिन में लगभग 338 करोड़ रुपये कमा लिए.

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Girish Mathrubootham ने कमाए करोड़ों रुपये (फोटो-Linkedin)

12th फेल फिल्म देखी है? उसे देखने के बाद थोड़ी मोटिवेशन भी मिली होगी? नहीं मिली तो इसी से मेल खाती एक कहानी के बारे में भी जान लीजिए. इस कहानी में एक लड़का 12वीं क्लास में फेल हो जाता है. जिसके बाद उसके दोस्त और रिश्तेदार उसका मजाक बनाते हैं. उसे कहते हैं कि ये तो अब रिक्शा ही चलाएगा! (जैसे रिक्शा चलाना कोई खराब काम हो) फिर एक दिन वह व्यक्ति 7 दिन में 338 करोड़ रुपये कमा लेता है. यह कहानी है गिरीश माथरूबूथम (Girish Mathrubootham) की, जिनकी कंपनी आज अमेरिकी स्टॉक एक्सचेंज में भी लिस्टेड है.

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12th फेल, एक हफ्ते में कमाए करोड़ों रुपये

आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक, गिरीश माथरूबूथम आज एक सफल बिजनेसमैन हैं. एक समय था जब 12th में फेल होने के बाद उनका काफी मजाक बनाया गया था. काफी भला-बुरा कहा गया. जिसके बाद उन्होंने मेहनत के साथ पढ़ाई करना जारी रखा. और आखिरकार उन्हें HCL में नौकरी मिल गई. बाद में वह सॉफ्टवेयर कंपनी जोहो में लीड इंजीनियर के तौर पर नौकरी करने लगे.

गिरीश माथरूबूथम आज 53000 करोड़ की कंपनी के मालिक हैं. उनकी कंपनी का नाम ‘फ्रेशवर्क्स’ (Freshworks) है, जो IT सॉल्यूशन प्रोवाइड कराती है. गिरीश ने जोहो से नौकरी छोड़ साल 2010 में ‘फ्रेशवर्क्स’ कंपनी को शुरू किया था. साल 2018 तक कंपनी के 125 देशों में 100,000 से ज्यादा क्लाइंट बन गए थे. रिपोर्ट के मुताबिक, गिरीश के पास फ्रेशवर्क्स में 5.229 पर्सेंट की हिस्सेदारी है. उनकी कुल संपत्ति लगभग 2,369 करोड़ रुपये हैं

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एक हफ्ते पहले ही गिरीश ने फ्रेशवर्क्स कंपनी के शेयर बेचे. उन्होंने इन 7 दिन के अंदर 39.6 मिलियन डॉलर तक शेयर बेचे हैं. यह करीब 338.15 करोड़ रुपये के पास है. इसके साथ ही गिरीश ने (सॉफ्टवेयर ऐज अ सर्विस) कारोबार में भी कदम रखा. ये SaaS इंडस्ट्री में एक बड़ा नाम बन गया है.

SaaS कंपनियां अपने कस्टमर को ऑनलाइन सॉफ्टवेयर सॉल्यूशन प्रोवाइड कराती है. यहां सॉफ्टवेयर खरीदना और इंस्टॉल करना नहीं होता है. बल्कि इन कंपनियों में कस्टमर सॉल्यूशन का यूज करने के लिए सब्सक्रिप्शन लेते हैं. ऐसा करने से बिजनेस एक्सपैंड करने में आसानी होती है.

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