झारखंड के गिरिडीह जिले में डबल मर्डर के आरोप में गिरफ्तार शख्स ने पुलिस हिरासत में जान दे दी. शख्स को अपनी 23 साल की गर्लफ्रेंड और उसकी दोस्त की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद उसे जेल ले जाया गया. बताया जा रहा है कि वहां उसने अपनी जान लेने की कोशिश की. इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.
प्रेमिका और उसकी दोस्त की हत्या की, पुलिस को सब बताया, फिर प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जान दे दी
शख्स को अपनी 23 साल की गर्लफ्रेंड और उसकी दोस्त की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. उसने पुलिस को बताया कि उसने शवों को कहां छिपाया है. इसके बाद पुलिस उसे प्रेस कॉन्फ्रेंस के लिए ले गई. उसी दौरान उसने लॉकअप में सुसाइड करने की कोशिश की. इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.


इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक मृतक शख्स का नाम श्रीकांत चौधरी है. उस पर सोनी देवी और रिंकू देवी नाम की दो महिलाओं की हत्या का आरोप था. श्रीकांत कथित तौर पर सोनी देवी के साथ रिलेशनशिप में था. रिंकू को सोनी की दोस्त बताया जा रहा है. दोनों महिलाएं गुरुवार से लापता थीं. पुलिस ने जांच करते हुए 8 सितंबर को श्रीकांत को गिरफ्तार किया था. पूछताछ में श्रीकांत ने बताया कि उसने महिलाओं के शव नीमाडीह गांव के पास गोलगो पहाड़ी जंगल में छिपाए हैं.
पुलिस के मुताबिक श्रीकांत चौधरी पिछले दो साल से सोनी देवी के साथ रिश्ते में था. सोनी की पहले दो शादियां हो चुकी थीं. उसका दूसरा पति एक हत्या के मामले में जेल में बंद है. श्रीकांत को शक था कि सोनी देवी के किसी और से भी संबंध हैं. पुलिस ने बताया कि इसका बदला लेने के लिए उसने सोनी की हत्या कर दी. वहीं सबूत मिटाने की मंशा से रिंकू को भी मार डाला.
श्रीकांत मुंबई में फिल्म इंडस्ट्री में काम करता था. कुछ समय पहले वो मुंबई से लौटा. वहां से आने के बाद उसने वारदात को अंजाम दिया. पुलिस ने आगे बताया, "रिंकू सात बच्चों की मां थी. हर बार जब सोनी और श्रीकांत जंगल में मिलते थे. तो वह बाहर खड़ी होकर नजर रखती थी. ताकि कोई आने पर उन्हें चेतावनी दे सके."
सब-डिविजनल पुलिस अधिकारी राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि गिरफ्तारी के बाद चौधरी को थाने लाया गया. वहां पर गांव वालों की भीड़ जमा हो गई. इसमें ज्यादातर महिलाएं थीं. लोगों की मांग थी कि आरोपी को उनके हवाले कर दिया जाए ताकि उसे भी महिलाओं की तरह मार दिया जाए. इस दौरान हालात तनावपूर्ण हो गए. पुलिस ने किसी तरह भीड़ को शांत किया. उसके बाद वे प्रेस कॉन्फ्रेंस के लिए गए.
उसी दौरान आरोपी ने लॉकअप में रस्सी और तार से फांसी लगा ली. उन्होंने आगे कहा कि जब उसे नीचे उतारा गया, तब उसकी सांसें चल रही थीं. पहले उसे स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र और फिर सदर अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. पुलिस ने किसी भी तरह की हिरासत में हिंसा से इनकार किया और कहा कि अगर जरूरत हुई तो राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग जांच कर सकता है.
पुलिस के मुताबिक गांव वालों ने पहले ही चौधरी को इस रिश्ते से दूर रहने की चेतावनी दी थी. उस पर एक लाख रुपये से ज्यादा का जुर्माना भी लगाया गया था. लेकिन उसके बाद भी दोनों के बीच रिश्ते चलते रहे.
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