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'आप सोच रहे होंगे ऑपरेशन सिंदूर खत्म, लेकिन... ', सेना प्रमुख ने इशारों-इशारों में बता दिया

7 मई को पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने Operation Sindoor शुरू किया था. सेना ने आतंकी ठिकानों पर सटीक जवाबी कार्रवाई की. इसके बाद 10 मई को भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर का एलान किया गया. लेकिन अब General Upendra Dwivedi ने इस मसले पर कुछ नई बातें बताई हैं.

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जनरल उपेंद्र द्विवेदी ऑपरेशन सिंदूर पर एक किताब के विमोचन में पहुंचे थे. (फोटो: आजतक)

भारतीय सेना के प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) के दौरान भारतीय सेना की भूमिका की तारीफ की. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध 10 मई को खत्म नहीं हुआ, क्योंकि कई बड़े फैसले लिए जाने बाकी थे. जनरल द्विवेदी ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान 88 घंटों तक सेना को अलग से प्लानिंग या आदेश का इंतजार नहीं करना पड़ा. हर कोई अपना काम जानता था. 

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न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, 5 सितंबर को जनरल उपेंद्र द्विवेदी ‘ऑपरेशन सिंदूर : बिफोर एंड बियॉन्ड’ किताब के विमोचन में पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने कहा कि सीजफायर के बाद भी पाकिस्तान के खिलाफ 'युद्ध' जारी रहा, क्योंकि फैसले लिए जाने बाकी थे. जनरल द्विवेदी ने कहा,

आप सोच रहे होंगे कि 10 मई को युद्ध खत्म हो गया. नहीं! यह लंबे समय तक जारी रहा क्योंकि कई फैसले लेने बाकी थे. हर एक एक्शन और नॉन-एक्शन के लंबे समय तक प्रभाव रहे. क्योंकि कई फैसले लेने थे. मेरे लिए इससे ज्यादा कुछ बता पाना मुश्किल होगा.

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बताते चलें कि 7 मई को पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था. सेना ने आतंकी ठिकानों पर सटीक जवाबी कार्रवाई की. इसके बाद 10 मई को भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर का एलान किया गया. 

जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने बताया कि पहलगाम हमले के बाद कई दिग्गजों और रक्षा अधिकारियों से बात की गई. जिन्होंने पहलगाम हमले के जवाब में कई विकल्प प्रस्तुत किए. उन्होंने कहा, 

ऑपरेशन सिंदूर कब शुरू करना है, कब रुकना है, समय, स्थान और कितने संसाधन लगने हैं, ये सभी चीजें ऐसी हैं जिन पर हम हर समय चर्चा करते रहे. हालांकि, मैंने 22 और 23 अप्रैल को कई दिग्गजों से बात की... उनमें से कई ने कई शानदार विकल्प प्रस्तुत किए.

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भारतीय सेना की सराहना करते हुए जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर एक ‘लयबद्ध लहर’ की तरह आगे बढ़ा. उन्होंने कहा,

इन 88 घंटों में, आपके पास योजना बनाने और फिर आदेश देने का समय नहीं था. हर कोई को सिनर्जाइज्ड (समन्वित) था और अपने आदेशों को जानता था.

'ऑपरेशन सिंदूर : बिफोर एंड बियॉन्ड' किताब के लेखक लेफ्टिनेंट जनरल KJS ढिल्लों (रिटायर्ड) ने कहा कि इस किताब में पुलवामा और पहलगाम हमलों से लेकर 10 मई को सीजफायर के बाद की रणनीतियों तक के बारे में बताया गया है.

आर्मी चीफ ने किताब को लेकर कहा, "यह किताब पूरी तरह तथ्यों पर आधारित है और इसमें सुप्रा-स्टैटेजिक से लेकर टैक्टिकल स्तर तक की बातें शामिल हैं. इतनी छोटी किताब में इन सभी पहलुओं को कवर करना बहुत कठिन काम है, लेकिन लेखक ने इसे बखूबी एक साथ जोड़ा है."

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