The Lallantop

EPFO कर्मचारियों-पेंशनधारकों से 70 करोड़ का फ्रॉड, गोल्ड-लग्जरी कारें जब्त, 2 आरोपी पकड़े गए

EPFO Credit Society Scam: पुलिस ने कई ठिकानों पर छापेमारी की. इसके अलावा पुलिस ने लग्जरी कारें, महंगी बाइक्स, सोने के गहने, नकदी, प्रॉपर्टी के दस्तावेज, इन्वेस्टमेंट के कागजात और अन्य अहम फाइनेंशियल रिकॉर्ड जब्त किए हैं.

Advertisement
post-main-image
EPFO स्टाफ क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी के स्कैम में पकड़े गए गोपी (बाएं) और लक्ष्मी जगदीश (दाएं). (ITG)
author-image
सगाय राज

बेंगलुरु पुलिस ने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के कर्मचारियों और पेंशनधारकों के जमा पैसों से जुड़ी 70 करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी में बड़ी कार्रवाई की है. पुलिस ने इस फ्रॉड में कथित तौर पर शामिल EPFO स्टाफ क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर (CEO) गोपी को गिरफ्तार किया है. जबकि एक कर्मचारी लक्ष्मी जगदीश को हिरासत में लिया गया है. एक और मुख्य आरोपी अकाउंटेंट जगदीश फरार है.

Add Lallantop as a Trusted Sourcegoogle-icon
Advertisement

EPFO स्टाफ 1961 से इस कोऑपरेटिव सोसायटी को चला रहा है, जिसमें EPFO के कर्मचारियों और पेंशनधारकों ने फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) के तौर पर पैसे जमा किए थे. इसके बदले उन्हें हर महीने ब्याज देने का वादा किया गया था. इंडिया टुडे से जुड़े सगाय राज की रिपोर्ट के मुताबिक, आरोप है कि कोऑपरेटिव सोसायटी ने पिछले तीन महीनों से ब्याज देना बंद कर दिया, जिससे निवेशकों में चिंता बढ़ गई.

जब रिकॉर्ड की जांच की गई तो पता चला कि बहुत बड़ी रकम गायब थी. पुलिस का कहना है कि केवल 3 करोड़ रुपये को ही लोन के तौर पर दिया गया, जबकि बाकी की रकम को संदिग्ध तरीके से हड़प लिया गया.

Advertisement

पुलिस ने बेंगलुरु के अलग-अलग ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की, जिनमें RR नगर, JP नगर, अंजनापुरा, EPFO कार्यालय और रिचमंड सर्कल के पास एक ऑफिस शामिल था. इस दौरान पुलिस ने लग्जरी कारें, महंगी बाइक्स, सोने के गहने, नकदी, प्रॉपर्टी के दस्तावेज, इन्वेस्टमेंट के कागजात और अन्य अहम फाइनेंशियल रिकॉर्ड जब्त किए.

पुलिस ने बताया कि वो अभी भी खोजबीन में लगी है और फाइनेंशियल एक्टिविटी को ट्रेस कर रही है, ताकि हड़पी गई रकम का पता लगाया जा सके. इसके अलावा फरार आरोपी की भी धरपकड़ जारी है. इस मामले में 31 अक्टूबर को FIR रजिस्टर की गई.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, FIR में कहा गया कि करीब 300 EPFO कर्मचारियों और पेंशनधारकों ने 9 फीसदी सालाना ब्याज के वादे के साथ अपने पैसे जमा किए थे, लेकिन तीन महीने से ब्याज की अदायगी बंद कर दी गई थी.

Advertisement

इस फ्रॉड की शिकायत EPFO के सेक्शन सुपरवाइजर सीजे मुरलीधर ने की थी. आरोपियों पर इल्जाम है कि उन्होंने नकली रिकॉर्ड बनाए, दस्तावेजों में छेड़छाड़ की और फाइनेंशियल स्टेटमेंट्स में गड़बड़ी की ताकि यह धोखाधड़ी छिपी रहे.

वीडियो: एनकाउंटर और झूठे केस की धमकी, DSP ऋषिकांत शुक्ला ने कैसे बनाया करोड़ों का साम्राज्य?

Advertisement