जरा सोचिए, सुबह ब्रेकफास्ट के लिए आपने दो अंडे उबाले, और तभी आपके फोन पर एक वीडियो पॉप-अप होता है. वीडियो कहता है अंडे खाने से कैंसर हो सकता है. दावा किया जाता है कि Eggoz ब्रांड के अंडों में खतरनाक केमिकल मिला है, जो DNA को नुकसान पहुंचा सकता है. इम्यून सिस्टम को कमजोर कर सकता है और इसका असर प्रजनन प्रणाली (Reproductive system) पर भी पड़ सकता है.
Eggoz के अंडे खाने से कैंसर होने का खतरा? इस दावे का पूरा सच जानिए
Eggoz के अंडो में नाइट्रोफ्यूरान्स और नाइट्रोइमिडाज़ोल्स नाम के केमिकल मिलने की बात कही जा रही है. ये दोनों केमिकल्स कैंसर का खतरा पैदा करने वाले माने जाते हैं. इस दावे की पूरी पड़ताल विस्तार से जानिए.


क्या वाकई ऐसा है? क्या हमारे किचन में रखा एक साधारण सा अंडा इतना बड़ा रिस्क बन सकता है? आज हम इसी वायरल दावे की पूरी कहानी, हर फैक्ट, हर पक्ष, और हर जवाब की पड़ताल करेंगे. साथ ही जानेंगे कि ये टेस्टिंग किसने कराई. लैब रिपोर्ट में और क्या निकला. इस रिपोर्ट पर Eggoz कंपनी और FSSAI का क्या जवाब आया. ये सब कुछ हम आपको बताएंगे.
किस वीडियो से शुरू हुआ विवाद?इस पूरी कहानी की शुरुआत होती है 7 दिसंबर को. जब एक इंडीपेंडेंट कंज्यूमर-अवेयरनेस YouTube चैनल Trustified ने एक वीडियो अपलोड किया. टाइटल था- Eggs EXPOSED: Full Lab Test Reveals Hidden Risks— Antibiotics, Contaminants & Safety Levels.
इस वीडियो में उन्होंने बताया कि Eggoz ब्रांड के अंडों का उन्होंने ब्लाइंड लैब टेस्ट कराया. क्योंकि अंडे ईज़िली टूट सकते हैं, इसलिए सैंपल कलेक्शन भी Trustified ने नहीं, बल्कि लैब ने खुद उनके बिहाफ पर किया.
लैब टेस्टिंग में क्या निकला?इसके बाद वीडियो में 6 लेवल की टेस्टिंग का पूरा रिपोर्ट कार्ड दिखाया गया. लेवल-1 से 5 तक सब कुछ बिल्कुल ठीक निकला. वीडियो में बताया गया कि Eggoz के अंडों में प्रोटीन, कार्ब्स, फैट, हेवी मेटल्स, पेस्टिसाइड्स, माइक्रोबायोलॉजिकल पैरामीटर्स, एंटीबायोटिक्स सभी का एनालिसिस किया गया. और चौंकाने वाली बात ये थी कि इन पांचों स्टेज में Eggoz के अंडे पूरी तरह क्लियर निकले. यानी हर पैरामीटर सेफ लिमिट के अंदर था. यानी शुरुआती टेस्ट रिपोर्ट तक सब नॉर्मल था. कहीं कोई रेड-फ्लैग नहीं दिख रहा था.
बैन ड्रग्स की जांच क्यों?लेकिन कहानी पलटी लेवल-6 में. जब बैन ड्रग्स की जांच की गई. ये ड्रग दुनिया भर में फूड-प्रोड्यूसिंग एनिमल्स में इस्तेमाल के लिए बैन हैं. उनका नाम है- Nitrofurans और Nitroimidazoles (नाइट्रोफ्यूरान्स और नाइट्रोइमिडाज़ोल्स). ये ड्रग्स लंबे समय से पोल्ट्री बिज़नेस में अवैध तरीके से इस्तेमाल होते रहे हैं. क्यों? क्योंकि ये बहुत सस्ते पड़ते हैं और मुर्गियों में इंफेक्शन/बीमारियों को कंट्रोल करते हैं, जिससे अंडा उत्पादन लगातार बना रहता है.
लेकिन समस्या ये है कि इनके मेटाबोलाइट्स कार्सिनोजेनिक यानी कैंसर पैदा करने वाले माने जाते हैं. इससे क्या-क्या रिस्क है.
DNA को नुकसान पहुंचाना (genotoxic)
reproductive system पर असर
इम्यून सिस्टम को कमजोर करना
इसलिए बहुत से देशों ने इन दवाओं को पूरी तरह बैन कर दिया है.
Eggoz के अंडों में क्या मिला?Trustified ने दावा किया कि Eggoz के अंडों में Nitrofurans का मेटाबोलाइट AOZ अच्छी-खासी मात्रा में पाया गया. उन्होंने कहा कि उन्होंने लैब से री-चेक भी करवाया लेकिन रिज़ल्ट वही आया. ये दावा इसलिए और चौंकाने वाला लगा क्योंकि Eggoz अपनी वेबसाइट पर साफ लिखता है कि No Antibiotics Used यानी हम एंटीबायोटिक्स का इस्तेमाल नहीं करते.
मेडिकल एक्सपर्ट ने क्या दावा किया?इस विवाद के बीच मुंबई के ऑर्थोपेडिक सर्जन और स्पोर्ट्स मेडिसिन स्पेशलिस्ट डॉ. मनन वोरा ने भी इस मामले पर प्रतिक्रिया दी. 9 दिसंबर को अपने इंस्टाग्राम वीडियो में उन्होंने कहा, Trustified की रिपोर्ट चिंताजनक है. रिपोर्ट में AOZ 0.73 मिला जबकि इसे 0.4 से नीचे होना चाहिए. कई देशों में तो इसकी लिमिट जीरो है.
उन्होंने FSSAI से भी सवाल पूछा कि दुनिया में जहां इसकी टॉलरेंस जीरो है, वहां भारत में इसे अलाउ कैसे किया जा रहा है? इसके अलावा डॉ. वोरा ने FSSAI की मॉनिटरिंग पर भी सवाल उठाए. कहा- ‘मुझे नहीं पता FSSAI ऐसे टेस्ट करवाता भी है या नहीं. और अगर करवाता है, तो फिर ये कैसे पास हुआ?’
हालांकि डॉ. मनन वोरा ने एक और बात भी कही. वो ये कि ये सिर्फ एक ब्रांड और एक बैच का मामला है. इसके आधार पर ये कहना गलत है कि सभी अंडे कैंसरकारक हैं. लेकिन कंपनी और FSSAI दोनों को इस पर स्पष्ट जवाब देना चाहिए. उनका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल है.
Eggos Nutrition की सफाईलल्लनटॉप ने जब Eggoz Nutrition के को-फाउंडर अभिषेक नेगी से बात की, तो उन्होंने कहा- ‘हमें इस वीडियो की जानकारी है और हम समझते हैं कि इससे सवाल उठे हैं. हम अपने उपभोक्ताओं को भरोसा दिलाते हैं कि हमारे अंडे सुरक्षित हैं और FSSAI की ओर से तय मानकों के अनुरूप हैं.’
अभिषेक कहते हैं, ‘FSSAI ने 1 माइक्रोग्राम प्रति किलोग्राम की लिमिट तय की है. इससे ऊपर होने पर FSSAI एक्शन लेता है. जबकि Trustified की रिपोर्ट में ये नाइट्रोफ्यूरन मेटाबोलाइट 0.73 निकला है जो कि अभी भी FSSAI की सेफ लिमिट से कम है.’
अभिषेक ने ये भी बताया कि वीडियो में दावा किया गया है कि अंडों में नाइट्रोफ्यूरन मेटाबोलाइट की मात्रा .73 पाई गई है. उन्होंने क्वांटिफिकेशन की सीमा (Limit of Quantification- LOQ) को गलत समझा. LOQ (.04) का मतलब है कि लैब न्यूनतम कितनी मात्रा माप सकती है. ये कोई सेफ लिमिट थ्रेशहोल्ड नहीं है.
असल में इसकी सेफ लिमिट जीरो होती है. FSSAI, यूएसए, जापान, सिंगापुर सहित सभी नियामक संस्थाओं ने इसे प्रतिबंधित किया है. हालांकि, FSSAI ये समझता है कि मौजूदा परिस्थितियों में जीरो लिमिट आना असंभव है. ऐसा इसलिए, क्योंकि पानी, हवा और अपस्ट्रीम एग्रीकल्चर (जैसे मक्का, सोया, चावल, गेहूं आदि, जो हेन फीड में यूज होते हैं और जिनमें दवाइयां इस्तेमाल होती हैं) उनमें दूषित पदार्थ (contaminants) मौजूद होते हैं.
अभिषेक ने आगे बताया, ‘हमने Trustified को ई-मेल करके पूछा है कि वे हमें बैच नंबर, ऑर्डर करने का तरीका, चेन ऑफ कस्टडी, और इस्तेमाल की गई लैब (क्या वो एनएबीएल-मान्यता प्राप्त थी) जैसी जानकारी मांगी है. लेकिन उनकी ओर से इस पर अब तक कोई जवाब नहीं आया है.’
अभिषेक ने ये भी बताया कि एगोस अपने देश भर के 20-25 फार्मों के सभी अंडों की टेस्टिंग करवा रहा है. ये टेस्टिंग केवल FSSAI सर्टिफाइड एनएबीएल-सत्यापित (NABL-verified) लैब से करवाई जाएगी.
इस बीच कंपनी ने सितंबर और नवम्बर की लैब टेस्ट रिपोर्ट अपनी वेबसाइट पर शेयर की है, जिसमें नाइट्रोफ्यूरन मेटाबोलाइट सेफ लिमिट में पाया गया है. कंपनी का कहना है कि जल्द ही ताजा रिपोर्ट भी शेयर करेंगे.
इसके अलावा लल्लनटॉप ने भी 9 दिसंबर को Trustified से बैच नंबर और लैब की जानकारी के संबंध में ई-मेल किया. ताकि स्थिति और साफ़ हो सके. लेकिन खबर पब्लिश होने तक उनकी ओर से कोई रिप्लाई नहीं आया था.
FSSAI का पक्षनाइट्रोफ्यूरन मेटाबोलाइट की सेफ लिमिट और FSSAI का पक्ष जानने के लिए हमने 9 दिसंबर को उन्हें भी ई-मेल किया. हमने FSSAI से ईमेल कर तीन सवाल पूछे:-
Nitrofurans की सेफ लिमिट क्या है?
क्या भारत में इनकी टेस्टिंग होती है?
Eggoz मामले पर FSSAI का आधिकारिक जवाब क्या है?
लेकिन खबर लिखे जाने तक FSSAI की ओर से भी कोई जवाब नहीं मिला था.
असलियत क्या है?एक तरफ Trustified कह रहा है Eggoz के अंडों में खतरनाक केमिकल मिला. दूसरी तरफ Eggoz का दावा टेस्टिंग रिपोर्ट को गलत तरीके से इंटरप्रिटेट किया गया. और FSSAI का कोई जवाब नहीं आया. ऐसे में कंज्यूमर्स के मन में कुछ सवाल हैं.
क्या अंडे खाने से सच में कैंसर हो सकता है?
या एक टेस्ट रिपोर्ट ने अनावश्यक डर पैदा कर दिया?
FSSAI आखिर क्या कर रहा है?
इन सभी सवालों का असली जवाब तभी मिलेगा जब इस मामले पर FSSAI अपनी आधिकारिक प्रतिक्रिया देगा. बाकी आप इस मामले को कैसे देखते हैं? कमेंट करके जरूर बताइए.
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