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मोदी सरकार आने के बाद से ईडी ने 6,444 केस दर्ज किए, सजा सिर्फ 56 मामलों में हुई

ED ने 2014 से अब तक 6,444 मनी लांड्रिंग के मामले दर्ज किए हैं. वहीं, आयकर विभाग ने इस अवधि में 13,877 मामले दर्ज किए. 2014 के बाद नये मामले दर्ज करने की संख्या में बढ़ोतरी हुई है.

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ईडी ने 2014 से अब तक कुल 6,444 मनी लॉन्ड्रिंग के मामले दर्ज किए हैं. (फाइल फोटो: इंडिया टुडे)

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 2014 से अब तक कुल 6,444 मनी लॉन्ड्रिंग के मामले दर्ज किए हैं. अदालतों ने इन 11 सालों में 56 मामलों में 121 लोगों को दोषी ठहराया है. वहीं, आयकर विभाग ने इस अवधि में 13,877 मामले दर्ज किए, जिनमें से 522 लोगों को दोषी ठहराया गया. केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने सोमवार, 8 दिसंबर को संसद में इसकी जानकारी दी.

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बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक, लोकसभा में एक सवाल के जवाब में, वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने बताया कि धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत विशेष अदालतों ने 1 अप्रैल, 2014 से 30 नवंबर, 2025 के बीच गुण-दोष के आधार पर 56 फैसले सुनाए हैं. इनमें से 53 मामलों में 121 लोगों को दोषसिद्धि के आदेश दिए गए. इस दौरान एजेंसी ने 16,404 व्यक्तियों और संस्थाओं के खिलाफ 2,416 चार्जशीट दाखिल की है और 11,106 छापे मारे हैं.

वित्तीय वर्ष 2014-15 से अब तक ईडी ने PMLA के तहत कुल 6,444 मामले दर्ज किए. जबकि आयकर विभाग (ITD) ने कुल मिलाकर 13,877 मामले दर्ज किए हैं. आयकर मामलों में 522 लोगों को दोषी ठहराया गया और 963 को बरी कर दिया गया. वहीं, विभाग ने 3,345 मामले वापस ले लिए.

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ED registered 6,444 cases
(फोटो: वित्त मंत्रालय)

2014 के बाद मामलों में बढ़ोतरी

नये मामले दर्ज करने की संख्या में उतार-चढ़ाव आया है, लेकिन 2014 के बाद इसमें बढ़ोतरी हुई है. ईडी ने 2021-22 में मनी लॉन्ड्रिंग के 1,116 मामले (बीते 11 सालों में सबसे ज्यादा) दर्ज किए. वही, आयकर विभाग ने 2017-18 में सबसे ज्यादा 4,527 मामले दर्ज किए, जबकि 2014-15 में यह संख्या 669 थी.

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1.70 लाख करोड़ मूल्य की संपत्ति कुर्क

हिंदुस्तान टाइम्स ने अक्टूबर में अपनी एक रिपोर्ट में बताया था कि ईडी ने वित्त वर्ष 2024-25 में रिकॉर्ड 30,000 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है और वित्त वर्ष 2025-26 के पहले पांच महीनों (अप्रैल-अगस्त) में 15,000 करोड़ रुपये का आंकड़ा छू लिया है. अधिकारियों ने कहा कि इस साल यह संख्या और भी बढ़ सकती है. कुल मिलाकर, 2005 से PMLA के तहत 8,100 मामलों में 1.70 लाख करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की गई है.

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