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दृष्टि IAS कोचिंग पर एक्शन, लगा 5 लाख का जुर्माना, UPSC में सेलेक्शन के 'गलत' आंकड़े दिखाए

Drishti IAS Coaching fined: सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी (CCPA) ने ये भी बताया है कि भ्रामक विज्ञापनों को लेकर अब तक अलग-अलग कोचिंग संस्थानों को 54 नोटिस भेजे गए हैं. इनमें से 26 संस्थानों पर कुल 90.6 लाख रुपये से ज्यादा का जुर्माना लगाया जा चुका है.

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विकास दिव्यकीर्ति की दृष्टि IAS कोचिंग पर 5 लाख का जुर्माना लगा है (India Today)

संघ लोक सेवा आयोग यानी UPSC की परीक्षा की तैयारी कराने वाली कोचिंग दृष्टि IAS पर 5 लाख रुपये का जुर्माना लगा है. सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी (CCPA) ने कोचिंग पर इतना बड़ा जुर्माना ये कहते हुए लगाया है कि उसने 2022 की UPSC सिविल सर्विस परीक्षा (UPSC CSE- 2022) के रिजल्ट को लेकर भ्रामक विज्ञापन दिया था. उसने अपनी कोचिंग से जितने छात्रों के एग्जाम क्लियर करने का आंकड़ा दिया था, वह ‘गलत’ और ‘गुमराह करने वाला’ था. यह Consumer Protection Act- 2019 की धारा 2 (28) का उल्लंघन है.

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क्या मामला है? आइए विस्तार से जानते हैं.

यूपीएससी की परीक्षा में स्टूडेंट्स से ज्यादा कंपटीशन उन्हें पढ़ाने वाले कोचिंग संस्थानों में होता है. इस कारोबार में ज्यादा से ज्यादा स्टूडेंट्स को अपनी ओर खींचने के लिए ‘सनसनीखेज’ विज्ञापन भी किए जाते हैं. हर कोचिंग सेंटर दावा करता है कि यूपीएससी की परीक्षा में उसके यहां पढ़ने वाले छात्र सबसे ज्यादा संख्या में सेलेक्ट हुए. कई बार ये सेंटर्स अपने दावों में लिमिट क्रॉस भी करते हैं.

साल 2022 के यूपीएससी एग्जाम का जब रिजल्ट आया तो दृष्टि IAS (VDK Eduventures Pvt. Ltd.) ने अपने सफल छात्रों के नाम और उनकी फोटो के साथ विज्ञापन छपवाए. इसमें बड़े अक्षरों में दावा किया गया कि संस्थान से 216 से ज्यादा छात्रों का चयन UPSC CSE 2022 में हुआ है. इसके साथ सफल उम्मीदवारों के नाम और फोटो भी विज्ञापन में प्रमुखता से छपे.

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इन दावों की जांच में सच क्या निकला? 

अथॉरिटी ने बताया कि विज्ञापन की जांच की गई तो पता चला कि यह दावा न सिर्फ अधूरा है बल्कि गुमराह करने वाला है. सही और असल हालत ये थी कि तकरीबन 75 फीसदी उम्मीदवार यानी 216 में से 162 छात्रों ने संस्थान से Interview Guidance Programme (IGP) के तहत सिर्फ इंटरव्यू के लिए गाइडेंस लिया था, जो कि फ्री था. ये सभी उम्मीदवार पहले ही IAS की प्री और मेंस परीक्षा पास कर चुके थे. 216 में से सिर्फ 54 छात्र ऐसे थे, जिन्होंने दृष्टि IAS के साथ अन्य कोर्स में दाखिला लिया था और सफल हुए थे.

अथॉरिटी ने कहा कि इस तरीके से कोचिंग संस्थान ने अपने विज्ञापन में बहुत जरूरी जानकारी छिपा ली. इससे अभ्यर्थियों और उनके माता-पिता को यह विश्वास दिलाया गया कि 216 से ज्यादा छात्रों की पूरी सफलता दृष्टि कोचिंग की वजह से हुई है, जो Consumer Protection Act- 2019 की धारा 2(28) के तहत भ्रामक विज्ञापन है.

दृष्टि कोचिंग का इस पर क्या कहना है?

दृष्टि कोचिंग ने अपने ऊपर लगे आरोपों और जुर्माने पर जवाब भी दिया है. दृष्टि समूह के सीईओ विवेक तिवारी ने कहा कि वह 2023 से सीसीपीए के बताए नियमों का पालन कर रहे हैं. इससे पहले यानी 2021 और 2022 के यूपीएससी परीक्षा के नतीजों से जुड़े मामलों के दौरान उन्हें नियमों की जानकारी नहीं थी. तिवारी ने कहा,

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CCPA ने 2021 और 2022 की सिविल सेवा परीक्षा के रिजल्ट से जुड़े विज्ञापनों को लेकर लगभग सभी संस्थानों को नोटिस भेजे थे, जिसमें हमारी संस्था भी शामिल थी. उस समय तक विज्ञापनों के बारे में CCPA की तरफ से साफ दिशानिर्देश नहीं थे. इसी वजह से गलती हो गई. अब ऐसे निर्देश आ गए हैं. 2023 से हम इनका पूरी तरह पालन कर रहे हैं.

विवेक तिवारी ने आगे कहा कि वह CCPA की सक्रियता की सराहना करते हैं, क्योंकि नए नियमों से पारदर्शिता बनेगी.

पहले भी हुई थी कार्रवाई

CCPA के मुताबिक, यह दूसरी बार है जब दृष्टि कोचिंग पर ऐसी हरकत के लिए जुर्माना लगाया गया है. इससे पहले सितंबर 2024 में भी संस्थान ने UPSC CSE- 2021 एग्जाम में 150 से ज्यादा स्टूडेंट्स के सेलेक्शन का दावा किया था. कुल 161 उम्मीदवार सफल बताए गए थे, जिनमें से ज्यादातर सिर्फ फ्री इंटरव्यू गाइडेंस वाले या छोटे कोर्स में शामिल थे. इस 'भ्रामक' दावे के बाद कोचिंग पर 3 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया था. 

अथॉरिटी ने कहा,

इस तरीके से जानकारी छिपाना छात्रों और अभिभावकों के अधिकारों का हनन है. उन्हें पूरी और साफ जानकारी मिलनी चाहिए ताकि वे सही फैसला ले सकें. (ऐसा धारा 2(9), Consumer Protection Act, 2019 में कहा गया है). झूठे दावे करके कोचिंग संस्थान लोगों में झूठी उम्मीदें जगाते हैं और उनके फैसले को गलत दिशा में मोड़ते हैं.

अब तक की कार्रवाई

CCPA ने बताया कि भ्रामक विज्ञापनों को लेकर अब तक अलग-अलग कोचिंग संस्थानों को 54 नोटिस भेजे गए हैं. इनमें से 26 संस्थानों पर कुल 90.6 लाख रुपये से ज्यादा का जुर्माना लगाया जा चुका है. CCPA ने साफ कहा कि सभी कोचिंग संस्थानों को विज्ञापनों में पूरी और सच्ची जानकारी देनी होगी.

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