उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में एक महिला और उसके 11 साल के बेटे ने आत्महत्या कर ली. घटना के बाद पुलिस को उनके फ्लैट से एक नोट भी बरामद हुआ. इसमें इस घटना के लिए किसी को भी जिम्मेदार नहीं बताया गया है. ऐसा बताया गया है कि महिला का बेटा मानसिक रूप से बीमार था. इसी को लेकर वो काफी परेशान रहती थी.
बेटा बीमार था, मां से परिवार का दुख देखा न गया, दोनों ने अपनी जान दे दी
जांच में पता चला कि कपल का बेटा लंबे समय से मेंटल कंडीशन से जूझ रहा था. उसकी लगातार दवाइयां चल रही थीं. कई डॉक्टरों से सलाह लेने और गुरुद्वारों में प्रार्थना करने के बावजूद, उसकी हालत में कोई सुधार नहीं हुआ.


इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक ये मामला ग्रेटर नोएडा की ऐस सिटी सोसायटी का है जहां 13 सितंबर को साक्षी चावला और उनके 11 साल के बेटे ने अपनी जान दे दी. पुलिस सूत्रों ने बताया, “घटना करीब 10 बजे हुई. फ्लैट के अंदर से एक नोट भी मिला. ये साक्षी के पति दर्पण चावला के नाम था. उसमें महिला ने माफी मांगते हुए लिखा था वे इस दुनिया को छोड़ रहे हैं.”
पुलिस के मुताबिक महिला ने नोट में लिखा कि वो और उसका बच्चा परिवार को और परेशान नहीं करना चाहते. ये भी लिखा, "हमारे ना रहने पर अपनी जिंदगी बर्बाद मत करना. हमारी मौत के लिए कोई जिम्मेदार नहीं है."
जांच में पता चला कि कपल का बेटा लंबे समय से मेंटल कंडीशन से जूझ रहा था. उसकी लगातार दवाइयां चल रही थीं. कई डॉक्टरों से सलाह लेने और गुरुद्वारों में प्रार्थना करने के बावजूद, उसकी हालत में कोई सुधार नहीं हुआ. पड़ोसियों ने बताया कि साक्षी अक्सर परेशान रहती थीं और शिकायत करती थीं कि उनका जीवन बहुत मुश्किल हो गया है.
रिपोर्ट के मुताबिक 13 सितंबर की सुबह चार्टर्ड अकाउंटेंट दर्पण ने साक्षी से अपने बेटे को दवा देने को कहा. दवा देने के बाद, साक्षी बालकनी में चली गईं. कुछ ही देर बाद दोनों ने जान दे दी. हालांकि ये जांच का विषय है कि बेटे ने अपनी मर्जी से जान दी या साक्षी ने कोई जबरदस्ती की. ऐसा इसलिए क्योंकि उम्र और मानसिक बीमारी के चलते उसके निर्णय लेने की क्षमता पर सवाल है.
घटना को लेकर ADCP सेंट्रल नोएडा शाव्या गोयल ने बताया,
"बच्चा मानसिक रूप से अस्थिर था, मां इस वजह से तनाव में थी. हमें एक सुसाइड नोट मिला है. शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है और आगे की जांच जारी है."
रिपोर्ट के मुताबिक चावला परिवार उत्तराखंड के गढ़ी नेगी गांव का रहने वाला है. इस मामले में बिसरख पुलिस को कोई शिकायत नहीं मिली है. जानकारी के मुताबिक सीए दर्पण चावला दो दिन पहले ही अपने बेटे को पंजाब से दिखाकर लौटे थे. साक्षी पहले IT कंपनी में नौकरी करती थीं, लेकिन बेटा होने के बाद उन्होंने नौकरी छोड़ दी थी.
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