असम के दीमा हसाओ जिले में सोमवार, 6 जनवरी को एक कोयला खदान में पानी भर जाने से कई मजदूर फंसे हुए हैं. मजदूरों की संख्या 9 बताई जा रही है. इन्हें खदान में फंसे 12 घंटे से अधिक का समय हो चुका है. प्रशासन मजदूरों को सुरक्षित निकालने के लिए दोपहर से ही राहत और बचाव कार्य में जुटा हुआ है. मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं.
असम में कोयला खदान में भरा पानी, 12 घंटे से नौ मजदूर फंसे, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
Assam Coal Mine Water Flood: असम में एक कोयला खदान में पानी भर जाने से कई मजदूर फंसे हुए हैं. मजदूरों की संख्या 9 बताई जा रही है. इन्हें खदान में फंसे 12 घंटे से अधिक का समय हो चुका है.


इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, यह खदान दीमा हसाओ जिले के कलामती इलाके में स्थित है. पुलिस के अनुसार, खदान में अचानक पानी भर गया, जिससे अंदर काम कर रहे मजदूर बाहर नहीं निकल पाए. अभी तक खदान में पानी भरने की वजह का पता नहीं चल सका है.
असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने मामले की जानकारी देते हुए X पर पोस्ट कर लिखा,
"उमरंगशू से दुखद खबर, जहां मजदूर कोयला खदान में फंसे हुए हैं. अभी तक सही संख्या और स्थिति अज्ञात है. डीसी, एसपी और मेरे सहयोगी श्री कौशिक राय घटनास्थल पर पहुंच रहे हैं. ईश्वर से सभी की सुरक्षा की प्रार्थना कर रहा हूं."
मुख्यमंत्री ने राहत और बचाव कार्य में तेजी लाने का निर्देश देते हुए आगे लिखा,
“हमने चल रहे बचाव अभियान में सेना की सहायता का अनुरोध किया है. राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) भी मदद के लिए घटनास्थल पर पहुंच रहे हैं.”
पुलिस अधीक्षक मयंक कुमार ने बताया कि खदान में कई मजदूरों के फंसे होने की आशंका है. उन्होंने आगे कहा कि खतरे को देखते हुए बचाव कार्य धीमी गति से चलाया जा रहा है. तथा खदान के गड्ढे में भरे पानी को निकालने के लिए दो मोटर पंप का इस्तेमाल किया जा रहा है. खदान काफी गहरी है. इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम, स्थानीय प्रशासन और खनन विशेषज्ञों की टीमों के साथ रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है.
खबर है कि खदान में रैट होल माइनिंग प्रक्रिया से माइनिंग की जा रही थी. रैट होल माइनिंग एक खतरनाक प्रक्रिया है. इसका उपयोग कोयले की खदानों में किया जाता है. इसमें चूहों की तरह छोटे छेद बनाकर खुदाई की जाती है. यह प्रक्रिया झारखंड, छत्तीसगढ़ और उत्तर-पूर्वी राज्यों में प्रचलित है. इसके अलावा कई जगहों पर इसे बैन भी किया गया है.
वीडियो: मेघालय की अवैध कोयला खदान में 13 दिनों से फंसे हैं 15 खदान मजदूर











.webp)


.webp)
.webp)


