दिल्ली चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने केंद्र सरकार के साथ मिलकर ‘एंटी रोमियो स्क्वाड’ बनाने का जो वादा किया था वो पूरा होते दिख रहा है. दिल्ली के पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा ने बीते दिनों एक ऑर्डर साइन किया था, जिसकी जानकारी अब सामने आई है. यूपी के ‘एंटी रोमियो स्क्वाड’ की तरह ही दिल्ली में भी ऐसा ही स्क्वाड शुरू किया जाएगा. इस स्क्वाड को एंटी ईव टीज़िंग ‘शिष्टाचार स्क्वाड’ नाम दिया गया है.
दिल्ली में बनेगा ‘एंटी रोमियो स्क्वाड’, लेकिन इसका नाम...
हर जिले में ऐसे दो स्क्वाड होंगे. इसका नेतृत्व ACP (क्राइम अगेंस्ट वीमेन) करेंगे. हर स्क्वाड में एक इंस्पेक्टर, एक सब-इंस्पेक्टर, आठ कांस्टेबल और चार महिला पुलिसकर्मी शामिल होंगे.


इंडिया टुडे के इनपुट के मुताबिक, दिल्ली के 15 पुलिस जिलों में से हर जिले (प्रशासनिक तौर पर दिल्ली में कुल 11 जिले हैं) में ये दस्ते बनाए जाएंगे. ये पहली बार है जब दिल्ली पुलिस के पास महिलाओं की सुरक्षा के लिए एक अलग दस्ता होगा. ये ऑर्डर दिल्ली के पुलिस कमिश्नर ने इंटरनेशनल विमन डे यानी 8 मार्च को साइन किया था.

ऑर्डर के मुताबिक, हर जिले में ऐसे दो स्क्वाड होंगे. इसका नेतृत्व ACP (क्राइम अगेंस्ट वीमेन) करेंगे. हर स्क्वाड में एक इंस्पेक्टर, एक सब-इंस्पेक्टर, आठ कॉन्स्टेबल और चार महिला पुलिसकर्मी शामिल होंगे. इन दस्तों में प्रशिक्षित कर्मी शामिल होंगे जो मौके पर मौजूद रहकर महिलाओं के ख़िलाफ अपराधों को रोकेंगे और आरोपियों के खिलाफ एक्शन लेंगे. हर दस्ते को एक चारपहिया गाड़ी और उचित संख्या में दोपहिया गाड़ी मुहैया कराई जाएगी.
बता दें कि दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए अपने घोषणापत्र में बीजेपी ने “एंटी-रोमियो स्क्वाड” बनाने का वादा किया था. 2017 में योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार इस तरह के दस्ते बनाने वाली पहली सरकार थी.
ऑर्डर के मुताबिक, स्क्वाड हर दिन कम से कम दो संवेदनशील जगहों पर अभियान चलाएगा. अपराधियों की पहचान करने और उन्हें रोकने के लिए स्क्वाड के मेंबर सादे कपड़ों में होंगे. पुलिसिया जिले के DCP सबसे पहले ऐसी जगहों की पहचान करेंगे जो महिलाओं की सुरक्षा के लिहाज से संवेदनशील हैं. स्क्वाड का फोकस इन इलाकों पर ज़्यादा होगा. इन हॉटस्पॉट्स की लिस्ट महिलाओं और बच्चों के लिए पहले से बनी स्पेशल पुलिस यूनिट (SPUWAC) के साथ शेयर भी की जाएगी.

ज़रूरत पड़ने पर जिले के स्पेशल स्टाफ या एंटी-ऑटो थेफ्ट स्क्वाड में तैनात पुलिसकर्मियों से भी टेक्निकल मदद ली जाएगी. स्क्वाड में शामिल पुलिसकर्मी पब्लिक ट्रांसपोर्ट (डीटीसी बस आदि) का औचक निरीक्षण करेंगे. बसों में मौजूद ड्राइवरों, कंडक्टरों और यात्रियों से बातचीत करेंगे और उन्हें ऐसी घटनाओं की रिपोर्ट करने के लिए प्रेरित करेंगे. जिले के DCP ये सुनिश्चित करेंगे कि पीड़ितों को फिज़ूल की जांच या शर्मिंदगी से बचाया जाए.
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