दिल्ली में एक कैफे मालिक ने आत्महत्या कर ली. 40 साल के मृतक पुनीत खुराना (Puneet Khurana Suicide) के परिवार ने आरोप लगाया है कि उनकी पत्नी और उनके ससुराल वाले उन्हें परेशान कर रहे थे. खुराना और उनकी पत्नी मनिका पाहवा के बीच तलाक का केस चल रहा था. दोनों अलग रह रहे थे और उन्होंने साथ मिलकर एक कैफे शुरू किया था. इस बीच पाहवा का एक सोशल मीडिया पोस्ट चर्चा में है. ये पोस्ट खुराना की आत्महत्या से करीब एक सप्ताह पहले की है. 1 जनवरी को उन्होंने अपनी जान दे दी थी.
दिल्ली कैफे कारोबारी पुनीत की आत्महत्या से पहले पत्नी ने किया था पोस्ट, क्या बात की थी?
Puneet Khurana और उनकी पत्नी Manika Pahwa साथ में एक कैफे चलाते थे. तलाक का मामला आने के बाद दोनों अलग रहने लगे और बिजनेस का भी बंटवारा हो गया.

NDTV की एक रिपोर्ट के मुताबिक, मनिका पाहवा ने अपने पोस्ट में लिखा कि ‘टॉक्सिसिटी और आत्ममुग्धता के कारण हुए दुर्व्यवहार’ के बाद वो अब ठीक हो रही हैं. उन्होंने लिखा कि वो हर रोज खुद को बेहतर बनाने का प्रयास कर रही हैं. किसी का नाम लिए बगैर उन्होंने कहा कि ये भगवान तय करेंगे कि उनके साथ दुर्व्यवहार करने वालों के लिए क्या उचित होगा? पाहवा ने आगे लिखा,
"वैसे फेमिनिज्म मुझे सूट करता है, क्योंकि आदर्शवादी मूल्य मेरे स्वभाव में हैं. और फेमिनिज्म का मतलब है सिर्फ सम्मान देना और पाना. एक दूसरे के साथ गुलामों जैसा व्यवहार नहीं, और किसी लड़की को अपनी बात कहने से नहीं रोकना. यहां तक कि एक घरेलू सहायिका, गार्ड, रिक्शावाला, एक छोटा बच्चा भी सम्मानजनक व्यवहार का हकदार है. एक बार एक कायर ने मुझसे कहा कि इज्जत कमानी पड़ती है. क्या अपमान है ना? मैं इससे असहमत हूं. सम्मान हर किसी को दिया जाना चाहिए. अगर नहीं तो तुमने सम्मान खो दिया. शायद इसीलिए भारत में हम अजनबियों को भी ‘आप’, ‘भैया’, 'दीदी' कहकर संबोधित करते हैं, है न?"
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पाहवा ने अपने साथ दुर्व्यवहार करने वालों को "इनसिक्योर" बताते हुए लिखा था कि दया और प्रेम जैसे गुण हमेशा पैसों से ज्यादा जरूरी हैं. उन्होंने लिखा,
“मैं बस यही चाहती हूं कि ये दुर्व्यवहार करने वाले किसी दिन आईना देखें. और समझें कि दया, प्रेम, समझ, विश्वास, बुद्धि, स्नेह और केयर- ये सब सच्चे गुण हैं. और पैसे, संपत्ति और सोने से कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण हैं. भगवान उन निर्दयी लोगों का भला करें. मुझे पता है कि उनको कोई भी बदल नहीं सकता, लेकिन आइए बस प्रार्थना करें. किसी और को कुछ इनसिक्योर कायरों के कारण पीड़ा न झेलनी पड़े. मेरे साथ प्रार्थना करें. ठीक है? आप सभी से प्यार करती हूं. मैं आजाद हूं.”
1 जनवरी को पुनीत खुराना की आत्महत्या की जानकारी के बाद उनकी बहन ने न्यूज एजेंसी ANI से कहा,
“मनिका पाहवा, उसके माता-पिता और उसकी बहन ने मेरे भाई को मजबूर किया, उसे तनाव में डाला. उसे ये कहकर उकसाया कि ‘तुम कुछ नहीं कर सकते, हिम्मत हो तो आत्महत्या कर लो’. पुनीत ने अपनी मौत से पहले एक वीडियो बनाया था, वीडियो उसके फोन में है, उसने सब कुछ बताया है कि कैसे मनिका और उसके माता-पिता ने उस पर मानसिक दबाव डाला. उन्होंने हमारे माता-पिता को बाहर निकालने की धमकी दी. और उसे अपनी दुकान का शटर खोलने के लिए चैलेंज किया. वो उसे (पुनीत को) गाली देते रहे.”
पुनीत और मनिका ने साथ मिलकर वुडबॉक्स कैफे शुरू किया था जो अब बंद हो चुका है. 31 दिसंबर की रात को पुनीत ने मनिका को कॉल किया था. बताया जा रहा है कि बिजनेस से जुड़े मामले पर दोनों में लड़ाई हुई. इस बातचीत को भी पुनीत ने अपने फोन पर रिकॉर्ड किया है. पुलिस ने फोन को जब्त कर लिया है. फॉरेंसिक टीम आगे की जांच कर रही है. खुराना की बहन ने आगे कहा,
"पहले वो दोनों मिलकर बेकरी का बिजनेस चलाते थे. लेकिन जब तलाक का मामला आया, तो ये तय हुआ और लिखित रूप में दिया गया कि पुनीत फॉर गॉड्स बेकरी संभालेंगे और मनिका को वुडबॉक्स कैफे मिलेगा. इस पर हस्ताक्षर हो गए. इसके बाद भी वो कहती रही कि वो अपना हिस्सा नहीं छोड़ेगी. जब मामला अदालत में तय हो गया है, तो वहां जाकर मुद्दा उठाओ. वो उसे फोन करती रही और अपना हिस्सा मांगती रही."
खुराना की मां ने भी यही दावा किया कि पाहवा उनके बेटे को प्रताड़ित करती रहीं और वो चुपचाप ये सब सहता रहा. उन्होंने कहा,
"दोनों का कारोबार साझा था, इस पर उनमें विवाद होता था. वो हमसे खुलकर कुछ नहीं कहता था, उसे लगता था कि हम परेशान हो जाएंगे. वो अपना दुख दबाता रहा. मेरा बेटा अच्छा कर रहा था, लेकिन कल उसने उसे इतना प्रताड़ित किया कि उसने ये कदम उठा लिया."
2016 में दोनों की शादी हुई थी और वो करीब दो साल से अलग रह रहे थे. खुराना के परिवार ने मनिका पाहवा और उनके परिवार के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है.
(अगर आप या आपके किसी परिचित को खुद को नुकसान पहुंचाने वाले विचार आ रहे हैं तो आप इस लिंक में दिए गए हेल्पलाइन नंबरों पर फोन कर सकते हैं. यहां आपको उचित सहायता मिलेगी. मानसिक रूप से अस्वस्थ महसूस होने पर डॉक्टर के पास जाना उतना ही ज़रूरी है जितना शारीरिक बीमारी का इलाज कराना. खुद को नुकसान पहुंचाना किसी भी समस्या का समाधान नहीं है.)
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