मध्य प्रदेश के दमोह में खाद न मिलने से हजारों किसानों ने जमकर बवाल काटा. पहले तो वे काफी देर तक खाद के लिए लाइनों में लगे रहे. लेकिन जब उनसे कहा गया कि खाद खत्म हो गई है तो उन्होंने खाद वितरण केंद्र में पड़ी बोरियों पर हाथ साफ करना शुरू कर दिया. वितरण केंद्र में चारों तरफ किसान खाद की बोरियां लूटते हुए दिखाई दिए. मामला बिगड़ता देख पुलिस ने मोर्चा संभाला और किसानों को शांत कराया. खुद DM खाद वितरण केंद्र पहुंचे और किसानों को आश्वासन दिया.
दमोह में किसानों को नहीं मिली खाद तो ट्रक ही लूट लिया, वीडियो वायरल
इसके बाद कलेक्टर ने खाद बांटने के लिए अगस्त महीने की 7, 8 और 11 तारीखें तय की थी. लेकिन 11 को स्थिति बिगड़ गई. किसानों ने आरोप लगाया कि वे कई दिनों से चक्कर काट रहे हैं. लेकिन उन्हें एक भी बोरी खाद नहीं मिली. वहीं, DM ने कहा भारी संख्या में किसान पहुंचे थे इसलिए व्यवस्था बन नहीं पाई.

आजतक से जुड़े शांतनु भरत के इनपुट के मुताबिक, दमोह के तेंदूखेड़ा में किसानों ने खाद और यूरिया न मिलने का आरोप लगाया. इसे लेकर बीते दिनों भी उन्होंने 5 घंटे तक हाइवे जाम किया. इसके बाद सरकार ने मामले में संज्ञान लिया था. खुद स्थानीय विधायक और एमपी के संस्कृति मंत्री धर्मेंद्र लोधी ने मामले में पहल करते हुए किसानों को खाद मुहैया करने का आश्वासन दिया था.
इसके बाद कलेक्टर ने खाद बांटने के लिए अगस्त महीने की 7, 8 और 11 तारीखें तय की. इस दिन किसानों को दो बोरी खाद और यूरिया देने का वादा किया. बताते चलें कि वितरण ठीक-ढंग से हो सके, इसलिए टोकन का सिस्टम बनाया गया था, ताकि अव्यवस्था का माहौल न बने. इन तीन तारीखों पर हजारों की संख्या में किसान खाद वितरण केंद्र पर जुटे. इनमें से कुछ को खाद मिली जबकि कुछ को नहीं मिली. लेकिन 11 अगस्त को स्थिति बिगड़ गई.
नाराज किसान हंगामे पर उतारू हो गए. इसी बीच खाद से भरा ट्रक वितरण केंद्र के गोदाम में पहुंचा. ट्रक को आते देख किसानों ने ट्रक पर धावा बोल दिया. हजारों की संख्या में किसान ट्रकों पर चढ़ गए और उनमें पड़ी पीले रंग की खाद की बोरियां लूटकर ले जाने लगे. वितरण केंद्र में अफरा-तफरी मच गई.
मामला बिगड़ता देख पुलिस ने मोर्चा संभाला. पुलिस ने बोरी लूट रहे किसानों को खदेड़ना शुरू किया. इसी दौरान किसानों की पुलिसकर्मियों से बहस भी हुई. मामले की सूचना पाकर कलेक्टर सुधीर कोचर खुद मौके पर पहुंचे. उन्होंने समझा-बुझाकर किसानों को शांत कराया और खाद मुहैया कराने का आश्वासन दिया. पूरे मामले को लेकर DM कोचर ने कहा,
“हमने किसानों को आश्वस्त किया था हमारे पास पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध है. लेकिन आज (11 अगस्त) लगभग 8 से 9 हजार वितरण केंद्र पर पहुंचे थे. इतने संख्या में लोगों को संभालने के लिए व्यवस्था बनानी पड़ती है. जिन किसानों को पास कूपन है उन्हें खाद दी जा रही है. जिनके पास कूपन नहीं है उन्हें तहसील ऑफिस भेजा है. वहां उनके कूपन बनाए जा रहे हैं.”
उन्होंने आगे कहा,
“किसानों को बिल्कुल चिंता करने की जरूरत नहीं है. सबको आराम से पर्याप्त मात्रा में खाद मिलेगी. किसानों से विनती है कि वे अनुशासन, धैर्य और संयम बनाए रखें. अन्यथा व्यवस्था बिगड़ने से सबको नुकसान हो सकता है.”
किसानों ने बताया कि खाद सुबह 9 से 10 बजे के बीच वितरित की जानी थी. काफी संख्या में किसान सुबह 8 बजे ही डबल-लॉक गोदाम पहुंच गए थे. जब वे वहां पहुंचे तो न तो कूपन मिल रहे थे और न खाद दी जा रही थी. किसानों ने सवाल उठाया कि तय समय से पहले किसे कूपन दिए गए? कई किसानों ने बताया कि वे बीते 15-20 दिनों से खाद लेने आ रहे हैं. लेकिन उन्हें एक भी बोरी खाद नहीं मिली.
कुछ किसानों ने कहा कि वे 25 किलोमीटर दूर से गोदाम पहुंचे. लेकिन उन्हें कूपन नहीं मिले, जबकि फोन पर सुबह 9 बजे से वितरण का मैसेज मिला था. कुछ किसानों ने यह भी आरोप लगाया कि उन्हें 4 अगस्त को टोकन मिला था. बावजूद इसके उन्हें खाद नहीं दी गई. जो किसान कई-कई घंटों तक लाइन में लगे रहे उन्हें भी खाद नहीं दी गई. लेकिन DM का कहना है कि पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध है जो सबको दी जाएगी.
वीडियो: महाराष्ट्र: किसानों की खुदकुशी के डरावना आंकड़े, 3 महीने में 767 मौतें