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पटना के जेपी सेतु में दरारें, नीतीश कुमार ने पिछले हफ्ते ही किया था उद्घाटन, 3831 करोड़ की लागत से बना

पिछले हफ्ते ही सीएम नीतीश कुमार ने दीदारगंज दीघा जेपी सेतु के कंगन घाट से दीदारगंज तक के हिस्से का लोकार्पण किया था. भारी तामझाम और सुरक्षा व्यवस्था के बीच यह उद्घाटन कार्यक्रम आयोजित हुआ था. लोकार्पण के बाद जब गाड़ियों के लिए पुल को खोला गया तो इसमें दरार देखने को मिली.

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9 अप्रैल की सीएम नीतीश ने किया था उद्धाटन. (फोटो- इंडिया टुडे)
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शशि भूषण कुमार

बिहार से पुल गिरने, उसमें दरारें आने और निर्माण की गुणवत्ता से समझौते की ख़बरें अक्सर आती रहती हैं. ताज़ा मामला राजधानी पटना का है. यहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 9 अप्रैल को जेपी गंगा पथ (जेपी सेतु) पुल का उद्घाटन किया था. लेकिन अब इस पुल में दरारें (Cracks In New Flyover In Patna) देखने को मिल रही हैं. जानकारी के मुताबिक, दीदारगंज के पास पाया नंबर A-3 में यह दरार देखी गई है. दरारें अब गंगा पथ के दोनों लेनों तक फैली नज़र आ रही हैं. बता दें कि इस पुल के निर्माण में 3831 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं.

आजतक की ख़बर के मुताबिक, पिछले हफ्ते ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दीदारगंज-दीघा जेपी सेतु के कंगन घाट से दीदारगंज तक के हिस्से का लोकार्पण किया था. भारी तामझाम और सुरक्षा व्यवस्था के बीच यह उद्घाटन कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम में दोनों उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा समेत राज्य के अन्य मंत्री और अधिकारी मौजूद थे.

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लोकार्पण के बाद जब पुल को गाड़ियों के लिए खोला गया, तो उसमें दरारें देखने को मिलीं. पुल शुरू होने के कुछ ही दिनों के भीतर सड़क पर दरारें सामने आना न सिर्फ सरकार, बल्कि निर्माण एजेंसियों की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े कर रहा है.

बिना सेफ्टी चेक के शुरू किया पुल?

ऐसे में विशेषज्ञों और आम जनता का मानना है कि ये दरारें इस बात का संकेत हैं कि पुल के निर्माण की गुणवत्ता से समझौता किया गया है. कहा जा रहा है कि साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों को देखते हुए सरकार ने इस पुल का उद्घाटन जल्दबाज़ी में कर दी. इसकी वजह से इसमें दरारें आ गईं. तेज़ आंधी और बारिश के बीच मुख्यमंत्री का उद्घाटन कार्यक्रम में पहुंचना और उसी पुल पर दरारें आना. जानकारों के मुताबिक ये साफ है कि उद्घाटन से पहले तकनीकी परीक्षण और सुरक्षा जांच पूरी तरह नहीं की गई थी.

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ऐसा पहली बार नहीं है जब बिहार में किसी पुल, सड़क या अन्य किसी सरकारी कार्य में लापरवाही बरतने की ख़बर सामने आई हो. इस बार पुल शुरू होने के एक हफ्ते से भी कम समय में ही दरारें देखने को मिली हैं.

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