भारत में कोविड-19 के सक्रिय मामले बढ़कर 3,961 हो गए हैं. जिनमें केरल में सबसे ज़्यादा 1,435 मामले हैं. जबकि महाराष्ट्र 506 मामलों के साथ दूसरे नंबर पर है. सोमवार, 2 जून तक के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय (MoHFW) के आंकड़ों के मुताबिक़, 24 घंटे में 203 नए मामले दर्ज किए गए हैं. हालांकि, WHO की पूर्व चीफ़ साइंटिस्ट सौम्य स्वामीनाथन का कहना है कि बहुत ज़्यादा डरने की ज़रूरत नहीं है.
कोविड के एक्टिव मरीजों की तादाद 4,000 के करीब, WHO की पूर्व वैज्ञानिक क्या बता गईं?
Covid-19 cases in India: आंकड़े बताते हैं कि बीते 24 घंटों में दिल्ली में कोविड से एक मौत हुई. 22 साल की लड़की सांस लेने से जुड़ी किसी बीमारी से पीड़ित थी. इसे मिलाकर अब तक कुल 4 मौतें हो चुकी हैं.

आंकड़े बताते हैं कि बीते 24 घंटों में दिल्ली में कोविड से एक मौत हुई. 22 साल की लड़की सांस लेने से जुड़ी किसी बीमारी से पीड़ित थी. इसे मिलाकर अब तक कुल 4 मौतें हो चुकी हैं.

बताते चलें, एशिया के कई देशों में कोविड-19 के मामले बढ़ रहे हैं. भारत में भी बढ़ोतरी दिख रही है. हालांकि, ज़्यादातर मामले हल्के हैं. लेकिन जिन लोगों की इम्यूनिटी कमज़ोर हो चुकी है. जो बड़े-बुज़ुर्ग कोविड-19 के ज़्यादा रिस्क पर हैं. उन्हें सलाह है कि वो कोविड-19 वैक्सीन का बूस्टर डोज़ ज़रूर लगवाएं.
रिपोर्ट्स के मुताबिक़, ये बढ़ोतरी ख़ासकर कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वेरिएंट के चलते हो रही है. एशियाई देशों में स्वास्थ्य अधिकारियों ने जिन वेरिएंट की सीक्वेंसिंग की गई है, वे LF.7, XFG , JN.1 और NB.1.8.1 सीरीज के हैं.
जानकारों के मुताबिक़, JN.1 वेरिएंट ज्यादा संक्रामक है और इम्युनिटी को चकमा दे सकता है. JN.1 वेरिएंट ओमिक्रॉन का ही एक रूप है. इसलिए, कोविड की वैक्सीन इस वायरस के ख़िलाफ़ अच्छी इम्यूनिटी देती है.
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विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की पूर्व चीफ साइंटिस्ट और एमएस स्वामीनाथन रिसर्च फाउंडेशन की अध्यक्ष सौम्या स्वामीनाथन ने भी कोविड के नए मामलों पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि बीते कुछ सालों में लोगों ने जो इम्यूनिटी हासिल की है. उसके कारण कोविड-19 से डरने का कोई ज़रूरत नहीं है.
चेन्नई में जीईएम अस्पताल ने एंडोस्कोपी पर एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन स्कोप 2025 आयोजित किया था. इस मौक़े पर पहुंची सौम्या ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि मौजूदा उछाल ओमिक्रॉन स्ट्रेन के सबवेरिएंट के कारण है. हालांकि वायरस में कुछ म्यूटेशन हो सकते हैं. लेकिन कुल मिलाकर स्ट्रेन वही रहता है.
डॉ. स्वामीनाथन ने खांसी, जुकाम या बुखार जैसे लक्षण होने पर दूसरों को संक्रमण से बचाने के लिए मास्क पहनने की भी सलाह दी. उन्होंने चेतावनी दी कि ज़्यादा जोखिम वाले व्यक्तियों को सतर्क रहना चाहिए.
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