पहलगाम हमले (Pahalgam Terror Attack) के बाद कांग्रेस (Congress) ये संदेश देने की कोशिश कर रही है कि वह भारत सरकार के साथ है. लेकिन कभी किसी नेता के बिगड़े बयान तो कभी पार्टी की सोशल मीडिया पोस्ट उसकी कोशिश का काम तमाम कर दे रही है. हाल ही में पहलगाम हमले को लेकर कांग्रेस के ऑफिशियल हैंडल से एक पोस्ट किया गया था. इसमें एक ‘सिरविहीन’ फोटो थी और सिर की जगह पर 'गायब' लिखा था.
पहलगाम हमले के बहाने PM मोदी का सिर 'गायब' दिखाया, फिर कांग्रेस के अंदर क्या बवंडर मचा?
कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 'सिरविहीन' फोटो लगाई तो बवाल मच गया. पार्टी को पोस्ट हटानी पड़ी. इस विवाद ने कांग्रेस के भीतर मिस-कम्युनिकेशन के भेद खोल दिए हैं.

प्रधानमंत्री जैसी पोशाक होने की वजह से कांग्रेस लोगों के निशाने पर आ गई. इसे संवेदनहीन पोस्ट बताया गया और संकट के समय भी राजनीति करने के आरोप लगाकर कांग्रेस को जमकर सुनाया गया. भाजपा तो इसे ‘सर तन से जुदा’ वाली सोच से जोड़ते हुए कांग्रेस पर बरस ही पड़ी.
शुरू में कांग्रेस को इस पोस्ट की गंभीरता का अंदाजा नहीं था, लेकिन जब लोग पार्टी को ट्रोल करने लगे तो पार्टी में अंदरखाने हलचल होने लगी. सोशल मीडिया यूजर्स को लगा कि ये पोस्ट तो कांग्रेस की आधिकारिक पार्टी लाइन के खिलाफ है. जहां उसके नेता सरकार से एकजुटता दिखा रहे हैं, वहीं उसका सोशल मीडिया तो कोई और ही परसेप्शन बनाने में जुटा है.
इंडिया टुडे से जुड़ीं मौसमी सिंह की रिपोर्ट के मुताबिक ये पोस्ट कांग्रेस के अपने ही कुछ नेताओं के गले नहीं उतरी. उन्हें भी यही लगा कि कांग्रेस के शीर्ष नेता पहलगाम मुद्दे पर जो सोच-बोल रहे हैं, ये पोस्ट उसके हिसाब से नहीं है.
ट्रोल हुई कांग्रेसफिर वही हुआ, जो होना था. एक्स पर की गई ये पोस्ट जंगल में आग की तरह फैल गई. लोगों ने पार्टी को जमकर ट्रोल किया. वहीं कांग्रेस की तरफ से पोस्ट हटाने के बजाय डमी अकाउंट्स से इसका बचाव करने की कोशिश की गई. जो लोग पोस्ट की निंदा कर रहे थे उन पर तीखे हमले किए गए.
कांग्रेस की सोशल मीडिया प्रमुख हैं- सुप्रिया सिंह श्रीनेत. वह भी पोस्ट के बचाव में उतर आईं. एक टीवी चैनल पर वह एक्टर तुषार कपूर की फिल्म ‘गायब’ का पोस्टर लहराती नजर आईं. उन्होंने बताया कि पोस्ट इस फिल्म के पोस्टर से ही प्रेरित है. इसमें सिर्फ पोशाक बनी है, जिसका सिर नहीं है. पोशाक के अंदर किसी व्यक्ति का चित्र नहीं है. उन्होंने भाजपा को लताड़ भी लगाई कि ‘सर तन से जुदा’ जैसी खराब बातें भाजपा के दिमाग में कैसे आती हैं.
मौसमी सिंह के मुताबिक सूत्रों ने इंडिया टुडे को बताया कि जयराम रमेश और पवन खेड़ा जैसे कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने श्रीनेत को मनाने की कोशिश की, लेकिन वह नहीं मानीं. शाम को रायबरेली दौरे पर गए राहुल गांधी को इस बारे में पता चला. उन्होंने श्रीनेत को फोन किया. रिपोर्ट कहती है कि वह इस पोस्ट को लेकर परेशान थे. उन्होंने श्रीनेत से तुरंत पोस्ट हटाने के लिए कहा. इस वजह से पूरे दिन एक्स पर रहने के बाद पोस्ट तब हटाया गया, जब राहुल गांधी ने इसके लिए कहा.
पहले भी हटाने पड़े पोस्टसोशल मीडिया का काम किसी भी पार्टी या नेता की छवि बदलने या किसी मुद्दे पर पार्टी या नेता का परसेप्शन तैयार करना होता है. हालांकि, कांग्रेस का सोशल मीडिया अक्सर विवादों में रहा है. इससे पहले कर्नाटक को लेकर सोनिया गांधी की टिप्पणी से जुड़ी पोस्ट कांग्रेस को हटानी पड़ी थी. इसमें सोनिया गांधी के हवाले से कहा गया था, "will not allow anyone to pose a threat to Karnataka's reputation, sovereignty and integrity."
सोनिया गांधी की इस बात से ‘Sovereignty’ शब्द को भाजपा ने लपक लिया. कांग्रेस की आलोचना हुई. इसके बाद पार्टी ने यह कहते हुए पोस्ट हटा ली कि इसका ‘गलत’ अर्थ लगाया गया.
राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान भी कांग्रेस ने एक्स पर विवादित पोस्ट किया था. इसमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की खाकी निक्कर में आग लगी दिखाई गई थी. कैप्शन दिया था- ‘145 Days more to go.’ इस पोस्ट पर भी खूब बवाल मचा. भाजपा ने निशाना साधते हुए इसे कांग्रेस की ‘आग लगाओ यात्रा’ कह दिया था.
कंगना पर टिप्पणीकांग्रेस के सोशल मीडिया की एक और पोस्ट पर काफी विवाद हुआ था. 2024 के लोकसभा चुनाव में फिल्म एक्ट्रेस कंगना रनौत हिमाचल प्रदेश की मंडी सीट से चुनाव लड़ रही थीं. इसे लेकर सुप्रिया सिंह श्रीनेत ने सोशल मीडिया पर एक विवादित पोस्ट किया. इसमें कंगना की फोटो लगी थी और कैप्शन था- 'क्या भाव चल रहा है मंडी में. कोई बताएगा?' बवाल मचा तो सुप्रिया श्रीनेत ने सफाई दी कि अकाउंट कोई और हैंडल कर रहा था. उन्होंने ये पोस्ट नहीं की. हालांकि, पोस्ट हटा दिया गया, लेकिन पार्टी की छवि को इसका नुकसान हो चुका था.
पार्टी ऐसी परिस्थितियों में कई बार फंस चुकी है. मजबूर होकर पार्टी के महासचिव केसी वेणुगोपाल को पदाधिकारियों के नाम चिट्ठी लिखनी पड़ी थी. इसमें कहा गया था कि पार्टी लाइन से अलग किसी भी तरह की गलतबयानी या बिना सोचे-समझे की गई टिप्पणी अनुशासन का उल्लंघन मानी जाएगी. हालांकि, इसके बाद भी गलतियां नहीं थम रही हैं. जाहिर है कि पार्टी गंभीर अंदरूनी संचार संकट से जूझ रही है.
इंडिया टुडे के सूत्रों से कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि कांग्रेस प्रचार-प्रेमी नेताओं से त्रस्त है, जिनके कारण कई बार पार्टी को चुनाव में हार का सामना करना पड़ा है. उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर चूक इस तरह की गलती को कई गुना बढ़ा देती है, जिसे पार्टी इस समय बर्दाश्त नहीं कर सकती.
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