The Lallantop

'मिशन पूरा, कैसा लगा, धमाका कर दिया ना', प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद कर्नल सोफिया कुरैशी ने किसे फोन मिलाया?

Operation Sindoor के बाद कर्नल सोफिया कुरैशी चर्चा में हैं. Supreme Court ने महिला ऑफिसर्स को परमानेंट कमीशन देने के अपने लैंडमार्क जजमेंट में कर्नल Sophiya Qureshi की उपलब्धियों का जिक्र किया था. इसके अलावा साल 2016 में कर्नल सोफिया कुरैशी भारतीय सेना का नेतृत्व करने वाली पहली महिला अधिकारी बनीं.

post-main-image
कर्नल सोफिया कुरैशी भारतीय सेना का नेतृत्व करने वाली पहली महिला अधिकारी हैं. (इंडिया टुडे)

‘कैसा लगा, धमाका कर दिया ना.’ ये शब्द हैं कर्नल सोफिया कुरैशी (Col. Sophiya Qureshi) के. जिन्होंने दुनिया भर को ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी दी. उन्होंने विंग कमांडर व्योमिका सिंह (Vyomika Singh) और विदेश सचिव विक्रम मिस्री (Vikram Misri) के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस हमले की डिटेल शेयर की.

दरअसल प्रेस कॉन्फ्रेंस में एयर स्ट्राइक की जानकारी देने के बाद कर्नल सोफिया कुरैशी ने अपने भाई मोहम्मद संजय कुरैशी को फोन किया और कहा, मिशन पूरा हुआ, कैसा लगा, धमाका कर दिया ना. सोफिया कुरैशी के भाई मोहम्मद संजय कुरैशी गुजरात के वडोदरा में रहते हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने अपने ऐतिहासिक जजमेंट में कोट किया

कर्नल कुरैशी भारतीय सेना की चर्चित महिला अधिकारियों में शुमार की जाती हैं. सुप्रीम कोर्ट ने महिला ऑफिसर्स को परमानेंट कमीशन देने के अपने लैंडमार्क जजमेंट में कर्नल सोफिया कुरैशी की उपलब्धियों का जिक्र किया था.  कोर्ट ने इस केस की सुनवाई के दौरान कहा कि महिला अफसरों को जेंडर के आधार पर स्थाई कमीशन से वंचित नहीं किया जा सकता. और उदाहरण के तौर पर कर्नल सोफिया की सेवाओं का जिक्र करते हुए कहा, 

उनका करियर महज ड्यूटी नहीं, बल्कि भारतीय सेना में महिलाओं की भूमिका का प्रतीक बन चुका है.

भारतीय सेना का नेतृत्व करने वाली पहली महिला अधिकारी

साल 2016 में कर्नल सोफिया कुरैशी ने भारतीय सेना के इतिहास में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की. वह भारतीय सेना का नेतृत्व करने वाली पहली महिला अधिकारी बनीं. और आसियान प्लस देशों के बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास 'फोर्स 18' में भाग लेने वाले 18 देशों में एकमात्र महिला कमांडर बनीं. उनके नेतृत्व में भारतीय टीम ने वैश्विक स्तर पर अपने कौशल और दृढ़ संकल्प का प्रदर्शन किया. यह अभ्यास भारत की मेजबानी में हुआ था.

ये भी पढ़ें - कर्नल सोफिया कुरैशी के पिता ताज मोहम्मद बोले, "मौका मिले तो पाकिस्तान को खत्म कर दें"

कांगो में शांति सैनिक की भूमिका

साल 2006 में सोफिया ने संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन के तहत कांगो में भी अपनी सेवाएं दी हैं. यहां उनकी भूमिका युद्दग्र्स्त कांगों में सीजफायर की निगरानी, संघर्षग्रस्त इलाकों में शांति बनाए रखने और जरूरतमंदो तक मानवीय मदद पहुंचाने की थी. 

वीडियो: सोशल लिस्ट: ऑपरेशन सिन्दूर के बाद पाकिस्तानी आतंकियों, सरकार और ‘ह्यूमर’ वालों को धरके जवाब मिले