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विदेशी फंडिंग लेने वाले NGO अब न्यूज नहीं पब्लिश कर पाएंगे, सरकार ने बदल दिया नियम

गृह मंत्रालय ने नए नियमों को लेकर 26 मई की देर रात नोटिफिकेशन जारी किया. मंत्रालय ने कहा कि NGO को FCRA के तहत रजिस्ट्रेशन कराना होगा. इन NGO को यह भी बताना होगा कि वे Financial Action Task Force (FATF) के नियमों का पालन करेंगी.

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FCRA के तहत केंद्र सरकार ने बदले नियम. (फाइल फोटो- इंडिया टुडे)

केंद्र सरकार ने विदेशी फंडिंग (Foreign Funding Rules Change) लेने वाले NGO को लेकर बड़ा फैसला लिया है. सरकार ने विदेशी फंडिंग लेकर न्यूज पब्लिश करने वाले NGO के काम पर रोक लगाने का फैसला किया है. वे अब न्यूज लेटर और खबरों को पब्लिश नहीं कर पाएंगे. गृह मंत्रालय (MHA) ने विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम (FCRA) के तहत नियमों में बदलाव करते हुए यह फैसला लिया है. कहा गया है कि अब ऐसे NGO को रजिस्ट्रार ऑफ न्यूज़पेपर फॉर इंडिया (RNI) से न्यूज कंटेंट नहीं पब्लिश करने का सर्टिफिकेट लेना ज़रूरी होगा.

FATF का पालन करना होगा

इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, गृह मंत्रालय ने नए नियमों को लेकर 26 मई की देर रात नोटिफिकेशन जारी किया. मंत्रालय ने कहा कि NGO को FCRA के तहत रजिस्ट्रेशन कराना होगा. इन NGO को यह भी बताना होगा कि वे Financial Action Task Force (FATF) के नियमों का पालन करेंगी. बता दें कि FATF दुनियाभर में टेरर फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामलों पर पर नजर रखती है.

ये डिटेल्स देनी होंगी

नोटिफिकेशन में कहा गया कि ऐसे NGO जो रजिस्ट्रेशन चाहते हैं, उन्हें अपने सारे खर्चों के बारे में बताना होगा. उन्हें पिछले तीन वर्षों की फाइनेंशियल स्टेटमेंट और ऑडिट रिपोर्ट जमा करनी होगी. इस रिपोर्ट में बैलेंस शीट, रसीद, पेमेंट अकाउंट और इनकम ऐंड एक्सपेंडिचर अकाउंट की जानकारियां होनी चाहिए. अगर किसी कारण से खर्च की डिटेल्स मौजूद न हों तो ऐसे में एक चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) से सर्टिफिकेट बनवाकर देना होगा. सर्टिफिकेट में सभी खर्चों की जानकारी होनी चाहिए.

अगर एसोसिएशन या NGO पब्लिकेशन से जुड़े कामों में शामिल है या होना चाहता है तो इसके लिए संस्था को FCRA के नियमों का पालन करने का वादा करना होगा. अंडरटेकिंग जमा करनी होगी. अगर NGO रजिस्ट्रार ऑफ न्यूज़पेपर से रजिस्टर्ड है तो उसे “अखबार न होने” (Not a Newspaper) का सर्टिफिकेट प्राप्त करना होगा. वहीं, FCRA के तहत पहले से रजिस्टर्ड NGO को हलफनामा देकर बताना होगा कि उन्होंने फंडिंग का इस्तेमाल कहां-कहां किया.

इसके अलावा, अगर किसी NGO का बीते 3 साल में खर्च 15 लाख से कम रहा है तो उसे अपने पूंजी निवेश की जानकारी देनी होगी. वे NGO जो विदेशी फंडिंग लेने की अनुमति चाहते हैं, उन्हें डोनर से एक चिट्ठी भी लेनी होगी. इसमें उसे बताना होगा कि वह कितनी रकम दान में देना चाहता है.

विदेशी फंडिंग लेने वाले सभी NGO को अनिवार्य रूप से FCRA के तहत रजिस्ट्रेशन कराना होगा. ऐसे फंड का इस्तेमाल सिर्फ उसी मकसद के लिए करना होगा जिसके लिए इसे लिया गया है. 

सरकार ने कहा कि विदेशी फंडिंग लेने की इच्छा रखने वाली किसी भी संस्था के लिए तय सांस्कृतिक, आर्थिक, शैक्षिक, धार्मिक या सामाजिक उद्देश्य होना चाहिए. साथ ही सख्त हिदायत दी है कि किसी भी NGO को बिना केंद्र सरकार की अनुमति या रजिस्ट्रेशन के, विदेश फंडिंग नहीं लेनी चाहिए. 

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