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'पाकिस्तान, बांग्लादेश, चीन तीनों मिलकर... ' CDS चौहान ने भारत को नए खतरे को लेकर आगाह किया

CDS General Anil Chauhan ने कहा कि चीन, पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच अगर किसी भी तरह का रणनीतिक सहयोग होता है तो उसका सीधा असर भारत की सुरक्षा पर पड़ेगा.

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CDS जनरल अनिल चौहान एक थिंक टैंक के कार्यक्रम में बोल रहे थे. (इंडिया टुडे, फाइल फोटो)

भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान (CDS General Anil Chauhan) ने चीन (China), पाकिस्तान (Pakistan) और बांग्लादेश (Bangladesh) के संभावित गठजोड़ को भारत (India) की स्थिरता और सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बताया है. उन्होंने कहा कि भारत आज बाहरी और भीतरी दोनों मोर्चों पर बड़े दबाव में है.

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8 जुलाई को एक थिंक-टैंक के कार्यक्रम में बोलते हुए CDS अनिल कुमार चौहान ने कहा कि चीन, पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच अगर किसी भी तरह का रणनीतिक सहयोग होता है तो उसका सीधा असर भारत की सुरक्षा पर पड़ेगा. उन्होंने कहा,

 इन तीनों देशों के साझा हित भारत के लिए एक रणनीतिक खतरा बन सकते हैं, खासकर ऐसी स्थिति में जब बांग्लादेश की राजनीतिक स्थिति अस्थिर है और वहां की प्रधानमंत्री शेख हसीना भारत में शरण ले चुकी हैं.

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जनरल चौहान ने बीजिंग और इस्लामाबाद की मिलीभगत का जिक्र करते हुए कहा कि पाकिस्तान ने पिछले पांच सालों में अपने 70 से 80 फीसदी हथियार और उपकरण चीन से खरीदे हैं. और कई चीनी मिलिट्री फर्म की पाकिस्तान में देनदारियां (बकाया) है.

ऑपरेशन सिंदूर दुनिया के सामने एक उदाहरण

जनरल अनिल चौहान ने कहा कि परमाणु हथियारों के आविष्कार के बाद से दुनिया में सैकड़ों संघर्ष हुए हैं, लेकिन यह पहला मौका था कि दो परमाणु हथियार संपन्न देश सीधे संघर्ष में शामिल थे. उन्होंने कहा,

 ऑपरेशन सिंदूर अपने आप में अनूठा है और यह ने केवल उपमहाद्वीप बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक सबक साबित हो सकता है. पहले इस्तेमाल न करने के हमारे परमाणु सिद्धांत से हमें ताकत मिलती है. इसके चलते हम पाकिस्तान के परमाणु ब्लैकमेलिंग से पार पाने में सफल रहे.

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जनरल अनिल चौहान ने कहा कि भारत ने रोकथाम नीति के तहत आतंकवादी हमले के जवाब में आतंकवादी शिविरों को नष्ट किया. इसे बदला कहा जा सकता है. लेकिन इससे आगे के हमलों को रोका जा सकता है. उन्होंने आगे बताया,

 पाकिस्तान इस संघर्ष को पूरी तरह से पारंपरिक क्षेत्र में ले गया. उनके इस कदम ने परमाणु संघर्ष बढ़ाने के उनके ऑप्शन को सीमित कर दिया.

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आने वाली चुनौतियां और तैयारी

CDS जनरल अनिल चौहान ने आगे कहा कि अब युद्ध के तरीके बदल चुके हैं. युद्ध अब केवल सीमा पर नहीं, बल्कि साइबर हमले, इलेक्ट्रॉनिक हथियार, ड्रोन, मिसाइल और हाइपरसोनिक हथियार के जरिए भी लड़े जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि इन सभी मोर्चों पर अभी तक दुनिया के पास कोई फुल प्रूफ डिफेंस सिस्टम नहीं है. इसलिए भारत को हर स्तर पर अपनी तैयारी बढ़ानी होगी. 

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