महाराष्ट्र के बुलढाना (Buldhana) जिले के करीब 11 गांवों में अचानक लोगों के बाल झड़ने लगे हैं (Maharashtra villages Mass Hair Loss). कई लोग कुछ ही दिनों में गंजेपन का शिकार भी हो गए हैं. पुरुष, महिला, बच्चे और बुजुर्ग सभी के साथ ऐसा हो रहा है. कई लोगों के सिर के बाल के साथ दाढ़ी और शरीर के दूसरे अंगों के बाल भी तेजी से झड़ने लगे हैं. बालों को थोड़ा सा खींचने भर से ही बाल उखड़ जा रहे हैं. हालात खराब होने के बाद स्वास्थ्य अधिकारियों ने इन गांवों में जाकर जांच शुरू की और पानी की टेस्टिंग की. अब टेस्टिंग के नतीजे सामने आए हैं, जिसमें पानी प्रदूषित पाया गया है.
महाराष्ट्र में लोगों के रातोरात गंजा होने की वजह पता चली
महाराष्ट्र के बुलढाना जिले के 11 गांवों में 4 दिन में करीब 100 लोगों के बाल झड़ गए हैं. पुरुष, महिलाओं से लेकर बच्चों और बुजुर्गों तक के बाल तेजी से गिर रहे हैं, लोग गंजे हो रहे हैं. बालों को थोड़ा सा खींचने भर से ही बाल उखड़ जा रहे हैं. अब इन गांवों के पानी की जांच हुई तो काफी कुछ पता लगा है.

इंडिया टुडे से जुड़े जका खान की एक रिपोर्ट के मुताबिक दो दिन पहले बाल झड़ने वाले मरीजों की संख्या पांच गांव में 50 थी, लेकिन शुक्रवार, 10 जनवरी को 11 गांव में ये संख्या बढ़कर 100 तक पहुंच गई है. जिला स्वास्थ्य अधिकारी ने शुरुआती जांच में इसे स्काल्प का फंगल इंफेक्शन बताया था और जांच के लिए गांव में इस्तेमाल किए जाने वाले पानी और कुछ मरीजों के स्किन के सैंपल जांच के लिए भेजे थे.
शुक्रवार को पानी की जो जांच रिपोर्ट आई है, उसमें पानी में नाइट्रेट की मात्रा 54 प्रतिशत तक है, जबकि ये 10 प्रतिशत के अंदर होनी चाहिए. पानी का TDS भी 2100 आया है, जोकि साधारण तौर पर 110 होना चाहिए. अधिकारियों के मुताबिक बुलढाना के जिन गांवों में समस्या आई है, वहां पीने के लिए जो पानी आता है वह अच्छा है. लेकिन यहां अन्य तरह के इस्तेमाल के लिए बोरवेल से पानी लिया जाता है, जो कि रिपोर्ट में अशुद्ध बताया गया है.
जिला स्वास्थ्य अधिकारी अमोल गीते ने बताया,
“पानी की शुरुआती जांच की गई है, ये इलाका खारे पानी में आता है, हमारे स्किन स्पेशलिस्ट को लगा कि पानी में नाइट्रेट, आर्सेनिक और लेड की मात्रा की जांच की जाए, जिसके चलते हमने पानी के सैंपल खामगांव की लैब में भेजे थे, उसकी जो रिपोर्ट आई है उसमें नाइट्रेट और TDS की मात्रा बहुत ज्यादा है. लेड और आर्सेनिक की जांच के लिए सैंपल पुणे की लैब में भेज दिए गए हैं. इसकी रिपोर्ट आठ से दस दिन में आयेगी.”
जिला स्वास्थ्य अधिकारी ने लोगों से बोरवेल का पानी न इस्तेमाल करने की अपील की है. साथ ही जिला स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने पीड़ित लोगों का एंटी फंगल ट्रीटमेंट शुरू कर दिया है.
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