उपराष्ट्रपति पद से जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) के इस्तीफे के बाद दिल्ली से लेकर बिहार तक अटकलों का बाजार गरम है. किसी को कुछ पता हो या न हो लेकिन सबके अपने-अपने दावे हैं. सवाल उठ रहे हैं कि बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले और दिल्ली में मानसून सत्र शुरू होने के बाद उपराष्ट्रपति का पद खाली क्यों है? कई ‘राजनीतिक पंडितों’ ने इस पर अपनी-अपनी भविष्यवाणी की है.
धनखड़ के इस्तीफे से बिहार में सियासी बखेड़ा, BJP विधायक ने बस नीतीश का नाम ही लिया था
Jagdeep Dhankhar Resignation: खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए Jagdeep Dhankhar ने उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया. अचानक आए इस फैसले पर विपक्षी दलों ने भी सवाल उठाए हैं. लेकिन अब इस मामले में बिहार के मुख्यमंत्री Nitish Kumar की भी चर्चा होने लगी है.

इन अटकलों को भारतीय जनता पार्टी (BJP) के एक विधायक ने अलग तरीके से हवा दी, जो शायद जनता दल यूनाईटेड (JDU) को पसंद न आए. बिस्फी से विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को उपराष्ट्रपति बनाने को 'बिहार का सौभाग्य' बता दिया है.
बता दें कि राज्य में चुनावी सरगर्मी तेज है. विपक्षी दलों ने कई बार सवाल खड़े किए हैं कि NDA की ओर से CM कैंडिडेट के लिए नीतीश कुमार के नाम की घोषणा नहीं की गई है. राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और जनसुराज ने तो यहां तक इशारा किया है कि नीतीश की खराब सेहत के कारण भाजपा उन पर बहुत बड़ा रिस्क नहीं लेना चाह रही. ऐसे में बचौल के इस बयान ने इस चर्चा को भी तेज कर दिया है कि क्या अब भाजपा नीतीश को साइडलाइन करना चाहती है?
बचौल बिहार विधानसभा के मानसून सत्र में भाग लेने पहुंचे थे. इसी दौरान उन्होंने मीडिया के सामने अपनी राय रखी. उन्होंने कहा,
नीतीश अगर देश के उपराष्ट्रपति बन जाएं तो ये बिहार के लिए सौभाग्य की बात होगी. हालांकि, ये मेरे बस की बात नहीं है कि नीतीश कुमार को उपराष्ट्रपति बनवा दें.
उनका कहना है कि नीतीश कुमार पिछले 20 साल से बिहार की सेवा कर रहे हैं और उनके पास राजनीति का लंबा अनुभव है. बचौल ने आगे कहा,
नीतीश कुमार संसदीय परंपराओं का निर्वहन सबसे बेहतर तरीके से करेंगे और देश के सांसदों को उनके अनुभव का लाभ मिल सकेगा.
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जगदीप धनखड़ ने अचानक दे दिया इस्तीफा21 जुलाई की देर शाम खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए जगदीप धनखड़ ने उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया. अचानक आए इस फैसले पर विपक्षी दलों ने भी सवाल उठाए हैं.
मूल रूप से राजस्थान के रहने वाले धनखड़ ने 11 अगस्त, 2022 को उपराष्ट्रपति का पद संभाला था. 2027 में उनका कार्यकाल पूरा हो रहा था. लेकिन इससे दो साल पहले ही उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया. वो वकालत कर चुके हैं और कभी राजीव गांधी के करीबी कहे जाते थे.
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