संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू (Kiren Rijiju) ने 7 सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों के बारे में जानकारी दी. ये प्रतिनिधिमंडल भारत के प्रमुख साझेदार देशों का दौरा करेंगे. उन्हें आतंकवाद के ख़िलाफ़ भारत के ज़ीरो टॉलेरेंस के मैसेज के बारे में बताएंगे. इन्हीं प्रतिनिधिमंडलों में से एक का नेतृत्व करेंगे कांग्रेस नेता शशि थरूर (Shashi Tharoor). लेकिन उनके नाम को लेकर BJP और कांग्रेस में जंग छिड़ी हुई.
शशि थरूर पर भिड़ गई कांग्रेस-BJP, उनकी ही पार्टी बोलीं- 'हमने तो किसी और नाम दिया था'
BJP-Congress Over Shashi Tharoor: कांग्रेस का कहना है कि प्रतिनिधिमंडलों के लिए कांग्रेस को चार सांसदों के नाम की लिस्ट देने के लिए कहा गया था. जो उन्होंने दिया भी. लेकिन इसमें शशि थरूर का नाम था ही नहीं. इस पर BJP की क्या प्रतिक्रिया आई है?

कांग्रेस का कहना है कि इन प्रतिनिधिमंडलों के लिए कांग्रेस को चार सांसदों के नाम की लिस्ट देने के लिए कहा गया था. जो उन्होंने दिया भी. लेकिन कांग्रेस का आरोप है कि उन्होंने जिन चार सांसदों के नाम दिए, उनमें से किसी को इन प्रतिनिधिमंडल में शामिल नहीं किया गया.
न्यूज़ एजेंसी ANI की ख़बर के मुताबिक़, इस संबंध में कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने बताया,
हमसे नाम मांगे गए थे. हमें उम्मीद थी कि पार्टी ने जो नाम दिए हैं, उन्हें शामिल किया जाएगा. लेकिन जब हमने पीआईबी की प्रेस रिलीज़ देखी, तो हम हैरान रह गए. मैं नहीं कह सकता कि अब क्या होगा. चार नाम पूछना, चार नाम देना और एक अलग नाम की घोषणा करना सरकार की बेईमानी है.
जयराम रमेश ने आगे कहा,
ये संभव है कि सरकार के मन बना लेने के बाद भी किरेन रिजिजू ने राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे से बात की हो. लेकिन मैं उन्हें संदेह का लाभ (Benefit of Doubt) दे रहा हूं. लेकिन जो हुआ, वो बेईमानी है. हम इन चार नामों को नहीं बदलने जा रहे हैं.
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कांग्रेस के इन आरोपों पर BJP की तरफ़ से भी प्रतिक्रिया आई. BJP IT Cell के प्रमुख अमित मालवीय ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर इसे लेकर एक पोस्ट किया. लिखा,
शशि थरूर की वाकपटुता, संयुक्त राष्ट्र के अधिकारी के रूप में उनके लंबे अनुभव और विदेश नीति के मामलों पर उनके गहरे इनसाइट्स को कोई नकार नहीं सकता. तो फिर कांग्रेस पार्टी और ख़ास तौर पर राहुल गांधी ने उन्हें विदेश भेजे जाने वाले बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल में क्यों नहीं शामिल किया, ताकि वो प्रमुख मुद्दों पर भारत की स्थिति स्पष्ट कर सकें? क्या ये असुरक्षा (Insecurity) है? ईर्ष्या है? या फिर 'हाईकमान' से बेहतर प्रदर्शन करने वाले किसी भी व्यक्ति के प्रति असहिष्णुता है?

बता दें, शशि थरूर ऑपरेशन सिंदूर को लेकर भारत की अलग-अलग जगहों पर तारीफ़ कर चुके हैं और आंतकवादियों को पालने के लिए पाकिस्तान की आलोचना कर चुके हैं. वहीं, सरकार की कई मुद्दों पर तारीफ़ भी कर चुके हैं.
दूसरी तरफ़, कई जानकारी आरोप हैं कि कांग्रेस शशि थरूर को उतनी अहमियत नहीं देती, जितनी देनी चाहिए. वो कांग्रेस अध्यक्ष के पद के लिए शशि थरूर के खड़े होने को भी याद दिलाते हैं.
वीडियो: शशि थरूर और पीयूष गोयल की साझा फोटो में उठते सवाल