दिल्ली की नई सरकार का शपथ ग्रहण हो चुका है. मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता (Rekha Gupta) के साथ 6 और नेताओं ने मंत्रिपद की शपल ली है. इनके अलावा दिल्ली बीजेपी के दो बड़े नेताओं विजेंद्र गुप्ता और मोहन सिंह बिष्ट को भी अहम जिम्मेदारी मिली है. विजेंद्र गुप्ता (Vijendra Gupta) को दिल्ली विधानसभा में स्पीकर और मोहन सिंह बिष्ट (Mohan Singh Bisht) को डिप्टी स्पीकर पद दिया गया है. कहा जा रहा है कि पार्टी ने दोनों नेताओं को उनकी मेहनत, धैर्य और लगन का फल दिया है. पहले बात करते हैं विजेंद्र गुप्ता की.
दिल्ली बीजेपी के वो दो बड़े नेता, जिन्हें उनकी मेहनत का फल अब मिला है!
BJP के विधायक विजेंद्र गुप्ता और मोहन सिंह बिष्ट को मंत्री पद मिलने के कयास थे. मगर पार्टी ने इन दोनों वरिष्ठ नेताओं को अहम जिम्मेदारी दी है. विजेंद्र गुप्ता को दिल्ली विधानसभा का स्पीकर, जबकि मोहन सिंह बिष्ट को डिप्टी स्पीकर बनाया गया है.

विजेंद्र गुप्ता दिल्ली की रोहिणी सीट से विधायक हैं. साल 2015 के चुनाव में बीजेपी को 3 सीटें मिली थीं, विजेंद्र गुप्ता उनमें से एक थे. पांच साल बाद बीजेपी के विधायकों का आंकड़ा बढ़कर 8 हुआ था, तब भी विजेंद्र गुप्ता ने अपनी सीट जीती थी.
विजेंद्र गुप्ता ने 2025 का भी चुनाव जीता तो नए मंत्रिमंडल में उन्हें जगह मिलने की चर्चा तेज हुई. हालांकि, मंत्रिमंडल की लिस्ट में उनका नाम नहीं था. विजेंद्र गुप्ता को मंत्री न बनाते हुए BJP ने उन्हें बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है. अब वो दिल्ली विधानसभा के स्पीकर बनेंगे.
विजेंद्र गुप्ता वैश्य समुदाय से आते हैं और दिल्ली में BJP के मजबूत नेता हैं. इससे पहले वो दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं.

विपक्षी खेमे में बैठकर गुप्ता ने लगातार आम आदमी पार्टी (AAP) और अरविंद केजरीवाल को चुनौती दी. AAP के राज में एक बार गुप्ता को मार्शल विधानसभा से बाहर उठाकर ले गए थे. उस समय यह मामला बेहद गर्माया था.
वक्त का पासा ऐसा पलटा है कि विजेंद्र गुप्ता ऐसे समय पर स्पीकर बनेंगे, जब पूर्व स्पीकर राम निवास गोयल और अरविंद केजरीवाल दोनों ही विधानसभा सदस्य नहीं हैं. 1963 में जन्मे गुप्ता श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से ग्रेजुएट हैं. उन्होंने जनता विद्यार्थी मोर्चा से राजनीति की शुरुआत की थी.
1995 में उन्हें बीजेपी यूथ विंग का अध्यक्ष बनाया गया. छात्र राजनीति से निकले विजेंद्र गुप्ता दिल्ली नगर निगम में पार्षद बने. उन्होंने 2009 का लोकसभा चुनाव लड़ा, लेकिन कांग्रेस के कपिल सिब्बल से हार गए. 2013 विधानसभा चुनाव में उन्हें अरविंद केजरीवाल से हार मिली.
मगर बीजेपी ने गुप्ता पर भरोसा कायम रखा और रोहिणी से 2015 का विधानसभा चुनाव लड़ाया. तब से वो लगातर हर चुनाव जीते हैं. उनकी वफादारी, मेहनत और लगन को देखते हुए पार्टी ने उन्हें बड़ी जिम्मेदारी दी है.
अब बात करते हैं मोहन सिंह बिष्ट की, जो मुस्तफाबाद सीट से विधायक चुने गए हैं. बिष्ट को डिप्टी स्पीकर बनाया जा रहा है. 1998 चुनाव में बिष्ट करावल नगर सीट से जीतकर पहली बार विधायक बने थे.
2015 चुनाव में कपिल मिश्रा से मिली हार को छोड़कर, उन्होंने लगातार चुनावी जीत दर्ज की है. 2025 में मुस्लिम बहुल सीट जीतने के बाद उनके समर्थकों ने उन्हें सीएम पद के दावेदार के रूप में पेश किया.

सीएम फेस के लिए रेखा गुप्ता का नाम फाइनल हुआ तो बिष्ट को मंत्री पद मिलने की चर्चा तेज हो गई. लेकिन BJP ने उनके लिए कुछ और ही सोच रखा था. उनकी मेहनत और समर्पण को देखते हुए पार्टी उन्हें डिप्टी स्पीकर का पद दे रही है.
2025 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने करावल नगर सीट से मोहन सिंह बिष्ट का टिकट काटकर फायरब्रांड नेता कपिल मिश्रा को दे दिया. बिष्ट जिस सीट लगातार जीत दर्ज कर रहे थे, उसके छीने जाने से बेहद नाराज़ हुए. उनकी नाराज़गी दूर करने के लिए पार्टी ने उन्हें मुस्तफाबाद सीट से टिकट दिया.
मुस्तफाबाद एक मुस्लिम बहुल सीट है, और बिष्ट के लिए यहां से जीत दर्ज करना आसान नहीं था. उनके सामने AAP के अदील अहमद खान और AIMIM के ताहिर हुसैन की चुनौती थी. मगर बिष्ट को यहां भी कामयाबी मिली और उन्होंने 17,578 वोट से यह सीट जीत ली.
बिष्ट मूल रूप से उत्तराखंड से आते हैं, और पहाड़ी आबादी पर मजबूत पकड़ रखते हैं. बीजेपी की सीनियर लीडरशिप में उन्हें ज़मीन से जुड़ा नेता माना जाता है. बिष्ट अपने क्षेत्र के लोगों की आवाज़ और मुद्दे मजबूती से उठाते हैं. डिप्टी स्पीकर का पद इसी का ईनाम माना जा सकता है.
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