छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में हुए ट्रेन हादसे की शुरुआती जांच में लोको पायलट की लापरवाही सामने आई है. एक मीडिया रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि लोको पायलट ने रेड लाइट के सिग्नल को पार कर दिया था, जिसकी वजह से यह हादसा हुआ है. रिपोर्ट्स में यह भी सामने आया है कि लोको पायलट ने एक जरूरी टेस्ट पास नहीं किया था, जिसकी वजह से उसके साथ एक असिस्टेंट को रखा गया था. हालांकि, लोको पायलट एसोसिएशन का कहना है कि बिना किसी जांच के लोको पायलट को जिम्मेदार ठहराने की कोशिश की जा रही है.
लोको पायलट की एक गलती और 11 जानें चली गईं! बिलासपुर हादसे की रिपोर्ट में क्या लिखा है?
Bilaspur Train Accident: सूत्रों के मुताबिक रेलवे की शुरुआती जांच में सामने आया है कि ट्रेन का चालक दल खतरे के सिग्नल से पहले सही समय पर ट्रेन को नियंत्रित नहीं कर पाया. इसकी वजह से ट्रेन मालगाड़ी के पिछले ब्रेक वैन से टकरा गई.


द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक शुरुआती जांच में पाया गया है कि ट्रेन का चालक दल खतरे के सिग्नल से पहले सही समय पर ट्रेन को नियंत्रित नहीं कर पाया. इसकी वजह से ट्रेन मालगाड़ी के पिछले ब्रेक वैन से टकरा गई. जांच रिपोर्ट तक पहुंच रखने वाले एक सूत्र के हवाले से इसकी जानकारी दी गई है. बताया गया है कि रेलवे की जांच रिपोर्ट में दुर्घटना की वजह "सिग्नल पास्ड एट डेंजर" (SPAD) मानी गई है. SPAD का मतलब होता है कि ट्रेन के लोको पायलट ने लाल सिग्नल को पार कर दिया.
एसोसिएशन ने दिया जवाबवहीं अखिल भारतीय लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन (AILRSA) का कहना है कि हादसा जिस जगह पर हुआ है, वहां पर मोड़ था और अलग-अलग ट्रैक और उनके सिग्नल थे. तेज धूप के कारण सिग्नल ठीक से दिखाई नहीं दे रहे थे. इस वजह से बगल वाली लाइन के लिए बना सिग्नल लोको पायलट ने अपना समझ लिया और ट्रेन दौड़ा दी. एसोसिएशन के अनुसार उसी लाइन पर एक और ट्रेन को देखकर लोको पायलट ने इमरजेंसी ब्रेक लगाए और ट्रेन की स्पीड कम कर दी थी. एसोसिएशन के रीजनल सेक्रेटरी का कहना है कि बिना किसी जांच के, दुर्घटना के तुरंत बाद लोको पायलटों को दोषी ठहराने की कोशिश की जा रही है.
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क्वालीफाइड नहीं था लोको पायलट?रिपोर्ट में एसोसिएशन के सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि आमतौर पर मेनलाइन इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट (MEMU) यात्री ट्रेनों में एक ही लोको पायलट होता है. लेकिन ट्रेन संख्या 68733 (गेवरा रोड से बिलासपुर) के लिए, एक असिस्टेंट लोको पायलट को भी तैनात किया गया था, क्योंकि लोको पायलट ने योग्यता परीक्षा पास नहीं की थी. मालूम हो कि यह घटना 4 नवंबर 2025 की है, जब छत्तीसगढ़ के बिलासपुर के पास एक पैसेंजर ट्रेन मालगाड़ी से टकरा गई थी. हादसे में 11 लोगों की मौत हो गई थी. वहीं कुछ लोग घायल भी हो गए थे. ट्रेन के लोको पायलट विद्या सागर की मौके पर ही मौत हो गई थी. वहीं असिस्टेंट लोको पायलट को भी गंभीर चोट आई थी.
वीडियो: बिलासपुर ट्रेन दुर्घटना में अब तक 11 लोगों की मौत, शुरुआती जांच में क्या पता चला?


















