Kadwa Election Results 2025 Live: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के शुरुआती रुझानों में NDA गठबंधन को प्रचंड बहुमत मिलता दिख रहा है. फिलहाल वोटों की गिनती जारी है. कुल 243 विधानसभा सीटों में से एक Kadwa सीट पर भी सभी की नजरें हैं. यहां से कांग्रेस का बड़ा मुस्लिम चेहरा मैदान में है. पार्टी ने Shakeel Ahmad Khan को इस सीट से उतारा है. शकील वही नेता हैं जो कन्हैया कुमार को कांग्रेस में लाए थे.
Kadwa Election Results: कन्हैया कुमार को कांग्रेस में लाने वाले शकील अहमद जीते या हारे?
Kadwa Election Results 2025 Live: इलेक्शन कमीशन (ECI) के डेटा के मुताबिक Kadwa सीट पर अभी तक 14 राउंड की काउंटिंग हो चुकी है. 11 राउंड की गिनती अभी भी जारी है. फिलहाल कांग्रेस के Shakeel Ahmad Khan दूसरे नंबर पर हैं.


इलेक्शन कमीशन (ECI) के डेटा के मुताबिक Kadwa सीट पर अभी तक 14 राउंड की काउंटिंग हो चुकी है. 11 राउंड की गिनती अभी भी जारी है. फिलहाल कांग्रेस के Shakeel Ahmad Khan दूसरे नंबर पर हैं. वो JDU के Dulal Chandra Goswami से 19 हजार 288 वोट पीछे हैं. Shakeel Ahmad Khan को अभी तक 41 हजार 952 वोट मिले हैं. वहीं, Dulal Chandra Goswami को 61 हजार 240 वोट मिले हैं.
इस सीट पर AIMIM के मोहम्मद शाकिर रेजा तीसरे नंबर पर हैं. उन्हें अब तक 6 हजार 164 वोट मिले हैं.
ये सीट बिहार के कटिहार जिले में आती है. इसकी पहचान मखाना और मछली से होती है. महानंदा के चलते ये इलाका हर साल बाढ़ का प्रकोप झेलता है. यहां EBC मतदाता 30% है. जबकि मुस्लिम मतदाता 32% हैं. OBC 17%, SC 9%, ST 5% हैं. वहीं सामान्य वर्ग केवल 5% है. उपजाऊ मिट्टी होने के चलते इलाके के ज्यादातर लोग कृषि पर निर्भर करते हैं.
बिहार की राजधानी पटना यहां से लगभग 300 किलोमीटर दूर है. इसके बावजूद कदवा सीट चर्चा में रहती है. यहां कांग्रेस और भाजपा के अलावा निर्दलीय भी जीत दर्ज कराते रहे हैं. हाल ही के समय में इस सीट पर कांग्रेस ने दबदबा कायम किया है.
कदवा से कांग्रेस के शकील अहमद खान विधायक हैं. वो कांग्रेस के नेशनल सेक्रेटरी भी हैं. पटना यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन के बाद उन्होंने दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय से एमए, एमफिल और पीएचडी की. शकील पहली बार 2015 में विधायक बने थे. उन्होंने छात्र राजनीति से पॉलिटिक्स में एंट्री की. वो 1991 में JNU की स्टूडेंट यूनियन में वाइस प्रेसिडेंट के पद पर रहे और 1992 में JNU स्टूडेंट यूनियन के प्रेसिडेंट बने. फिलहाल वो पश्चिम बंगाल में भी पार्टी के इंचार्ज हैं.
2020 में NDA की तरफ से ये सीट JDU को मिली थी. इस सीट पर चिराग पासवान की LJP भी चुनाव लड़ी थी. जिसने जमकर JDU के उम्मीदवार के वोट काटे थे. कांग्रेस उम्मीदवार को यहां से लगभग 71 हजार वोट मिले थे. JDU को 38 हजार, और LJP को 31 हजार वोट मिले थे. अगर LJP ने चुनाव नहीं लड़ा होता तो JDU और कांग्रेस में काफी नजदीकी मुकाबला होता.
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