The Lallantop

बैतूल की कोयला खदान में 3.5 किमी अंदर स्लैब गिरी, कम से कम 3 कर्मचारियों की मौत

हादसा वेस्टर्न कोल फील्ड्स लिमिटेड (WCL) पाथाखेड़ा क्षेत्र में गुरुवार दोपहर 3 बजे के आसपास हुआ. यहां छतरपुर-1 खदान के मुहाने से करीब 3.5 किलोमीटर अंदर कंट्यूनर माइनर सेक्शन में कर्मचारी काम कर रहे थे. इसी दौरान वहां की छत ढह गई जिसमें कई लोग दब गए.

post-main-image
घटना की सूचना मिलते ही कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी और एसपी निश्चल एन झरिया साइट के लिए रवाना हो गए. (फोटो- X)

मध्य प्रदेश के बैतूल में 6 मार्च को एक कोयला खदान में स्लैब गिरने से कम से कम 3 लोगों की मौत हो गई है. खदान के अंदर कई लोगों के फंसे होने की जानकारी भी आई है. हादसे के बाद खदान की रेस्क्यू टीम, SDRF और पुलिस की टीमें मौके पर मौजूद हैं. राहत बचाव दल खदान के अंदर दाखिल हुआ है और मजदूरों को बाहर निकालने का प्रयास किया जा रहा है.

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक ये हादसा वेस्टर्न कोल फील्ड्स लिमिटेड (WCL) पाथाखेड़ा क्षेत्र में गुरुवार दोपहर 3 बजे के आसपास हुआ. यहां छतरपुर-1 खदान के मुहाने से करीब 3.5 किलोमीटर अंदर कंट्यूनर माइनर सेक्शन में कर्मचारी काम कर रहे थे. इसी दौरान वहां की छत ढह गई जिसमें कई लोग दब गए. अब तक तीन कर्मचारियों की मौत होने की बात सामने आई है.

इन कर्मचारियों की पहचान शिफ्ट इंचार्ज गोविंद, ओवर मेन हरि चौहान और माइनिंग सरदार रामदेव पंडौले के रूप में हुई है. ये सेक्शन जॉय माइनिंग सर्विस का बताया जा रहा है. दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक इसमें ऑस्ट्रेलियाई मशीन लगी हैं. रिपोर्ट के मुताबिक खदान के अंदर कोयला काटने की मशीन से 14 मीटर कोयला कटिंग का काम पूरा कर लिया गया था. जिसके बाद जब मशीन बाहर आ गई. तीनों कर्मचारी रूफ में सपोर्ट लगाने और कोयला कटिंग का मेजरमेंट करने गए थे. चेक करने के बाद उसमें सपोर्ट लगाया जाना था, लेकिन उसके पहले ही छत गिर गई. तीनों ही उसके नीचे दब गए. जिसके बाद उन्हें रेस्क्यू किया गया.

कर्मचारियों को अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. प्रशासन ने पूरी घटना की जांच के आदेश दिए हैं. जांच के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा कि घटना में किसी लापरवाही की वजह से हुई या कोई और कारण था.

तेलंगाना में सुरंग में फंसे 8 कर्मचारी

तेलंगाना के डोमलपेंटा के पास SLBC सुरंग का एक हिस्सा 22 फरवरी की सुबह ढह गया था. सुरंग में 8 कर्मचारी फंसे हुए हैं. कर्मचारियों की पहचान उत्तर प्रदेश के प्रोजेक्ट इंजीनियर मनोज कुमार और फील्ड इंजीनियर श्रीनिवास, झारखंड के संदीप साहू, जगता जेस, संतोष साहू और अनुज साहू, जम्मू -कश्मीर के सनी सिंह और पंजाब के गुरप्रीत सिंह के रूप में हुई है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक रेस्क्यू टीमों ने 27 फरवरी को सुरंग खोदने वाली मशीन को काटना शुरू किया था. ये मशीन उस चट्टान के बीच स्थित है जहां लोग फंसे हुए हैं. 3 मार्च को सिंगरेनी कोलियरीज के कुछ रैट माइनिंग एक्सपर्ट्स और मजदूरों ने सुरंग के आखिरी 40 मीटर में काम शुरू किया. माना जा रहा है कि आठों कर्मचारी यहीं फंसे हुए हैं. अधिकारियों के मुताबिक बचाव अभियान में देश भर की 12 से अधिक एजेंसियां एक साथ काम कर रही है.

वीडियो: मध्य प्रदेश: बैतूल-भोपाल नेशनल हाइवे पर किसान ने जो किया, उससे NHAI हैरान है