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बरेली के मदरसे में हो रहा था प्रोफेसर प्रभात का खतना, तभी पहुंची पुलिस, फिर खुली 'असली' कहानी

Bareilly Police को शिकायत मिली कि प्रोफेसर प्रभात उपाध्याय 15 अगस्त, 2025 से घर नहीं लौटा. प्रभात उपाध्याय बचपन से ही नेत्रहीन हैं और कड़ी मेहनत करने के बाद वो प्रोफेसर बने हैं. शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने खोजबीन शुरू की.

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गिरफ्तार आरोपियों को मीडिया के सामने पेश करती बरेली की एसपी साउथ अंशिका वर्मा (PHOTO- AajTak)
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कृष्ण गोपाल राज

उत्तर प्रदेश के बरेली में धर्मांतरण का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. आरोप है कि यहां एक नेत्रहीन प्रोफेसर को कुछ युवकों ने शादी का झांसा दिया और एक मदरसे में ले गए. मदरसे में प्रोफेसर का खतना करके धर्मांतरण करने की तैयारी हो रही थी. तभी मौके पर पुलिस पहुंची और ये पूरी साजिश नाकाम हो गई. तो समझते हैं, क्या है पूरी घटना, और पुलिस की जांच में क्या पता चला है?

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10 दिनों से गायब थे प्रोफेसर

आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक इस मामले की शुरुआत अलीगढ़ जिले के महुआखेड़ा थाना क्षेत्र से हुई. यहां की निवासी अखिलेश कुमारी ने पुलिस में शिकायत दी कि उनका बेटा प्रभात उपाध्याय 15 अगस्त, 2025 से घर नहीं लौटा. प्रभात उपाध्याय बचपन से ही नेत्रहीन हैं और कड़ी मेहनत करने के बाद वो प्रोफेसर बने हैं. मां अखिलेश कुमारी के मुताबिक प्रभात ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी और फिर हैदराबाद यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है. 2019 में प्रभात की नियुक्ति राजकीय इंटर कॉलेज हुई और फिर बाद में बरेली और बुलंदशहर में उनका तबादला हुआ.

मां का कहना है कि बीते कुछ दिनों से उन्होंने अपने बेटे के बर्ताव में बदलाव नोटिस किया. उन्होंने आरोप लगाया कि जब से उनका बेटा कुछ 'मुस्लिम' युवकों के संपर्क में आया, तब से उसका व्यवहार बदलने लगा था. बहरहाल, जब प्रभात घर से गायब हुए तो परिवार को उनकी चिंता हुई. परिवार ने जब अपने स्तर से खोजबीन की तो पता चला कि प्रभात बरेली के एक मदरसे में हैं जहां उनका धर्मांतरण किया जा रहा है. उनका नया नाम हामिद है. परिवार उन्हें ढूंढ़ते हुए मदरसे में पहुंचा तो वहां मौजूद लोगों ने उन्हें डरा-धमकाकर भगा दिया. उन्होंने कहा कि प्रभात अब मुस्लिम बन चुका है और उसका नाम हामिद है इसलिए वो यहां से चले जाएं.

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मां की शिकायत पर पुलिस ने दबिश दी 

प्रभात की मां को जब मदरसे से भगा दिया गया तो उन्होंने बरेली पुलिस से मदद की गुहार लगाई. शिकायत मिलने पर बरेली की एसपी साउथ अंशिका वर्मा ने टीम बनाकर भुता इलाके में रेड डाली. पुलिस ने मदरसे से अब्दुल मजीद, सलमान आरिफ और फहीम नाम के व्यक्ति को गिरफ्तार किया. जब पुलिस ने आगे की पूछताछ की तो पता चला कि धर्मांतरण की ये कोई एक घटना नहीं है. इस ग्रुप ने पहले भी ऐसे कामों को अंजाम दिया है. पुलिस के मुताबिक ये लोग एक संगठित गिरोह की तरह काम कर रहे थे. प्रभात का धर्मांतरण करवा कर ये लोग जब उसका खतना करने जा रहे थे, उसी समय पुलिस पहुंच गई और प्रभात का खतना होने से बच गया.

पहला शिकार नहीं थे प्रभात 

पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार करने के बाद मीडिया के सामने पेश किया. साथ ही इस पूरे रैकेट की भी जानकारी साझा की. एसपी साउथ अंशिका वर्मा ने बताया कि ये लोग एक संगठित गिरोह की तरह काम करते थे. ये लोग कमजोर वर्ग के लोगों या मानसिक रूप से परेशान परिवारों को अपना टारगेट बनाते थे. पहले ये उन्हें लालच देते थे फिर धर्म बदलने के लिए मजबूर करते थे.

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पुलिस ने बताया कि पहले ये लोगों से दोस्ती करके उनका भरोसा जीतते थे. इसके बाद उन्हें शादी, नौकरी और पैसों का लालच दिया जाता था. धार्मिक किताबों और वीडियो के जरिए उनका ब्रेनवॉश किया जाता था. अंत में मदरसे में ले जाकर उनका निकाह पढ़वाया जाता था और खतने की प्रक्रिया भी पूरी की जाती थी. पुलिस ने कहा कि उन्हें आरोपियों के पास से 10 धार्मिक किताबें, कट्टरपंथी जाकिर नाइक के वीडियो की सीडी और धर्मांतरण से जुड़े कुछ कागजात मिले.  

पुलिस जांच में यह बात भी सामने आई कि ये गिरोह पहले भी कई परिवारों को अपना निशाना बना चुका है. ऐसा ही एक मामला सुभाष नगर के रहने वाले बृजपाल और उसके परिवार का है. पहले बृजपाल का निकाह एक मुस्लिम युवती से कराया गया. फिर उसकी बहन का निकाह भी एक मुस्लिम युवक से दबाव बनाकर करवा दिया गया. आखिर में इस गिरोह ने बृजपाल की मां का भी धर्म बदलवा कर उन्हें नया नाम दे दिया.

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कई राज्यों में फैला है गिरोह

एसपी अंशिका वर्मा के मुताबिक इस गिरोह का नेटवर्क अन्य राज्यों में भी फैला हुआ है. जांच के दौरान पुलिस को आरोपी सलमान के 12 बैंक अकाउंट्स की जानकारी मिली है. अब्दुल मजीद के 5 अकाउंट हैं जिनमें लाखों का ट्रांजैक्शन हुआ है. पुलिस ने कहा कि अभी तक तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है. जल्द ही इस मामले में अन्य नाम भी सामने आएंगे.

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