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बच्चू कडू हाई कोर्ट की भी नहीं मानेंगे? सड़क खाली करने के आदेश पर तेवर दिखा दिए

Nagpur Farmer Protest: हाई कोर्ट के आदेश का पालन कराने के लिए पुलिस धरना स्थल पर पहुंच गई है. पुलिस प्रदर्शनकारियों को यहां से हटाने की कोशिश कर रही है. वहीं, Bacchu Kadu ने पुलिस के सामने अपनी मांगें रखी हैं.

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बच्चू कडू के धरने में हाई कोर्ट का ऑर्डर लेकर पहुंची पुलिस. (X @RealBacchuKadu)
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धनंजय साबले

महाराष्ट्र के नागपुर में किसानों की कर्जमाफी की मांग को लेकर धरना दे रहे पूर्व मंत्री ओमप्रकाश उर्फ ​​बच्चू कडू शर्तों के साथ धरना स्थल छोड़ने को तैयार हो गए हैं. उन्होंने पुलिस से मांग की है कि पहले सभी किसानों और मजदूरों को एक साथ हिरासत में लिया जाए, फिर रोड खाली होगा. बच्चू कडू ने यह बयान बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर पीठ के राष्ट्रीय राजमार्ग खाली करने के आदेश का पालन करने पर दिया है.

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प्रहार जनशक्ति पार्टी (PJP) के नेता बच्चू कडू अपने हजारों समर्थकों के साथ नागपुर-वर्धा रोड पर धरना दे रहे हैं. इसकी वजह से नागपुर-हैदराबाद हाईवे पर भीषण जाम है. बुधवार, 29 अक्टूबर को बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर पीठ ने स्वत संज्ञान लेते हुए धरना स्थल को 29 अक्टूबर की शाम 6 बजे तक खाली करने का आदेश दिया.

जस्टिस रजनीश व्यास की कोर्ट ने शाम 6 बजे तक नागपुर की सड़क खाली करने का आदेश दिया, तो बच्चू कडू ने X पर लिखा,

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"पुलिस प्रशासन कोर्ट ऑर्डर लेकर धरना स्थल पर पहुंचा... हम आदेश स्वीकार करते हैं - लेकिन इसके साथ ही, हमारी अपनी मांगें भी हैं! सभी किसानों, मजदूरों, विकलांगों, चरवाहों को पुलिस एक साथ हिरासत में ले ले, और फिर पूरे महाराष्ट्र की सभी जेलें भर दे! तब तक, हम यह रास्ता नहीं छोड़ेंगे!

कर्ज माफी की घोषणा करो,
हम तुम्हारा गुणगान करेंगे और आगे बढ़ेंगे...
लेकिन तब तक
यह रास्ता हमारा है, यह लड़ाई हमारी है!"

आजतक से जुड़े धनंजय साबले की रिपोर्ट के मुताबिक, हाई कोर्ट के आदेश का पालन कराने के लिए पुलिस धरना स्थल पर पहुंच गई है. पुलिस प्रदर्शनकारियों को यहां से हटाने की कोशिश कर रही है, लेकिन उसे कामयाबी नहीं मिल रही है. वीडियो में नजर आता है कि प्रदर्शनकारी हटने के लिए तैयार नहीं हैं.

इससे पहले कोर्ट के आदेश पर बच्चू कडू ने मीडिया से कहा,

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"हम अदालत के आदेश का पालन करते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग छोड़ने के लिए तैयार हैं, लेकिन पुलिस को हमें यह बताना चाहिए कि वे हमें कहां ले जा रहे हैं और हमारे लिए क्या व्यवस्था कर रहे हैं."

'महाएल्गार आंदोलन' कर रहे बच्चू कडू ने कोर्ट के आदेश पर यह भी कहा,

"हाई कोर्ट का कागज हमारे पास नहीं है. क्या आदेश है, किस तरह से बोला है, हमारे पास अभी कुछ नहीं है. न्यायालय का आदर तो करेंगे, लेकिन लोक न्यायालय (जनता की अदालत) के हिसाब से चलेंगे. "

बच्चू कडू हजारों समर्थकों के साथ किसानों की पूर्ण कर्जमाफी की मांग कर रहे हैं. 29 अक्टूबर को सुबह 10 बजे के दौरान मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस मामले में बच्चू कडू को मंत्रिमंडल की बैठक में निर्णय लेने के लिए मुंबई बुलाया, लेकिन कडू ने इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि मुंबई आने में समय लगेगा, आप निर्णय लो और उसका सरकारी आदेश (गवर्नमेंट रिजॉल्यूशन यानी GR) निकालो.

इसके बाद महाराष्ट्र सरकार ने दो राज्य मंत्रियों को बातचीत के लिए शाम 4 बजे धरना स्थल पर भेजने के लिए कहा. इस पर प्रदर्शनकारियों ने रेल रोकने की योजना रद्द कर दी. लेकिन कोई भी मंत्री नहीं पहुंचा. फिर हाई कोर्ट ने शाम 6 बजे तक रोड खाली करने का आदेश दे दिया, जिसके बाद बच्चू कडू ने धरने से उठने पर पुलिस के सामने अपनी मांगें रख दीं.

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