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भगदड़ में 9 मौतों पर मंदिर के पुजारी ने कहा- 'मैंने मंदिर बनवाया, पुलिस को क्यों बताऊं'

Andhra Pradesh के Srikakulam के Sri Venkateswara Swamy Temple में 1 नंवबर को भगदड़ में 9 लोगों की मौत हुई थी. सीएम चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि अगर पुलिस को पहले से बताया होता तो इंतजाम हो सकते थे.

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जिस श्रीवेंकटेश्वर मंदिर में भगदड़ हुई, उसके मालिक और प्रशासक हरि मुकुंद पांडा. (PTI)

आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले में शनिवार, 1 नवंबर को एक निजी मंदिर में हुई भगदड़ में 9 श्रद्धालुओं की मौत हो गई. मरने वालों में 8 महिलाएं और 1 बच्चा शामिल है. यह हादसा श्रीवेंकटेश्वर स्वामी मंदिर पर हुआ, जिसे स्थानीय लोग 'चिन्ना तिरुपति' यानी 'मिनी तिरुपति' कहते हैं. यह मंदिर 94 साल के हरि मुकुंद पांडा ने केवल चार महीने पहले ही अपनी निजी जमीन पर बनवाया था.

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मंदिर का काम अभी पूरा नहीं हुआ था और एकादशी के दिन इतना हादसा हो गया. रविवार, 2 नवंबर को निजी श्रीवेंकटेश्वर स्वामी मंदिर के मालिक और प्रशासक हरि मुकुंद पांडा ने NDTV से बातचीत में बताया कि उन्होंने स्थानीय प्रशासन को एकादशी कार्यक्रम की सूचना नहीं दी थी. 1 नवंबर की मंदिर की भगदड़ के सवाल पर उन्होंने कहा,

"मैंने मंदिर अपनी निजी जमीन पर बनवाया है, तो मुझे पुलिस या प्रशासन को क्यों बताना चाहिए?"

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हादसे वाले दिन आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि अगर पांडा पहले ही पुलिस को सूचित कर देते, तो भीड़ को काबू करने के लिए जरूरी इंतजाम किए जा सकते थे. पांडा ने इस पर कहा, 

"आप जितने भी केस दर्ज करें, मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता."

पांडा ने बताया कि आमतौर पर मंदिर में कम श्रद्धालु आते थे. उन्होंने कहा कि एकादशी पर इतनी ज्यादा भीड़ की उन्हें उम्मीद नहीं थी. पांड ने आगे कहा,

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"मंदिर में आमतौर पर भीड़ कम होती है. भगवान के दर्शन के बाद भक्त प्रसाद ग्रहण करते हैं और चले जाते हैं. मैं कुछ नहीं मांगता. मैं अपने पैसों से खाना और प्रसाद बनाता हूं. लेकिन कल सुबह 9 बजे अचानक भीड़ बढ़ गई. हमने जो प्रसाद बनाया था वो खत्म हो गया. हमें और खाना बनाने का समय नहीं मिला."

घटना के बाद मंदिर को बंद कर दिया गया है. इसकी एंट्री पर ताला लटका है और पुलिस अभी भी मंदिर परिसर पर तैनात है. मंदिर के अंदर आने और बाहर जाने का एक ही रास्ता है, जिससे भीड़भाड़ में ज्यादा दिक्कत हुई.

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