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'बस की बैटरियों और 234 स्मार्टफोन के जखीरे ने... ' आंध्र प्रदेश बस हादसे की 'असल' वजह ये निकली

Kurnool Bus Fire Accident Update: आंध्र प्रदेश फायर सर्विस और फॉरेंसिक विभाग के एक्सपर्ट्स ने मामले को लेकर एक रिपोर्ट तैयार की है. इसी में इस बात की पुष्टि हुई कि स्मार्टफोन का कंसाइनमेंट और बस की बैटरियों ने मिलकर सब बर्बाद कर दिया.

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दोपहिया वाहन से टकराने के बाद बस में लगी थी आग. (फोटो- PTI)

आंध्र प्रदेश के कुरनूल बस हादसे (Kurnool Bus Fire Accident) में एक अहम अपडेट सामने आया है. फायर सर्विस और फॉरेंसिक की रिपोर्ट से पता चला है कि बस में आग, उसमें लगी दो बैटरियों के फटने से लगी थी. इस आग को लगेज कंपार्टमेंट में रखे 234 स्मार्टफोन के एक बड़े कंसाइनमेंट ने और भड़काया दिया. लेकिन DIG का कहना है कि कंसाइनमेंट आग का मुख्य कारण नहीं था. बताते चलें कि 24 अक्टूबर को हुए इस हादसे में 19 लोगों की मौत हो गई थी.

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स्मार्टफोन वाले कंसाइनमेंट का एंगल

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, आंध्र प्रदेश फायर सर्विस और फॉरेंसिक विभाग के एक्सपर्ट्स ने मामले को लेकर एक रिपोर्ट तैयार की है. इसी में इस बात की पुष्टि हुई है कि स्मार्टफोन का कंसाइनमेंट, बस की बैटरी के साथ मिलकर आग के तेजी से फैलाने का कारण बना. फायर अधिकारियों ने बताया कि गर्मी से एल्यूमीनियम फ्लोरिंग पिघल गई. इसने नुकसान को और बढ़ दिया. 

Modern smartphone motherboard showcasing a lithium-ion rechargeable battery that adheres to IEEE 1725-2021.
लिथियम-आयन बैटरी से चलते हैं स्मार्टफोन. (प्रतीकात्मक तस्वीर) 

रिपोर्ट में फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स के हवाले से बताया गया कि बस में 46 लाख रुपये के 234 स्मार्टफोन थे. इन्हें एक व्यापारी ले जा रहा था. मालूम हो कि स्मार्टफोन में लिथियम-आयन वाली बैटरी होती है. जरूरत से ज्यादा हीट होने पर इनमें आग लगने या फटने का खतरा रहता है. अधिकारियों का मानना है कि बस में आग लगने के बाद डिवाइस के अंदर मौजूद बैटरी में धमाका हुआ होगा और इसी वजह से आग पैसेंजर केबिन में तेजी से फैल गई होगी.

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DIG ने बताई अलग वजह

दूसरी तरफ, कुरनूल रेंज के DIG कोया प्रवीण का कुछ और ही कहना है. उन्होंने आग का कारण सिर्फ बस में लगी दो 12 KV बैटरियों को बताया, न कि स्मार्टफोन के कंसाइनमेंट को. उनका कहना है कि ज्यादातर स्मार्टफोन सही-सलामत बरामद हुए थे. उन्होंने यह भी बताया कि बाइक का फ्यूल टैंक फटने के बाद आग मेन एग्जिट गेट पर लगी. इसी गेट के पीछे बस की बैटरी थीं. इन बैटरियों में धमाका हुआ और आग भड़क गई. 

यह भी पढ़ेंः आंध्र प्रदेश में भीषण सड़क हादसा, हैदराबाद से बेंगलुरु जाने वाली बस में लगी आग, 20 लोगों की मौत

DIG ने साफ शब्दों में कहा कि आग लगने के दो पॉइंट थे. पहला दोपहिया वाहन का फ्यूल टैंक और दूसरा बस की बैटरी पर उसका असर. इन दो वजहों के अलावा, बस में मेटैलिक पेंट जैसे बहुत जल्दी और तेजी से आग पकड़ने वाले मटीरियल भी लगे थे. इसने भी आग को तेजी से फैलने में मदद की. दूसरी तरफ, जली हुई लाशों की पहचान करने के लिए उनकी DNA प्रोफाइलिंग की जा रही है. यह प्रक्रिया सोमवार 27 अक्टूबर तक पूरी होनी की उम्मीद है.  

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बस के दोनों ड्राइवर पुलिस हिरासत में

कुरनूल के SP विक्रांत पाटिल ने बताया कि पुलिस ने बस के दोनों ड्राइवरों को हिरासत में ले लिया है. इनमें से मिरियाला लक्ष्मैया (42) नाम का ड्राइवर पैसेंजर दरवाजे से कूदकर आग से बच निकला था. आग से बचने के बाद उसने एडिशनल ड्राइवर शिव नारायण को जगाया, जो लगेज रैक में सो रहा था. लक्ष्मैया ने पहले तो शीशे तोड़कर लोगों को बचाने की कोशिश की. लेकिन बाद में भाग निकला. 

DIG प्रवीण के मुताबिक, एडिशनल ड्राइवर नारायण ने लोगों की जान बचाने में अहम भूमिका निभाई. उसने बस के टायर बदलने वाली रॉड से खिड़कियों के शीशे तोड़े और कुछ लोगों को बचाया. कई यात्री खुद भी शीशे तोड़कर भाग निकलने में सफल हुए. पुलिस ने लक्ष्मैया को शुक्रवार को कुरनूल से पकड़ा. पुलिस उसे ही दोषी मान रही है क्योंकि हादसे के वक्त वही बस चला रहा था. उसके खिलाफ गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया गया है.

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आखिर में पुलिस ने यह भी साफ किया कि बस की चलती बाइक से टक्कर नहीं हुई थी. बाइक का पहले ही एक्सीडेंट हो चुका था. तेज रफ्तार बस बाइक के ऊपर से गुजरी थी.

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