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PM हो या CM, गंभीर मामलों में अरेस्ट हुए तो छोड़ना होगा पद, संसद में आज पेश होंगे ये तीन विधेयक

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इसके लिए 20 अगस्त को लोकसभा में तीन विधेयक पेश करेंगे. ये विधेयक हैं - गवर्नमेंट ऑफ यूनियन टेरिटरीज (संशोधन) विधेयक 2025, 130वां संविधान संशोधन विधेयक 2025 और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक,2025. अमित शाह इन तीनों बिलों को संसद की संयुक्त समिति को भेजने का प्रस्ताव भी लोकसभा में पेश करेंगे.

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अमित शाह लोकसभा में 20 अगस्त को तीन विधेयक पेश करेंगे. (संसद टीवी, फाइल फोटो)

केंद्र सरकार गंभीर आपराधिक मामलों में गिरफ्तार होने या हिरासत में लिए जाने पर प्रधानमंत्री (PM), केंद्रीय मंत्री (Union Minister), मुख्यमंत्री (CMs) और राज्यों के मंत्री (Minister of States) को पद से हटाने का कानून बनाने जा रही है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इसके लिए 20 अगस्त को लोकसभा में तीन विधेयक पेश करेंगे.

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ये विधेयक हैं - गवर्नमेंट ऑफ यूनियन टेरिटरीज (संशोधन) विधेयक 2025, 130वां संविधान संशोधन विधेयक 2025 और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक,2025. अमित शाह इन तीनों बिलों को संसद की संयुक्त समिति को भेजने का प्रस्ताव भी लोकसभा में पेश करेंगे.

इन विधेयकों के प्रावधानों के मुताबिक, अगर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या मंत्री में से किसी को भी गंभीर अपराध के लिए गिरफ्तार किया जाता है, जिनमें कम से कम पांच साल की सजा हो सकती है. और उन्हें लगातार 30 दिनों तक हिरासत में रखा जाता है, तो 31 वें दिन उन्हें पद से हटा दिया जाएगा. विधेयक में ये भी कहा गया है कि हिरासत से रिहा होने पर उन्हें दोबारा नियुक्त किया जा सकता है. 

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तीनों विधेयकों के बारे में जान लीजिए

गवर्नमेंट ऑफ यूनियन टेरिटरीज (संशोधन) बिल 2025 - केंद्र सरकार के मुताबिक, अभी केंद्र शासित प्रदेशों में गवर्नमेंट ऑफ यूनियन टेरिटरीज एक्ट, 1963 के तहत गंभीर आपराधिक आरोपों के कारण गिरफ्तार और हिरासत में लिए गए मुख्यमंत्री या मंत्री को हटाने का कोई प्रावधान नहीं है. इसलिए, ऐसे मामलों में मुख्यमंत्री या मंत्री को हटाने के लिए एक कानूनी ढांचा तैयार करने के लिए गवर्नमेंट ऑफ यूनियन टेरिटरीज एक्ट, 1963 की धारा 45 में संशोधन की आवश्यकता है.

130वां संविधान संशोधन बिल 2025 - संविधान में गंभीर आपराधिक आरोपों में गिरफ्तार और हिरासत में लिए गए मंत्री को हटाने का कोई प्रावधान नहीं है. इसलिए ऐसे मामलों में प्रधानमंत्री या केंद्रीय मंत्री परिषद के किसी मंत्री और राज्यों या राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के मुख्यमंत्री या किसी मंत्री को हटाने के लिए कानूनी ढांचा तैयार करने के लिए संविधान के अनुच्छेद 75, 164 और 239AA में संशोधन की जरूरत है.

जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) बिल 2025 - जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 के तहत गंभीर आपराधिक आरोपों के कारण गिरफ्तार और हिरासत में लिए गए मुख्यमंत्री और मंत्री को हटाने का कोई प्रावधान नहीं है. जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 की धारा 54 में संशोधन के बाद गंभीर आपराधिक मामलों में गिरफ्तार और हिरासत में लिए गए मुख्यमंत्री या मंत्री को 30 दिनों में हटाने का प्रावधान होगा.

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