पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ (Shehbaz Sharif) और आर्मी चीफ फील्ड मार्शल आसिम मुनीर (Asim Munir) की अमेरिका यात्रा का असर अब दिखना शुरू हो गया है. अटैची में 'रेयर मिनरल्स' लेकर ट्रंप को दिखाने के बाद, ऐसा लगता है की इस बार भी वो अमेरिका को रिझाने में कामयाब रहे हैं. अब पाकिस्तान को US से उनके F-16 विमान के लिए AIM-120 एडवांस मीडियम रेंज एयर-टू-एयर मिसाइल्स (AMRAAM) मिलेगा. अमेरिका के डिपार्टमेंट ऑफ वॉर ने इसकी पुष्टि की है.
पाकिस्तान को अमेरिका फिर से AIM-120 मिसाइल देगा, बालाकोट के वक्त इसी का मलबा मिला था
पाकिस्तान को AIM-120 AMRAAM मिसाइल का C8 और D3 वेरिएंट मिलेगा. ये वही मिसाइल है जिसका इस्तेमाल पाकिस्तान ने फरवरी 2019 में Balakot के बाद किया था. भारत ने तब दुनिया के सामने इस मिसाइल के मलबे को भी दिखाया था.


अमेरिकी के डिपार्टमेंट ऑफ वॉर द्वारा जारी नोटिफिकेशन में एक नए मोडिफाइड कॉन्ट्रैक्ट का जिक्र है. कॉन्ट्रैक्ट में रक्षा कंपनी रेथियॉन (Raytheon) द्वारा बनाई जाने वाली मिसाइल के खरीदारों में पाकिस्तान का नाम भी शामिल है. अमेरिकी रक्षा विभाग ने बताया कि कंपनी को AMRAAM के C8 और D3 वेरिएंट्स के प्रोडक्शन के लिए पहले से दिए गए कॉन्ट्रैक्ट (FA8675-23-C-0037) पर अतिरिक्त 41.6 मिलियन अमेरिकी (लगभग 3 अरब रुपये) डॉलर मिले हैं. इससे कॉन्ट्रैक्ट की कुल कीमत 2.51 बिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग 22 अरब रुपये) से अधिक हो गया.

पाकिस्तान को AIM-120 AMRAAM मिसाइल का C8 और D3 वेरिएंट मिलेगा. ये वही मिसाइल है जिसका इस्तेमाल पाकिस्तान ने फरवरी 2019 में Balakot के बाद किया था. भारत ने तब दुनिया के सामने इस मिसाइल के मलबे को भी दिखाया था. एक आशंका और है कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान ने बड़े पैमाने पर चीनी मिसाइल, खासकर PL-15 का खूब इस्तेमाल किया था. लेकिन ये मिसाइल कुछ खास नहीं कर सकी. शायद इसीलिए पाकिस्तान वापस से अमेरिकन हथियारों की तरफ झुक रहा है. तो क्या है इस AIM-120 AMRAAM मिसाइल की खासियत, ये भी समझ लेते हैं.

AIM-120 एक एयर-टू-एयर यानी हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल है. यानी इसका इस्तेमाल फाइटर जेट्स में होता है. ये मिसाइल कई विमानों मसलन F-15, F-16, F-22, F/A-18C/D/E/F Hornet और Super Hornet में लगता है. इन सब में से पाकिस्तान के पास F-16 है. तो जाहिर है पाकिस्तान उनमें ही इसका इस्तेमाल करेगा. इस मिसाइल के कुछ फीचर्स को देखें तो-
- बनाने वाली कंपनी: रेथियॉन
- प्रोपल्शन सिस्टम: सॉलि़ड प्रोपेलेंट रॉकेट
- लंबाई: 12 फीट
- डायमीटर: 7 इंच
- विंगस्पैन: 19-21 इंच
- वजन: 157-162 किलोग्राम
- रफ्तार: मैक 4
- रेंज: 160 किलोमीटर तक
यह डील ऐसे समय में हुई है जब पाक-अमेरिका के संबंधों में सुधार देखने को मिल रहा है. सितंबर 2025 में महीने वाशिंगटन डीसी में, डॉनल्ड ट्रंप ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और उनके सेना प्रमुख फील्ड मार्शल असीम मुनीर से मुलाकात की. इससे पहले जून में भी उन्होंने वाइट हाउस के ओवल ऑफिस में अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ आमने-सामने की बैठक की थी. यहां तक कि पाकिस्तानी एयरफोर्स के चीफ एयर चीफ मार्शल जहीर अहमद बाबर ने भी जुलाई में अमेरिकी विदेश विभाग का दौरा किया था. यानी कुल मिलाकर देखें तो पाकिस्तानी नेता और अफसर ऑपरेशन सिंदूर के बाद से ही इस्लामाबाद या रावलपिंडि में कम, वाशिंगटन में ज्यादा दिखाई दे रहे हैं
वीडियो: पाकिस्तान के खिलाफ किन मिसाइलों और फाइटर जेट्स से हुआ अटैक? ऑपरेशन सिंदूर की रणनीति जानिए!