चुनावी और राजनीतिक सुधारों के लिए काम करने वाली संस्था, एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) के संस्थापक जगदीप छोकर (Jagdeep Chhokar) का निधन हो गया है. उनके सहकर्मी रहे वी रघुनाथन ने जानकारी दी है कि हार्ट अटैक के कारण उनकी मौत हो गई. इलेक्टोरल बॉन्ड का मामला हो या बिहार में वोटर लिस्ट के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) का मामला, देश में जब-जब चुनावी सुधार की बात होती है, ADR उन मामलों को उठाने में आगे की पंक्ति में नजर आता है.
ADR के संस्थापक और चुनाव सुधार के लिए जीवन समर्पित करने वाले जगदीप छोकर का निधन
Jagdeep Chhokar ने लोकतंत्र की मजबूती, चुनाव और राजनीतिक सुधार के लिए अपना सबकुछ झोंक दिया था. हाल ही में बिहार में हो रही SIR प्रक्रिया को लेकर चुनाव आयोग पर गंभीर सवाल उठाए थे. उन्होंने कहा था कि इस प्रक्रिया के लिए और ज्यादा समय की जरूरत थी. छोकर ने साफ़ कहा था कि इस कवायद के पीछे की मंशा संदिग्ध प्रतीत होती है.


जुलाई महीने में दिए एक इंटरव्यू में SIR को लेकर जगदीप छोकर ने चुनाव आयोग पर गंभीर सवाल उठाए थे. उन्होंने कहा था कि इस प्रक्रिया के लिए और ज्यादा समय की जरूरत थी. उन्होंने बिहार विधानसभा चुनाव के ठीक पहले इस प्रक्रिया के कराए जाने पर भी सवाल उठाए थे. छोकर ने कहा था कि इस कवायद के पीछे की मंशा संदिग्ध प्रतीत होती है. सुप्रीम कोर्ट में SIR को लेकर चुनाव आयोग को चुनौती देने वाले याचिकाकर्ताओं में ADR भी शामिल है.
IIMA में प्रोफेसर रह चुके हैं छोकरजगदीप छोकर, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट अहमदाबाद (IIMA) में 1985 से 2006 तक ऑर्गेनाइजेशनल बिहेवियर के प्रोफेसर रहे. IIMA में वो 2001 से 2002 तक डीन और 2002 के जुलाई से सितंबर तक डायरेक्टर-इन-चार्ज रहे.
IIMA की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, वो बर्ड वॉचर (पक्षियों को देखना) और पर्यावरण संरक्षक थे. साथ ही वो एक प्रशिक्षित वकील भी थे. 1999 में उन्होंने IIMA के कुछ सहयोगियों के साथ मिलकर ADR की शुरुआत की. 2006 में रिटायरमेंट के बाद वो ‘आजीविका ब्यूरो’ से भी जुड़े रहे और प्रवासी मजदूरों की समस्याओं पर काम किया.
गुजरात से LLB और अमेरिका से PhD1967 में उन्होंने अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की. 1977 में उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से एमबीए की पढ़ाई की. 1983 में छोकर ने अमेरिका के लुइसियाना स्टेट यूनिवर्सिटी से PhD की उपाधि प्राप्त की. 2001 में उनको बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसायटी से पक्षी विज्ञान (ornithology) का सर्टिफिकेट मिला. जगदीप छोकर ने 2005 में गुजरात यूनिवर्सिटी से LLB की पढ़ाई की.
प्रोफेसर बनने से पहले वो भारतीय रेलवे में इंजीनियर-मैनेजर रहे और कुछ साल अंतरराष्ट्रीय मार्केटिंग मैनेजर भी रहे. बाद में उन्होंने कई देशों (ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, जापान, अमेरिका) में पढ़ाया.
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उनका रिसर्च कई अंतरराष्ट्रीय जर्नल्स में छपा. वो लेखन-संपादन के काम में भी सक्रिय रहे. उन्होंने अखबारों और पत्रिकाओं में भी लिखा, जैसे- इकोनॉमिक टाइम्स, टाइम्स ऑफ इंडिया, द हिंदू, इंडियन एक्सप्रेस, इंडिया टुडे आदि. जगदीप छोकर ‘कल्चर एंड लीडरशिप अक्रॉस द वर्ल्ड’ नाम की किताब के मुख्य संपादक रहे. 2007 में छपी इस पुस्तक को 2008 में ‘अमेरिकन साइकोलॉजिकल एसोसिएशन’ ने ‘उर्सुला गिलेन ग्लोबल साइकोलॉजी बुक’ का अवॉर्ड दिया था .
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