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Assam: कोयले की खदान में पानी भरने से फंसे 9 कामगार, सेना ने संभाला रेस्क्यू ऑपरेशन

Assam के मुख्यमंत्री Himanta Biswa Sarma की गुज़ारिश पर Indian Army की स्पेशल रिलीफ टास्क फोर्स को बचाव कार्य के लिए भेजा गया है. इस टास्क फोर्स में आर्मी के गोताखोर, इंजीनियर्स और बाकी प्रशिक्षित सैनिक होंगे जो इस रेस्क्यू ऑपरेशन को अंजाम देंगे.

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कामगारों का रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है (फोटो-आजतक)

असम के दीमा हसाओ (Dima Hasao) जिले में 6 जनवरी की रात 10 बजे से, 9 कामगार एक कोयले की खदान में फंसे हुए हैं. खबरों के मुताबिक इन खदानों में लगातार पानी भरता जा रहा है. 6 जनवरी की रात को ही असम सरकार ने उन लोगों की एक लिस्ट जारी की जो इस खदान में फंसे हुए हैं. इन कामगारों में से एक व्यक्ति नेपाल से है. एक बंगाल के जलपाईगुड़ी से है. एक कामगार दीमा हसाओ का ही बाशिंदा है, जहां ये घटना हुई है. बाकी कामगार असम के ही अलग-अलग जिलों से हैं.

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक ये एक अवैध खदान थी जिसे 'रैट होल माइन' कहा जाता है. कामगार जब इसके अंदर थे, तभी इसमें पानी भरने लगा. लेटेस्ट अपडेट के मुताबिक 300 फीट गहरी खदान में लगभग 100 फीट तक पानी भर गया है. घटना के बाद भारतीय सेना की स्पेशल टीम, राज्य आपदा प्रबंधन बल (SDRF) और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन बल (NDRF) ने कामगारों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए एक संयुक्त ऑपरेशन शुरू किया है.

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कामगार इसी खदान में फंसे हैं (PHOTO-India Today NE)

इंडिया टुडे के सूत्रों के ने बताया कि असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा की गुज़ारिश पर इंडियन आर्मी की स्पेशल रिलीफ टास्क फोर्स को भेजा गया है. इस टास्क फोर्स में आर्मी के गोताखोर, इंजीनियर्स और बाकी प्रशिक्षित सैनिक होंगे जो इस रेस्क्यू ऑपरेशन को अंजाम देंगे. आर्मी के सूत्रों ने इंडिया टुडे को बताया 

"आर्मी की टीम किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए हर तरह से संसाधन से लैस है. इस काम को अनुभवी और वरिष्ठ अधिकारियों के नेतृत्व में अंजाम दिया जाएगा. इस बारे में हम स्थानीय प्रशासन से लगातार टच में हैं."

ये पूरी घटना दीमा हसाओ के पहाड़ी इलाके में हुई है. जहां कामगार फंसे हैं, वो जगह शहर के मुख्यालय Heflong से करीब 150 किलोमीटर दूर है. फिलहाल वहां आपदा प्रबंधन बल के अलावा आर्मी की टीम पहुंच रही है. जानकारी के मुताबिक असम के कैबिनेट मंत्री कौशिक राय को भी सरकार की तरफ से हालात का जायजा लेने भेजा गया है. घटना की साइट असम-मेघालय बॉर्डर के करीब है. मेघालय में अवैध खनन का लंबा इतिहास रहा है. कामगार 'रैट होल' यानी चूहे की तरह अवैध रूप से खुदाई कर कोयला और बाकी खनिज निकालते हैं. दीमा हसाओ और आसपास के इलाके में कोयला, चूना पत्थर और ग्रेनाइट जैसे पत्थर मिलते हैं. इन्हीं के लिए कामगार अवैध माइनिंग करते हैं.

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