जिन लोगों की कभी कोई सर्जरी हुई है, उन्हें याद होगा. सर्जरी से पहले डॉक्टर कुछ भी खाने-पीने से मना करते हैं. सर्जरी के लिए पेशेंट को हमेशा ख़ाली पेट बुलाया जाता है. लेकिन, कुछ लोग इस बात को सीरियसली नहीं लेते. उन्हें लगता है चाय-कॉफ़ी, बिस्किट से क्या ही फ़र्क पड़ता है.
चाय, पानी भी नहीं... डॉक्टर सर्जरी से पहले कुछ भी खाने-पीने से मना क्यों करते हैं?
जब भी मरीज़ की सर्जरी होने वाली होती है, तब उन्हें सलाह दी जाती है कि वो कुछ खाएं-पिएं नहीं. सर्जरी से पहले कम से कम 6 से 8 घंटे की फास्टिंग बहुत ज़रूरी है.


कई बार तो घरवाले ही ज़बरदस्ती कुछ खिला देते हैं. ये सोचकर कि कुछ पेट में जाएगा तो ताकत मिलेगी, पर ये बहुत ख़तरनाक है. ऑपरेशन से पहले चाय-कॉफ़ी तक पीना सर्जरी को मुश्किल बना सकता है.
डॉक्टर से जानिए, वो सर्जरी से पहले कुछ सॉलिड खाने से मना क्यों करते हैं. अगर सर्जरी से पहले कुछ खा-पी लिया तो क्या होगा. क्या पानी और चाय भी नहीं पी सकते. और, फास्टिंग का ये रूल क्या हर सर्जरी पर लागू होता है.
क्या सर्जरी से पहले खा-पी सकते हैं?
ये हमें बताया डॉक्टर भूषण भोले ने.

जब भी मरीज़ की सर्जरी होने वाली होती है, तब उन्हें सलाह दी जाती है कि वो कुछ खाएं-पिएं नहीं. सर्जरी से पहले कम से कम 6 से 8 घंटे की फास्टिंग बहुत ज़रूरी है.
सर्जरी से पहले डॉक्टर सॉलिड खाना खाने से क्यों मना करते हैं?
सर्जरी के दौरान मरीज़ को बेहोश किया जाता है, इसे जनरल एनेस्थीसिया कहते हैं. एनेस्थीसिया दिए जाने पर हमारे प्रोटेक्टिव रिफ्लेक्स (जैसे खांसना या निगलना) बंद हो जाते हैं. शरीर की मांसपेशियां रिलैक्स हो जाती हैं. अगर पेट में खाना मौजूद होगा, तो वो उल्टी के ज़रिए खाने की नली से होता हुआ सांस की नली में जा सकता है. फिर वहां से खाना फेफड़ों तक पहुंच सकता है. इस स्थिति को एस्पीरेशन कहते हैं. ऐसा होने पर एस्पीरेशन निमोनाइटिस हो सकता है, जो फेफड़ों का गंभीर इंफेक्शन है. ये जानलेवा हो सकता है. इसलिए सर्जरी से पहले मरीज़ को कहा जाता है कि वो कम से कम 6 से 8 घंटे तक कुछ भी न खाएं.

क्या ऐसा हर सर्जरी के लिए ज़रूरी है?
हर सर्जरी से पहले फास्टिंग करना बहुत ज़रूरी है. कई बार मरीज़ इमरजेंसी में आते हैं और तुरंत उनकी सर्जरी करनी पड़ती है. कई बार जानलेवा ब्लीडिंग हो रही होती है, इसलिए सर्जरी ज़रूरी हो जाती है. ऐसे में मरीज़ के पेट में एक ट्यूब डाला जाता है. इस ट्यूब के ज़रिए पेट में मौजूद खाने को बाहर निकाला जाता है. फिर एक खास तरह का एनेस्थीसिया दिया जाता है, जिसे रैपिड सीक्वेंस इंडक्शन कहते हैं. इससे एस्पीरेशन का रिस्क कम हो जाता है. सर्जरी के हर मरीज़ को फास्टिंग करने के लिए कहा ही जाता है. उन्हें पानी, चाय या हल्का नाश्ता भी नहीं करना चाहिए. कई मरीज़ कुछ खाते नहीं, लेकिन चाय पी लेते हैं. ये भी नहीं करना है, सर्जरी के लिए आपको भूखे पेट आना होता है.
(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)
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