The Lallantop

श्रेयस अय्यर की स्प्लीन चोट कितनी खतरनाक? 'कुली' में अमिताभ बच्चन को भी यही इंजरी हुई थी

स्प्लीन एक मुलायम, छोटा लेकिन बहुत ही ज़रूरी अंग है. ये पेट के ऊपरी बाएं हिस्से में, पसलियों के ठीक नीचे होता है. इसका मेन काम शरीर को इंफेक्शन से बचाना और खून को फिल्टर करना है. स्प्लीन में चोट लगने से जान भी जा सकती है.

Advertisement
post-main-image
श्रेयस अय्यर 25 अक्टूबर को सिडनी में मैच के दौरान चोटिल हो गए थे

इंडियन क्रिकेटर श्रेयस अय्यर हॉस्पिटल में एडमिट हैं. 25 अक्टूबर को सिडनी में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीसरा और आखिरी वनडे खेला जा रहा था. मैच का 34वां ओवर चल रहा था. हर्षित राणा ने गेंद डाली. जिस पर एलेक्स कैरी ने शॉट मारा. श्रेयस ने दौड़ लगाई. कैच भी पकड़ा. पर उनका बैलेंस बिगड़ गया और वो गिर पड़े. श्रेयस की स्प्लीन यानी तिल्ली में चोट आई है. 

Add Lallantop as a Trusted Sourcegoogle-icon
Advertisement
shreyas iyyer injury
श्रेयस अय्यर को कैच पकड़ने के दौरान स्प्लीन में इंजरी हुई 

27 और 28 अक्टूबर को BCCI ने श्रेयस अय्यर की हेल्थ पर एक अपडेट दिया. बताया कि श्रेयस को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीसरे वनडे मैच के दौरान पेट पर ज़ोरदार चोट लगी. इस चोट की वजह से उनकी स्प्लीन में लैसरेशन हो गया और इंटरनल ब्लीडिंग हुई. हालांकि चोट का तुरंत पता चल गया. इस वजह से ब्लीडिंग को समय पर रोक दिया गया. श्रेयस की हालत स्टेबल है और वो रिकवर कर रहे हैं. BCCI की मेडिकल टीम, सिडनी और इंडिया के डॉक्टर्स के साथ मिलकर उनकी हालत पर नज़र रखे हुए है.

BCCI वाइस प्रेसिडेंट राजीव शुक्ला ने इंडिया टुडे से बात की. बताया कि श्रेयस पहले ICU में थे. अब उन्हें प्राइवेट रूम में शिफ्ट कर दिया गया है. पर उन्हें कुछ और दिनों तक अस्पताल में ही रहना होगा.

Advertisement

श्रेयस अय्यर से पहले एक और भारतीय सेलेब्रिटी को स्प्लीन इंजरी हो चुकी है. साल 1982 में कुली फिल्म की शूटिंग के दौरान अमिताभ बच्चन को भी स्प्लीन में चोट आई थी. एक एक्शन सीन के दौरान उनकी स्प्लीन फट गई थी. चोट इतनी गंभीर थी कि उनकी स्प्लीन निकालनी पड़ी.

spleen
 स्प्लीन पेट के ऊपरी बाएं हिस्से में, पसलियों के ठीक नीचे होता है (फोटो: Freepik)

स्प्लीन क्या है? इसका काम क्या होता है? इसमें चोट लगना कितना खतरनाक है? ये सब हमने पूछा ठाणे के किम्स हॉस्पिटल्स में जनरल सर्जरी के हेड, डॉ. अरुलवनन नंदन से.

dr arulvanan nandan
डॉ. अरुलवनन नंदन, हेड, जनरल सर्जरी, किम्स हॉस्पिटल्स, ठाणे

डॉक्टर अरुलवनन बताते हैं कि स्प्लीन एक मुलायम, छोटा, लेकिन बहुत ही ज़रूरी अंग है. ये पेट के ऊपरी बाएं हिस्से में, पसलियों के ठीक नीचे होता है. इसका मेन काम शरीर को इंफेक्शन से बचाना और खून को फिल्टर करना है. ये पुराने और खराब रेड ब्लड सेल्स को शरीर से बाहर निकालता है. साथ ही, नए रेड ब्लड सेल्स और प्लेटलेट्स को स्टोर करता है. जब भी आपको इंफेक्शन या बुखार होता है, तब ये शरीर के इम्यून सिस्टम को एक्टिवेट करता है. ताकि शरीर उस इंफेक्शन से लड़ पाए.

Advertisement
स्प्लीन लैसरेशन क्या है?

जब स्प्लीन के टिशूज़ यानी ऊतक फट जाते हैं या उनमें कोई कट लग जाता है, तो इसे स्प्लीन लैसरेशन (Spleen Laceration) कहते हैं. श्रेयस अय्यर के साथ भी यही हुआ है. स्प्लीन लैसरेशन आमतौर पर गिरने, रोड एक्सीडेंट या खेल के दौरान ज़ोरदार टक्कर लगने से होता है. स्प्लीन लैसरेशन हल्का भी हो सकता है और बहुत गंभीर भी. अगर स्प्लीन में हल्की चोट लगी है, टिशूज़ ज़्यादा नहीं फटे हैं. तब स्प्लीन अपने आप ठीक हो सकती है. लेकिन अगर टिशूज़ बहुत ज़्यादा फट गए हैं या बहुत गहरा कट लगा है, तो इंटरनल ब्लीडिंग हो सकती है. ये एक जानलेवा कंडीशन है. स्प्लीन लैसरेशन अपने आप में एक मेडिकल इमरजेंसी है.

spleen injury
 स्प्लीन में इंजरी होने पर सबसे पहले पेट के ऊपरी बाईं तरफ तेज़ दर्द होगा (फोटो: Freepik)
स्प्लीन में चोट लगने के लक्षण

जब स्प्लीन में इंजरी होती है, तब पेट के ऊपरी बाईं तरफ तेज़ दर्द होता है. चक्कर आने लगते हैं. कमज़ोरी महसूस होती है. ब्लड प्रेशर गिर जाता है. दिल की धड़कनें भी तेज़ हो जाती हैं. इसलिए ज़रूरी है कि लक्षण महसूस होते ही मरीज़ को तुरंत अस्पताल लेकर जाया जाए. चोट कितनी गंभीर है, ये पता करने के लिए आमतौर पर CT Scan किया जाता है.

इलाज

अगर हल्की चोट लगी है, तो दवाइयां दी जाती हैं. मरीज़ को आराम करने को कहा जाता है. ऐसा करने से कुछ हफ्तों में स्प्लीन ठीक हो सकती है.

लेकिन अगर स्प्लीन में गंभीर चोट लगी है. मरीज़ को ब्लीडिंग हुई है. तो सर्जरी करके स्प्लीन को निकालना पड़ सकता है. स्प्लीन निकालने के बाद शरीर की इम्यूनिटी थोड़ी कमज़ोर हो जाती है. ऐसे में मरीज़ को हमेशा इंफेक्शन होने का रिस्क बना रहता है. इसलिए डॉक्टर्स मरीज़ को ज़रूरी वैक्सीन्स देते हैं, ताकि शरीर इंफेक्शंस से लड़ सके.

(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)

वीडियो: सेहत: ब्रेस्ट कैंसर की ये वजह नहीं पता होगी!

Advertisement