भूमिका लल्लनटॉप की व्यूअर हैं. 27 साल की हैं. दिल्ली में रहती हैं. आजकल बहुत परेशान हैं. वजह? आंखों में इन्फेक्शन. कुछ दिन पहले भूमिका को आंखों में खुजली शुरू हुई. देखते ही देखते आंखें लाल हो गईं. आंखों से पानी आने लगा. भूमिका को लगा, शायद उनकी आंखों में कुछ चला गया है, जिसकी वजह से ऐसा हो रहा है. भूमिका ने ठंडे पानी से आंखों को धोया. केमिस्ट के पास गईं और आई ड्रॉप ख़रीदकर लाईं. लेकिन आई ड्रॉप डालने के बाद भी आराम नहीं मिला.
अगर आप भी रोज़ आंखों में काजल लगाती हैं, तो ये खबर जरूर पढ़ लीजिए
कुछ लोगों को आखों पर मोटा काजल लगाना पसंद है. क्या इससे भी आंखों को नुकसान पहुंच सकता है?


तब भूमिका को लगा, शायद उन्हें कंजंक्टिवाइटिस हो गया है. डॉक्टर को दिखाया. इलाज हुआ. कुछ दिनों बाद भूमिका की आंखें ठीक हो गईं. लेकिन दो हफ्ते बाद फिर वही दिक्कत. आंखों में खुजली, लाली, पानी और सूजन. इस बार नेहा ने जड़ का पता लगाने की ठानी. डॉक्टर को दिखाया. टेस्ट कराए. जांच हुई. पता चला, नेहा की आंखों में बार-बार इन्फेक्शन होने की वजह थी उनका काजल.
उन्होंने कुछ महीने पहले सेल में कुछ सस्ते काजल खरीदे थे. उनमें लेड और आर्सेनिक था, जिसकी वजह से आंखों में इन्फेक्शन हुआ. भूमिका चाहती हैं कि हम इस बारे में बात करें, क्योंकि ये काफ़ी आम दिक्कत है. कई लोग काजल लगाते हैं. रोज़ लगाते हैं.
क्या ऐसा करना सेफ है या रोज़ काजल लगाने से आंखों को नुकसान पहुंचता है? डॉक्टर से जानते हैं. साथ ही, समझेंगे कि काजल ख़रीदते समय और लगाते वक़्त किन बातों का ध्यान रखें.
क्या रोज़ काजल लगाने से आंखों को नुकसान पहुंचता है?
ये हमें बताया डॉक्टर पारुल माहेश्वरी ने.

अगर अच्छी क्वॉलिटी का काजल कभी-कभी लगाते हैं, तो इससे आंखों को नुकसान नहीं पहुंचता. लेकिन अगर रोज़ ज़्यादा काजल लगाते हैं और उसकी क्वॉलिटी ठीक नहीं है, तो इससे आंखों को नुकसान पहुंचता है.
कई काजल में लेड और आर्सेनिक जैसे पदार्थ होते हैं. प्रिजर्वेटिव होते हैं. इनसे आंखों को नुकसान पहुंच सकता है.
आंखों में नीचे की तरफ वॉटरलाइन होती है. ये वॉटरलाइन पलकों से जुड़ी होती है. आईबॉल पर पॉलीथिन जैसी एक पतली-सी परत होती है, जिसे कंजंक्टिवा कहते हैं. बीच का पारदर्शी हिस्सा, जो एक शीशे की तरह है, उसे कॉर्निया कहा जाता है. जब वॉटरलाइन पर काजल लगाया जाता है, तो वो कंजंक्टिवा और कॉर्निया दोनों के संपर्क में आता है. अगर आपने भारी मात्रा में काजल लगाया है, तो वो इन हिस्सों को छुएगा.
मोटा काजल लगाने से टियर डक्ट (जहां से आंसू निकलते हैं) ब्लॉक हो सकते हैं. आमतौर पर आंखों से बहने वाला पानी कुछ मात्रा में भीतर ही भीतर गले तक चला जाता है, जो कि एक नेचुरल प्रक्रिया है. लेकिन टियर डक्ट ब्लॉक होने से ऐसा नहीं हो पाता. नतीजा? आंखों में बिना वजह भी लगातार पानी आता है. अगर काजल की क्वॉलिटी ठीक नहीं है और ऐसा काजल कंजंक्टिवा को छूता है, तब इससे आंखों में एलर्जी हो सकती है. आंखें लाल हो सकती हैं और उनमें खुजली होती है.
अगर आप कॉन्टैक्ट लेंस पहनते हैं, तो दिक्कत और बढ़ सकती है. कॉन्टैक्ट लेंस कॉर्निया के ऊपर लगता है. काजल वॉटरलाइन पर लगाने से वो लगातार कॉन्टैक्ट लेंस के संपर्क में रहता है. इससे कॉन्टैक्ट लेंस के कारण होने वाली एलर्जी बढ़ सकती है. कॉन्टैक्ट लेंस के ऊपर गंदगी भी जमा हो सकती है, जिससे कॉन्टैक्ट लेंस जल्दी ख़राब होते हैं. इसलिए कॉन्टैक्ट लेंस पहनने वालों को ख़ास ध्यान रखना चाहिए.

किन बातों का ध्यान रखें?
हमेशा ब्रांडेड काजल खरीदिए. काजल हर्बल और नेचुरल हो, तो और भी अच्छा है. लेबल पर लेड, आर्सेनिक और प्रिज़रवेटिव-फ्री लिखा होना चाहिए. काजल को समय-समय पर साफ करना ज़रूरी है. वरना उस पर बैक्टीरिया जमा हो जाते हैं. अगर काजल पेंसिल इस्तेमाल करते हैं, तो ध्यान दें कि वो बहुत नुकीली न हो. पुराना मेकअप इस्तेमाल न करें. एक्सपायरी डेट के बाद मेकअप इस्तेमाल न करें, इन्फेक्शन हो सकता है.
कॉन्टैक्ट लेंस लगाते हैं तो उसे अच्छे से साफ़ करके रखें. रात में काजल लगाकर न सोएं, एलर्जी हो सकती है. सोने से पहले आंखों से काजल साफ़ कर लें. जिन लोगों को काजल से एलर्जी है. वो आईलाइनर लगा सकते हैं, क्योंकि ये पलकों के ऊपर लगता है.
अगर आप रोज़ काजल लगाते हैं तो सोने से पहले इसे ज़रूर पोंछें. साथ ही अच्छी क्वॉलिटी का काजल खरीदें. सस्ते के चक्कर में अपनी आंखों की कुर्बानी न दें.
(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)
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