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थायरॉइड से जुड़ी बीमारियां कंट्रोल में रखनी हैं तो ये 5 टिप्स आएंगी काम

थायरॉइड ग्रंथि में गड़बड़ी होने पर हाइपोथायरायडिज़्म हो सकता है. इसमें मरीज़ को ज़्यादा थकान लगती है. स्किन रूखी हो जाती है. बाल झड़ने लगते हैं. बहुत सुस्ती महसूस होती है.

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देश में 4 करोड़ से ज़्यादा लोग थायरॉइड की बीमारियों से जूझ रहे हैं

हमारे देश में कुछ बीमारियां बहुत आम हैं. जैसे डायबिटीज़, हाइपरटेंशन, दिल की बीमारियां. एक बीमारी और है, जिससे इस देश की एक बहुत बड़ी आबादी जूझ रही है. लेकिन उसके बारे में ज़्यादा बात नहीं होती. न ही लोगों को ज़्यादा जानकारी है. वो है थायरॉइड.

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वैसे थायरॉइड कोई बीमारी नहीं है. शरीर का एक अंग है. एक ग्रंथि है यानी ग्लैंड. गले में तितली के आकार की. इससे जुड़ी बीमारियों को मेडिकल भाषा में हाइपोथायरॉइडिज़्म और हाइपरथायरॉइडिज़्म कहते हैं. बोलचाल की भाषा में 'थायरॉइड'.

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थायरॉइड ग्रंथि गले में होती है, इसका आकार तितली के जैसा होता है (फोटो: Getty)

Indian Journal Of Endocrinology And Metabolism में एक रिपोर्ट छपी है. इसमें कई स्टडीज़ के हवाले से बताया गया है कि देश में 4 करोड़ से ज़्यादा लोग थायरॉइड की बीमारियों से जूझ रहे हैं. 

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ये एक बहुत बड़ा नंबर है. जब किसी की थायरॉइड ग्रंथि ठीक से काम नहीं करती, तो कई तरह की दिक्कतें महसूस होती हैं. जैसे वज़न बढ़ना, हर वक्त थकान रहना, मांसपेशियां कमज़ोर हो जाना, जोड़ों में सूजन-दर्द रहना और कब्ज़ हो जाना.

आज डॉक्टर से जानेंगे थायरॉइड ग्रंथि का शरीर में क्या काम होता है. अगर थायरॉइड ग्लैंड ठीक से काम नहीं कर रहा, तो कौन-सी बीमारियां हो सकती हैं. इनके क्या लक्षण हैं और बिना दवाएं थायरॉइड ग्रंथि को कैसे हेल्दी रखें. 

शरीर में थायरॉइड का क्या काम होता है?

ये हमें बताया डॉक्टर राजेश कुमार सिंह ने.

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डॉ. राजेश कुमार सिंह, सीनियर कंसल्टेंट, क्रिटिकल केयर मेडिसिन, मणिपाल हॉस्पिटल, रांची

थायरॉइड हमारे शरीर में एक ग्रंथि (ग्लैंड) है. इसका मुख्य काम थायरॉक्सिन हॉर्मोन बनाना और रिलीज़ करना है. ये हॉर्मोन शरीर को एनर्जी देता है. ये शारीरिक और मानसिक स्थिति ठीक रखने में भी मदद करता है.

थायरॉइड से जुड़ी बीमारियां

थायरॉइड ग्रंथि में गड़बड़ी होने पर कुछ दिक्कतें हो सकती हैं. इसमें हॉर्मोन का कम बनना या ज़्यादा बनना शामिल है. कभी-कभी थायरॉइड ग्रंथि में इंफेक्शन या सूजन भी हो सकती है. जब थायरॉइड ग्रंथि कम मात्रा में हॉर्मोन बनाती है, तो इस स्थिति को हाइपोथायरायडिज़्म कहते हैं. इसमें मरीज़ को ज़्यादा थकान लगती है. स्किन रूखी हो जाती है. बाल झड़ने लगते हैं. बहुत सुस्ती महसूस होती है. 

जब थायरॉइड ग्रंथि ज़्यादा मात्रा में हॉर्मोन बनाती है, तो इस स्थिति को हाइपरथायरायडिज़्म कहते हैं. इसमें व्यक्ति को थकान लगती है. कपकपाहट होती है. अचानक वज़न कम होने लगता है. कुछ मामलों में आंखें बहुत चौड़ी लगने लगती हैं. 

जब थायरॉइड ग्रंथि में सूजन या इंफेक्शन हो जाता है, तो इसे थायरॉयडाइटिस कहते हैं. इसमें गर्दन में दर्द हो सकता है, जहां थायरॉइड ग्रंथि होती है. वज़न कम हो सकता हैं. हाइपोथायरायडिज़्म और हाइपरथायरायडिज़्म दोनों हो सकता है. गले में सूजन आ सकती है, इसे ग्वाइटर (घेंघा) कहते हैं. ज़्यादातर ये आयोडीन की कमी से होता है. कई बार उसमें कोई ट्यूमर या कैंसर होने की संभावना भी होती है.

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थायरॉइड ग्रंथि को हेल्दी रखने के लिए डाइट में आयोडीन से भरपूर चीज़ें ज़रूर शामिल करें

बिना दवा थायरॉइड को हेल्दी रखने की 5 टिप्स

- रोज़ थोड़ी देर एक्सरसाइज़ करें.

- व्यायाम और योग भी करें.

- हेल्दी और बैलेंस्ड खाना खाएं.

- धूम्रपान से बचकर रहें.

- शराब न पिएं.

अगर ये सब करेंगे, तो थायरॉइड ग्रंथि अच्छे से काम करेगी. इसके लिए आप आयोडीन और सेलेनियम से भरपूर चीज़ें भी खाएं. आयोडीन, थायरॉइड हॉर्मोन्स T3 और T4 बनाने के लिए ज़रूरी है. वहीं सेलेनियम इन हॉर्मोन्स को एक्टिव रखने में मदद करता है. आयोडीन के लिए दूध, योगर्ट, चीज़, डेयरी प्रोडक्ट्स, अंडा, आयोडीन वाला नमक, टूना मछली और सूखा आलूबुखारा खा सकते हैं. सेलेनियम के लिए ब्राज़ील नट्स, मीट, मछली, अंडे, सनफ्लावर सीड्स, पके हुए ब्राउन राइस, ब्रेड, मशरूम, पालक, दूध, दालें और योगर्ट ले सकते हैं. अगर फिर भी थायरॉइड से जुड़े लक्षण दिखें, तो तुरंत डॉक्टर से मिलें.

(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)

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