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झाड़-फूंक के बहाने मौलवी के दुष्कर्म करने वाले वीडियो का सच ये है!

वीडियो में बूढ़ा आदमी एक महिला को घसीटता हुआ दिखाई दे रहा है.

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वायरल वीडियो के स्क्रीनशॉट्स.
दावा

मज़ार और मौलवी को लेकर एक दावा सोशल मीडिया पर वायरल है. वायरल दावे में एक वीडियो है, जिसमें एक बुजुर्ग व्यक्ति किसी बेसुध महिला को कमरे की तरफ खींचते हुए ले जा रहा है. जैसे ही बुजुर्ग कमरे की चौखट पर पहुंचता है तभी कैमरे के पीछे से एक युवक की आवाज आती है. युवक बुजुर्ग से महिला के बारे में पूछता है तो बुजुर्ग कहता है कि वो महिला का इलाज कर रहा है. 
दोनों की बहस के बीच महिला को होश आता है. दावा है कि वीडियो में दिख रहा शख्स मौलवी है जो इलाज के बहाने महिला से गलत हरकतें कर रहा है.

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बीजेपी नेता प्रशांत उमराव ने वीडियो ट्वीट कर लिखा, (आर्काइव)

झाड़-फूंक के नाम पर लोग मजारों में मौलवियों के पास जाते हैं. देखिए वहां क्या होता है.

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प्रशांत उमराव के ट्वीट का स्क्रीनशॉट.


खुद को पत्रकार बताने वालीं आँचल यादव ने वायरल वीडियो ट्वीट कर लिखा, (आर्काइव)

ये देखिये जो महिलाएं मजारों-मस्जिदों में इलाज़ कराने जाती है, उनका ऐसा इलाज करते है ख़ुदा के वंदे.

आंचल के ट्वीट का स्क्रीनशॉट.


फेसबुक पर भी ये वीडियो जमकर वायरल हो रहा है.

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फेसबुक पोस्ट का स्क्रीनशॉट.
पड़ताल

 'दी लल्लनटॉप' ने वायरल दावे की पड़ताल की तो दावा भ्रामक निकला. जिस वीडियो को असली समझकर शेयर किया जा रहा है असल में वो स्क्रिप्टेड वीडियो है.

सबसे पहले हमने हमने कीवर्ड्स की मदद से वायरल वीडियो को खोजा. सर्च से हमें वायरल वीडियो के लंबे वर्जन वाले वीडियो फेसबुक पर मिले. फेसबुक यूज़र शेख असलम ने वायरल वीडियो का लंबा वर्जन 'हिंदूराष्ट्र के भावी निर्माता -: माननीय मोदीजी' ग्रुप में शेयर किया है. 
11 मिनट 52 सेकेंड के इस वीडियो के आखिर में एक डिस्क्लेमर दिखाई देता है. इस डिस्क्लेमर में साफ तौर पर लिखा है-

'इस वीडियो में सब कुछ काल्पनिक है. काल्पनिक क्योंकि वास्तविकता दिखाने या बताने के लिए बहुत कड़वी है. इसमें दिखाई गई घटनाएं वास्तविक रूप से उस चीज से मेल नहीं खाती जो वास्तव में है, हमारे जैसे देशों में हो रहा है.'

वीडियो में मौजूद डिस्क्लेमर.

हालांकि हम वायरल वीडियो के असली वर्जन को खोजने में असफल रहे लेकिन वीडियो में दिख रहा बूढ़ा व्यक्ति वायरल वीडियो के अलावा अलग-अलग स्क्रिप्टेड वीडियोज़ में नजर आ चुका है. इन वीडियोज़ को आप यहां पर क्लिक कर देख सकते हैं.

नतीजा

कुल मिलाकर जिस वीडियो को सच मानकर सांप्रदायिक एंगल देते हुए शेयर कर रहे हैं, वो असल में स्क्रिप्टेड है. इससे पहले भी इस तरह के स्क्रिप्टेड वीडियो वायरल हुए थे जिनका फैक्ट-चेक लल्लनटॉप कर चुका है.

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