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मणिपुर के वायरल वीडियो मामले में बीजेपी नेता की तस्वीर शेयर कर फैलाया गया भ्रम

दावा है कि वायरल फोटो में नज़र आ रहे शख्स मणिपुर की घटना के मुख्य आरोपी हैं.

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सोशल मीडिया पर वायरल फोटो. (तस्वीर:ट्विटर@Satwant_Rana_, तस्वीर:ट्विटर@आजतक)

मणिपुर से पिछले दिनों एक वीडियो सामने आया, जिसमें दो महिलाओं को निर्वस्त्र करके सार्वजनिक रूप से भीड़ के सामने परेड कराया जा रहा था. इस वीडियो के वायरल होने के बाद देशभर में इसको लेकर प्रतिक्रिया देखने को मिली. इसी बीच सोशल मीडिया पर एक फोटो वायरल है, जिसमें आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) की ड्रेस पहने दो शख्स नज़र आ रहे हैं.

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क्या हो रहा है दावा?

वायरल फोटो को शेयर करते हुए कहा जा रहा है कि घटना के मुख्य आरोपी आरएसएस से संबंध रखने वाले कार्यकर्ता हैं.
एक ट्विटर (X) यूजर ने वायरल फोटो शेयर करते हुए लिखा, “मणिपुर में महिलाओं को नंगा करने वाले ये दोनों संस्कारी पुरुष हैं. ये है आरएसएस ने सिखाया संस्कार.

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(पोस्ट का आर्काइव्ड लिंक यहां देखा जा सकता है.)

एक अन्य यूजर ने वायरल फोटो ट्वीट करके लिखा, “यह दोनों RSS के महान राष्ट्र भक्त है जिन्होंने मणिपुर की घटना करवाएं.फोटो ज्यादा से ज्यादा शेयर करें संघ परिवार पूरे देश में नंगा हो जाए.

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पड़ताल

दी लल्लनटॉप की पड़ताल में वायरल दावा भ्रामक है.  वायरल फोटो में नज़र आ रहे शख्स मणिपुर घटना के आरोपी नहीं हैं.  

सच्चाई जानने के लिए हमने ट्विटर (X) पर कुछ कीवर्ड सर्च किए. हमें कुछ सोशल मीडिया यूजर्स के ट्वीट मिले जिन्होंने बताया कि वायरल फोटो बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष चिदानंद सिंह और उनके बेटे की है.

हमने इससे मदद लेते हुए फेसबुक पर कुछ कीवर्ड सर्च किया. हमें चिदानंद सिंह की फेसबुक प्रोफाइल पर वायरल फोटो मिली, जिसे उन्होंने 17 अक्टूबर 2022 को अपलोड किया था. फोटो के साथ जानकारी दी गई है कि यह इम्फाल जिले में 16 अक्टूबर को आरएसएस के एक कार्यक्रम के दौरान क्लिक की गई थी.इसमें चिदानंदन और उनके बेटे सचिनंद सिंह मौजूद हैं.

चिदानंद सिंह की फेसबुक प्रोफाइल का स्क्रीनशॉट.

हमें गूगल सर्च करने पर मणिपुर पुलिस का 23 जुलाई को किया गया एक ट्वीट मिला. इसमें वायरल दावे को भ्रामक बताया गया है. मणिपुर पुलिस ने अपने ट्वीट में लिखा, “मणिपुर की साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन को 23 जुलाई के दिन एक पार्टी के पदाधिकारी ने जानकारी दी कि उनकी और उनके बेटे की एक तस्वीर को महिलाओं को निर्वस्त्र कराने वाली घटना से जोड़कर शेयर किया गया है. दावा किया गया था कि इन दोनों लोगों ने ही इस घटना को अंजाम दिया है. इसे विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शेयर किया गया है. यह उनकी छवि को धूमिल करने के प्रयास के इरादे से किया गया है. इसे कानून व्यवस्था का गंभीर रूप से उल्लंघन करने के मंशा से फैलाया गया है. ऐसा करने वाले दोषियों की पहचान कर उनकी गिरफ्तारी का प्रयास किया जा रहा है. ”

हमें चिदानंद सिंह के ट्विटर (X) हैंडल से 23 जुलाई को किया गया एक ट्वीट भी मिला. इसमें उन्होंने दावे का खंडन किया है. इसके साथ ही उन्होंने इस मामले में दर्ज की गई एफआईआर की कॉपी भी शेयर की है.

गौरतलब है कि, मणिपुर के कांगपोकपी जिले में दो महिलाओं को निर्वस्त्र करके सार्वजनिक घुमाए जाने के मामले में 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. रिपोर्ट के अनुसार, यह घटना 4 मई को हुई थी.

नतीजा


कुलमिलाकर, हमारी पड़ताल में वायरल दावा भ्रामक निकला. फोटो में नज़र आ रहे शख्स बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष चिदानंद सिंह और उनके बेटे हैं. उनकी तस्वीरें शेयर करके भ्रम फैलाया गया है.


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