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चंद्रयान-3 की लैंडिंग के बाद RSS के पास गए ISRO प्रमुख एस सोमनाथ?

सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल है.

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क्या इसरो प्रमुख एस सोमनाथ आरएसएस कार्यालय गए थे?

चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग से भारत ने अभूतपूर्व सफलता हासिल की है. चांद पर कदम रखने वाला भारत विश्व का चौथा देश बन गया है. जाहिर इस सफलता के बाद से ISRO प्रमुख एस सोमनाथ की हर तरफ चर्चा है. इसी बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल है. इसमें एस सोमनाथ को एक व्यक्ति शॉल पहनाकर सम्मानित करते हुए दिखाई दे रहा है.

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क्या हो रहा है दावा?

वायरल वीडियो को शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि चंद्रयान की सफल लैंडिंग के बाद ISRO प्रमुख RSS कार्यालय गए थे.

राष्ट्रवादी हिंदू महासभा के महासचिव विवेक पांडे ने वायरल वीडियो को ट्वीट करते हुए लिखा, “ISRO प्रमुख सोमनाथ RSS कार्यालय, बेंगलुरु में. भारत माता की जय.”

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ट्विटर यूजर अरुण यादव ने वायरल वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, “ISRO प्रमुख सोमनाथ RSS के बेंगलुरु कार्यालय में.”

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(आर्काइव लिंक)

इसके अलावा कई अन्य यूजर्स ने वायरल वीडियो को ट्वीट किया है, जिसे आप यहां और यहां देख सकते हैं.

पड़ताल

‘द लल्लनटॉप’ की पड़ताल में वायरल दावा भ्रामक निकला. एस सोमनाथ का वायरल हो रहा वीडियो करीब एक महीना पुराना है. वीडियो के एक कीफ्रेम को रिवर्स सर्च करने पर हमें समाचार भारती के फेसबुक पेज पर 20 जुलाई, 2023 को अपलोड किया गया एक वीडियो मिला. इसमें वायरल वीडियो मौजूद है. इसके कैप्शन के अनुसार, वीडियो बेंगलुरु के राष्ट्रोत्थान परिषत का है. जहां RSS के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबले ने चंद्रयान-3 का सफल नेतृत्व करने पर ISRO प्रमुख डॉ. एस सोमनाथ को शॉल पहनाकर सम्मानित करते नज़र आ रहे हैं.

राष्टोत्थाना परिषत में ISRO प्रमुख एस सोमनाथ

बता दें, राष्ट्रोत्थान परिषत की वेबसाइट के मुताबिक, यह बेंगलुरु में स्थित सामाजिक कार्य करने वाला एक एनजीओ है.

इससे मदद लेते हुए हमने गूगल पर कुछ कीवर्ड सर्च किए. हमें RSS के आधिकारिक मीडिया सेंटर विश्व संवाद केंद्र (VSK), कर्नाटक के फेसबुक पेज पर भी 19 जुलाई को अपलोड किया गया यह वीडियो मिला. इसमें बताया गया है कि वीडियो कर्नाटक के चामराजपेट में मौजूद राष्ट्रोत्थान परिषत का है.

इसके अलावा VSK, कर्नाटक ने 26 अगस्त को ट्वीट कर वायरल दावे का खंडन किया है. उसने अपने ट्वीट में लिखा है, 

“सोशल मीडिया पर ISRO प्रमुख सोमनाथ के RSS कार्यालय का दौरा करने का दावा तथ्यहीन है. वे RSS कार्यालय नहीं गए हैं. यह एक पुराना वीडियो क्लिप है, जब उन्होंने TAPAS परियोजना का नेतृत्व कर रहे लोगों से मुलाकात की थी. TAPAS एक पहल है जिसके तहत वंचित ग्रामीण क्षेत्रों के बीपीएल छात्रों को आईआईटी प्रवेश परीक्षाओं के लिए दो साल की मुफ्त आवासीय कोचिंग दी जाएगी.”

राष्ट्रोत्थान परिषत की वेबसाइट के अनुसार, ‘तपस’ योजना की शुरुआत साल 2012 में की गई थी. इसके तहत कर्नाटक के ग्रामीण परिवेश से आने वाले बीपीएल छात्रों को आईआईटी-जेईई एंट्रेंस एग्जाम की निशुल्क कोचिंग दी जाती है.

नतीजा

कुलमिलाकर, हमारी पड़ताल में वायरल दावा भ्रामक निकला. ISRO प्रमुख एस सोमनाथ RSS कार्यालय नहीं गए थे. वे ‘तपस’ योजना का नेतृत्व कर रहे लोगों से मुलाकात करने गए थे.

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वीडियो: पड़ताल: चंद्रयान 3 लैंडिंग पर NASA के नाम पर वायरल वीडियो में बड़ा 'झोल' पकड़ा गया!

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