


'घटना 28 जुलाई, 2019 की सुबह की है. शुरुआती दौर में उसके घरवालों ने मनराजपुर गांव के यादवों का नाम बताया था. यादव शब्द का इस्तेमाल किया गया, जो एफआईआर में दर्ज है. इसके बाद उस लड़के ने सुनील नाम बताया. लड़ने ने तीन घटनास्थल बताए और तीनों घटनास्थल झूठे पाए गए. घटनास्थल चौथी जगह पाया गया. चश्मदीद दिनेश मौर्य एक हॉकर है. उसने बताया है कि घटना 28 जुलाई, 2019 की सुबह साढ़े चार बजे की है. लड़का चप्पल उतारकर मजार के अंदर गया और अंदर जाकर उसने खुद को आग लगा ली. आग लगाने के बाद जब वो सड़क पर दौड़ा तो दिनेश मौर्या ने उसे देखा था. वो अखबार लेने के लिए सैयदराजा जा रहा था. उसने इसे पागल समझा.'चंदौली एसपी के मुताबिक-
'दिनेश मौर्या ने बताया कि उस वक्त घटनास्थल पर न तो कोई साइकल थी, न कोई मोटरसाइकल थी और न ही कोई बाहरी व्यक्ति था. घटना के वक्त वो अकेले था. दोपहर तक ये एक सामान्य घटना थी. दोपहर के बाद कुछ असामाजिक तत्वों ने लड़के को और उसकी मां को ये समझाया कि मामले में जय श्रीराम का नारा जोड़ देने से इस घटना को टीआरपी मिल सकती है और मीडिया इस पर बात कर सकता है. इसके बाद घटना को जय श्रीराम के नारे के साथ जोड़कर प्रसारित किया जाने लगा. ये बिल्कुल फर्जी कहानी है और इसका सच्चाई से कोई लेना-देना नहीं है. कुछ लोग इसके जरिए सामाजिक सद्भाव को बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं और पुलिस उनके खिलाफ कार्रवाई कर रही है.'क्या है नतीजा? दी लल्लनटॉप की पड़ताल में जय श्रीराम का नारा न लगाने की वजह से युवक को आग के हवाले करने की खबर गलत है. खुद चंदौली के एसपी ने इसकी पुष्टि की है. चंदौली पुलिस अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ ऐक्शन ले रही है. अगर आपके पास भी कोई ऐसी खबर है, जिसकी सच्चाई जानना चाहते हों, तो padtaalmail@gmail.com पर भेजिए. हम उसकी सच्चाई पता लगाएंगे और आपतक पहुंचाएंगे.
पड़ताल: न्यूजीलैंड के खिलाफ मैच में धोनी के रन आउट होने के बाद कैमरा मैन के रोने का सच