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मूवी रिव्यू: शहज़ादा

ऐसा माना जा रहा है कि कार्तिक आर्यन नए दौर के बॉलीवुड स्टार हैं.

शहज़ादा तेलुगु फिल्म 'अला वैकुंठपुरामुलू' का ऑफिशियल रीमेक है. जिसने अल्लू अर्जुन की ये फिल्म देखी है, 'शहज़ादा' उनके लिए नहीं है. ये कहानी है, मिडिल क्लास लड़के बंटू की. नौकरी पाने की जद्दोजहद के बीच उसे पता चलता है, वो एक करोड़पति का बेटा है. इसके बाद कई तरह की घटनाएं घटती हैं और उन्हीं घटनाओं की रस्सी पकड़कर कहानी आगे बढ़ती है. कहानी में कुछ भी नवीनता नहीं है. ये आपको 80-90 के दशक की फिल्मों जैसी लगेगी. बच्चा बदल दिया जाता है. बड़े होने पर उसे अपने असली मां-बाप का पता चलता. वो उन्हें विलेन से बचाता है. इसे रोहित धवन ने ओरिजनल तेलुगु फिल्म से अडैप्ट करके लिखा है. पर क्या ही लिखा है! क्यों ही लिखा है! इसे देखते हुए आपको सेटमैक्स पर आने वाली साउथ की पिक्चरों की तरह का फ़ील आएगा. रोहित धवन साउथ का रीमेक बनाने चले थे, साउथ की ही पिक्चर बना डाली. वैसे ही स्लोमोशन में उड़ते हुए लोग. वैसे ही स्टाइलिश ऐक्शन. पूरी पिक्चर में कार्तिक आर्यन सिर्फ एकाध जगह ही मार खाते हैं. सलमान को हमने खामखां ही बदनाम कर रखा है. वो कम से कम मारने से पहले मार तो खाते हैं. देखिए वीडियो.