साल 1971. इंडो-पाक जंग. पूर्वी पाकिस्तान का सिलहट शहर. जहां इंडियन आर्मी की 4/5 गोरखा राइफल्स के फौजी मौजूद थे. इन जवानों को ढाका की ओर बढ़ना था, लेकिन ढाका फतह होने की बात पता चलते ही मेजर जनरल इयान कारडोज़ो ने वहीं रहकर युद्ध के बंदियों को छुड़ाने का फैसला लिया. वो ये ऑपरेशन बीएसएफ़ के कुछ जवानों के साथ मिलकर कर रहे थे. कारडोज़ो आगे बढ़ रहे थे. इस बात से बेफिक्र कि माइनफील्ड से होते हुए जा रहे हैं. तभी एक भीषण धमाका हुआ और कारडोज़ो दूर जा गिरे. उनका पैर माइन पर पड़ गया था, जिस वजह से उसके चिथड़े उड़ गए थे. देखिए वीडियो.
गोरखा: कहानी एक ऐसे योद्धा की, जिसका एक पैर आज भी बांग्लादेश में दफन है!
मेजर जनरल इयान कारडोज़ो की कहानी पर्दे पर ला रहे हैं अक्षय कुमार.
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