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'मंकी मैन': हनुमान पर बनी वो हॉलीवुड फिल्म जिसे इंडिया में रिलीज़ नहीं होने दिया जा रहा

Dev Patel की फिल्म Monkey Man में भगवा रंग को बदलकर लाल कर दिया गया. उसके बाद भी फिल्म अटकी हुई है. इस फिल्म के लिए देव ने अपना हाथ तुड़वाया, लोगों की भौंहें छीली और फोन पर शूट किया.

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देव पटेल ने खुद ये फिल्म लिखी, डायरेक्ट की और एक्टिंग भी की.

22 फरवरी 2009. 81वें अकैडमी अवॉर्ड होस्ट किए जा रहे थे. इंडिया में सेट फिल्म Slumdog Millionaire उस रात आठ ट्रॉफी अपने घर लेकर गई. फिल्म को ब्रिटिश डायरेक्टर डैनी बॉयल ने बनाया था. दुनिया इस फिल्म पर लहालोट हुए जा रही थी. वो बात अलग है कि इंडिया में फिल्म को जमकर कोसा गया. इंडियन मीडिया ने फिल्म पर ‘पॉवर्टी पॉर्न’ का लेबल चिपका दिया. फिल्म ने दुनियाभर में पर्याप्त शोर मचाया. सारे हो-हल्ले के बीच सबकी नज़र थी उस पतले चेहरे वाले लड़के पर. फिल्म में उसने जमाल का रोल किया. हम उसी की दुनिया बदलते हुए देखते हैं. फिर खबर आई कि वो भारतीय मूल का ब्रिटिश एक्टर है. उसका नाम देव पटेल है. 

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देव ने आगे चलकर The Best Marigold Hotel, Lion, Hotel Mumbai और The Green Knight जैसी क्रिटिकली अकलेम्ड फिल्मों में काम किया. इतनी अच्छी फिल्मों के बावजूद हॉलीवुड उन्हें सिर्फ एक चश्मे से देख रहा था. हॉलीवुड में लंबे समय तक एक धारणा रही है कि यही आप श्वेत पुरुष नहीं हैं, तो आपको सिर्फ एक किस्म का रोल मिलेगा. डाइवर्सिटी के नाम पर उनकी अंतरात्मा तो अब जागी है. खैर देव बताते हैं कि उन्हें एक्सप्लोर करने के लिए ज़्यादा किरदार नहीं मिल रहे थे. तो उन्होंने खुद अपने आप को हीरो बनाने का फैसला कर लिया. फिल्मों में आने से पहले देव मार्शल आर्ट्स करते थे. अपनी चमड़ी के रंग से झलकने वाली भारतीयता से भागते-भागते थक गए थे. अब उसे गले लगाकर अपनाने की ज़रूरत थी. 

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‘मंकी मैन’ के सेट पर देव पटेल.  

देव बताते हैं कि उनके पिता एक लॉकेट पहनते थे. वो हनुमान का लॉकेट था जहां वो एक हाथ में पर्वत उठाए हुए हैं. देव ने पिता से उसकी कहानी पूछी. जवाब मिला कि केन्या से तुम्हारे दादा जी आएंगे, उनसे जानना. दादा जी ने देव को हनुमान की पूरी कहानी सुनाई. देव ने उसे अपनी फिल्म की प्रेरणा बनाया. पार्क चैन वूक, जॉन वू जैसे फिल्ममेकर्स से जो कुछ सीखा था, उसे एक स्क्रिप्ट में उतार दिया. आंखों के सामने 120 पन्नों की स्क्रिप्ट थी. टाइटल था Monkey Man. देव ने फिल्म लिखी, उसे डायरेक्ट किया और एक्टिंग भी की. वो कहते हैं कि ये फिल्म बनाना किसी भयावह सपने जैसा था. अब फिल्म पूरी हो चुकी है. विदेशी मीडिया ने रिव्यूज़ में तारीफ़ों के पुल बांध दिए. दुनियाभर में ये फिल्म 05 अप्रैल 2024 को रिलीज़ होने जा रही है. लेकिन हनुमान से प्रेरित फिल्म इंडिया में कब आएगी, किसी को नहीं पता. मेकर्स के हाथ बंधे हुए हैं. ऐसा क्यों हो रहा है, उसके पीछे की कहानी बताएंगे. साथ ही बताएंगे कि देव के लिए अपनी पहली फिल्म बनाना ज़मीन-आसमान एक करने जैसा क्यों था. कैसे उनके हाथ में स्क्रू धंसा. उन्होंने लोगों की भौंहें छीली. टेलर, अकाउंटेंट्स से मारपीट करवाई. पढिए ‘मंकी मैन’ के बनने की पूरी कहानी.    

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# हाथ टूटा, लोगों की भौंहें छील दी 

‘मंकी मैन’ की कहानी लिखने के बाद शूटिंग स्टेज पर ले जाया गया. देव 450-500 की टीम को लेकर इंडिया में शूट करने वाले थे. लेकिन तभी कोरोना पैंडेमिक आ गया. शूट शुरू होने को था और उन लोगों के हाथ से लोकेशन जा चुकी थी. ये मुसीबत की सिर्फ शुरुआत थी. अभी चीज़ों को और खराब होना था. कोरोना को देखते हुए फिल्म के फाइनेंसियर ने भी अपने हाथ खींच लिए. देव उससे रिक्वेस्ट करते रहे लेकिन बात नहीं बन रही थी. अगला झटका मिला प्रोडक्शन डिज़ाइनर और सिनैमटोग्राफर से. इन दोनों लोगों ने भी फिल्म छोड़ दी. 

देव ने किसी तरह ऐन मौके पर लोग जुटाए. इंडोनेशिया का एक छोटा-सा द्वीप खोजा. वहां एक पूरा होटल बुक हुआ. ताकि उसे बबल बनाया जा सके. अब ये 500 लोग पूरी दुनिया से कटे हुए थे. बाहर से मदद नहीं आ सकती थी. ज़िंदगी जुगाड़ से चलने वाली थी. शूटिंग करते वक्त कैमरा टूटा तो फोन निकालकर उस पर शूट करना शुरू कर दिया. क्रेन टूट गई तो रस्सी से कैमरा रिग बांधकर शूट किया. कोरोना की वजह से बबल से बाहर के लोगों को नहीं बुला सकते थे. ऐसे में सपोर्टिंग एक्टर कम पड़ने लगे. 

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‘मंकी मैन’ आउट एंड आउट एक्शन फिल्म है. 

देव बताते हैं कि वो पूरी फिल्म में उन्हीं 8-10 लोगों से लड़ रहे हैं. टीम के हर शख्स को कैमरा के सामने लाकर खड़ा कर दिया. अकाउंटेंट से लेकर टेलर तक, सब का नंबर आया. किसी की मूंछें साफ की गईं. किसी के चेहरे पर नकली दाढ़ी चिपकाई गई तो किसी की भौंहें उड़ा दी गई. मेकर्स हर मुमकिन कोशिश कर रहे थे कि इन लोगों के चेहरे हर सीन में बदलते रहें. एक सीन में पानी में एक्शन होना था. पानी वाले टैंकर का जुगाड़ नहीं हो रहा था. उस सीन को क्रिएटिव ढंग से एक बाथटब में पानी भरकर iPhone पर शूट किया गया. फिल्मों में एक्शन के लिए ब्रेकअवे टेबल इस्तेमाल की जाती हैं. वो ऐसी टेबल होती है जो हल्के से ज़ोर से टूट जाती है. ‘मंकी मैन’ की टीम के पास ऐसी तीन से चार टेबल थीं. फिल्म के कई सीन्स में टेबल तोड़ी जानी थीं. लेकिन टेबल लिमिटेड ही थीं. हर शॉट के बाद टूटी हुई टेबल के परखच्चे खोजकर उन्हें अगले शॉट के लिए जोड़ा जाता. पूरी फिल्म में यही प्रोसेस चला. 

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फिल्म में मकरंद देशपांडे विलन बने हैं. 

यहां तक किसी भी तरह टीम का काम चल रहा था. अब जहाज़ के कप्तान के लिए मुश्किल खड़ी होने वाली थी. फिल्म के लिए देव पटेल अपना पहले एक्शन सीक्वेंस शूट कर रहे थे. उनका को-स्टार उनका चेहरा टेबल पर पड़ी हर मुमकिन चीज़ से भिड़ा रहा था. तभी उन्हें अचानक से ‘तड़ाक’ की आवाज़ महसूस हुई. देव समझ गए थे कि उनका हाथ सही नहीं है. प्रोड्यूसर भी स्थिति को भांप गए थे. देव ने उनसे चुप रहने को कहा. पूरे दिन शूट चला. दिन खत्म होने तक देव का हाथ सूज चुका था. उन लोगों के पास इतना बजट नहीं था कि हाथ पर प्लास्टर लगाकर शूटिंग कर लें और फिर उसे VFX से हटा दें.
ऐसे में एक प्राइवेट जेट का जुगाड़ किया गया. देव को रातों-रात जकारता ले जाया गया. डॉक्टर ने उनके हाथ में स्क्रू फिट कर दिया. साथ ही हाथ पर बोझ ना डालने की चेतावनी दी. देव जानते थे कि अगर वो रुक गए तो ये फिल्म बीच मझधार में अटक जाएगी. उन्होंने शूटिंग बंद नहीं की. अगली सुबह वो सेट पर थे. बस हाथ का ध्यान रखने के लिए सीन्स की कोरियोग्राफी में कुछ बदलाव किए गए. पूरी शूटिंग तक वो स्क्रू उनके हाथ में ही रहा. 

# हनुमान पर बनी फिल्म ‘इंडिया’ में ही क्यों अटकी?

‘मंकी मैन’ की शूटिंग नौ महीनों में पूरी हो गई. साल 2021 में खबर आई कि 30 मिलियन डॉलर में नेटफ्लिक्स ने फिल्म के राइट्स खरीद लिए हैं. भारतीय रुपए में ये आज के हिसाब से करीब 250 करोड़ होते हैं. नेटफ्लिक्स के साथ डील फाइनल हो गई. रिलीज़ से पहले फिल्म इंडस्ट्री के लोगों के लिए एक स्क्रीनिंग रखी गई. वहां फिल्म देखने वालों ने इसे ‘मुंबई का जॉन विक’ कहा. ‘गेट आउट’ और ‘नोप’ जैसी फिल्में बनाने वाले जॉर्डन पील भी उन लोगों में से थे. जॉर्डन को लगा कि नेटफ्लिक्स पर ये फिल्म ज़ाया हो जाएगी. ये बड़े परदे के लिए ही बनी है. उन्होंने नेटफ्लिक्स से फिल्म के राइट्स ले लिए. यूनिवर्सल पिक्चर्स को फिल्म दिखाई. वो इसे दुनियाभर में डिस्ट्रिब्यूट करने के लिए राज़ी हो गए. 

अनाउंस किया गया कि 05 अप्रैल 2024 को ‘मंकी मैन’ दुनियाभर के सिनेमाघरों में उतरेगी. फिल्म के प्रोमो रिलीज़ होते रहे. बस इंडिया वाले प्रोमो की शक्ल बदलती रही. इंडिया वाले प्रोमो में पहले रिलीज़ डेट को 05 अप्रैल बताया गया. फिर ये तारीख 19 अप्रैल हुई. कुछ दिन बीते, और एक पुख्ता तारीख ‘कमिंग सून’ बन गई. लोगों को समझ नहीं आ रहा था कि ये चल क्या रहा है. फिर टू प्लस टू वाला काम शुरू हुआ. ‘मंकी मैन’ के नायक की कहानी हनुमान से प्रेरित है. वो एक ऐसे आदमी के सामने खड़ा होता है जो पॉलिटिक्स में अच्छी-खासी पहुंच रखता है. उस आदमी की पार्टी का रंग भगवा है. ज़ाहिर है इस बात पर विवाद होना ही था. हुआ भी. 

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पुराने और नए ट्रेलर के स्क्रीनशॉट जहां भगवा को बदलकर लाल कर दिया गया. 

सेंसर बोर्ड मायथोलॉजी और भगवा रंग को लेकर कोई रिस्क नहीं लेना चाहता. यही वजह है कि ‘मंकी मैन’ के पहले प्रोमो में दिख रहे भगवा पोस्टर को आगे लाल कर दिया गया. ‘आदिपुरुष’ के बाद हुए हंगामे को लेकर सेंसर बोर्ड कोई चांस नहीं लेने वाला. बताया जा रहा है कि अभी तक फिल्म सेंसर बोर्ड से क्लियर नहीं हो पाई है. किसी ने लिखा कि क्या सेंसर बोर्ड वाले पूरी फिल्म काटकर नई बना रहे हैं क्या, जो इतना टाइम लग रहा है. सेंसर और फिल्म के मेकर्स के बीच क्या हो रहा है, इसे लेकर तस्वीर साफ नहीं है. बस इस पूरी घटना के बीच साल 2018 में आई ‘ब्लैक पैंथर’ याद आती है. फिल्म में एक किरदार कहता है, Glory to Hanuman. यानी हनुमान की जय हो. पूरी दुनिया ने ये डायलॉग सुना. बस इंडिया वालों ने नहीं. अपने यहां डायलॉग ‘ग्लोरी टू’ के बाद म्यूट कर दिया गया था. ऐसे में सिर्फ इतना ही कह सकते हैं, सेंसर की जय हो. 

बाकी ‘मंकी मैन’ को लेकर कुछ मीडिया रिपोर्ट्स दावा कर रही हैं कि इसे 26 अप्रैल को रिलीज़ किया जा सकता है. ये फिल्म कब आएगी, कितने कट्स के साथ रिलीज़ की जाएगी, और कैंची चलने के बाद फिल्म की आत्मा बची रहेगी या नहीं, इसका जवाब समय के साथ ही पता चलेगा.                  
                
                             
 

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