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ये FICCI, ASSOCHAM, CII वगैरह सुनाई तो खूब देते है, पर होते क्या हैं?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 जून को इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स (ICC) के सेशन को संबोधित किया.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले भी FICCI, ASSOCHAM, ICC जैसे संगठनों से बात करते रहे हैं. फोटो: ANI, Wikimedia
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 जून को बिजनेस इंडस्ट्री से जुड़े एक संगठन से बात की. नाम- इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स (ICC). ये देश के ईस्टर्न और नॉर्थ-ईस्ट हिस्सों में काम करने वाला संगठन है. लेकिन इस तरह का ये इकलौता संगठन नहीं है. बहुत से हैं. हर सरकार में प्रधानमंत्री और मंत्री वगैरह अक्सर इन संगठनों से बात करते रहते हैं. अक्सर कुछ बड़े नाम FICCI, ASSOCHAM, CII काफी सुनाई देते हैं. सवाल है कि ये सारे संगठन क्यों होते हैं और इनका मकसद क्या होता है. कुछ बड़े संगठन कब बने?
इन संगठनों का काम क्या है?
देशभर में लाखों छोटी-बड़ी कंपनियां और इंडस्ट्रीज हैं. अलग-अलग फील्ड की. बड़ी मछलियां भी हैं. मतलब कॉरपोरेट्स. देश के अंदर-बाहर इन सबका बिजनेस फैला पड़ा है. ये लोग इकॉनमी का चक्का घुमाते हैं. इनका बिजनेस सही से चले, इसके लिए ज़रूरी है कि सरकार से पटरी बैठे. कई बार बिजनेस करने में बहुत सी दिक्कतें आती हैं. शिकायतें होती हैं. पॉलिसी के लेवल पर. हर कोई तो सरकार से सीधे बात नहीं कर पाता.
'पुल'
ऐसे में सरकार और कॉरपोरेट, उद्योग-धंधों के बीच आते हैं कुछ संगठन. ये संगठन पुल का काम करते हैं. ये सरकार के सामने उद्योगों के मुद्दे उठाते हैं. इकॉनमी को लेकर सरकार को सलाह देते हैं. बिजनेस पॉलिसी में बदलाव करवाते हैं. नए आइडिया देते हैं. बहुत से बड़े कॉरपोरेट, सरकारी संस्थाएं, छोटी कंपनियां इन संगठनों की सदस्य होती हैं. सरकारें इनकी सुनती भी हैं. लॉकडाउन के दौर में इकॉनमी सुस्त पड़ गई है, इसीलिए सरकार इनके संपर्क में है.
साथ ही ये संगठन इंडस्ट्री की मदद करते हैं ताकि उनका बिजनेस देश-विदेश में पनपे. इन्फ्रास्ट्रक्चर को प्रमोट करते हैं. ज़्यादा से ज़्यादा ग्राहक बढ़ाने में, लेबर लॉ को सही से लागू कराने में, सामानों की आवाजाही में कोई बाधा न हो, इन सबमें ये मदद करते हैं. ये संगठन, ग़ैर-सरकारी, नॉट-फॉर प्रॉफिट ऑर्गनाइजेशन की तरह काम करते हैं. कई संस्थाओं को मिलाकर बने इन संगठनों को 'चैंबर ऑफ कॉमर्स' कहते हैं.
कुछ बड़े और पुराने संगठनों के बारे में जानते हैं:
# FICCI
फुलफॉर्म: फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री
कब बना: 1927 में
किसने शुरू किया: घनश्याम दास बिड़ला
हेडक्वार्टर: नई दिल्ली
प्रेसिडेंट: संगीता रेड्डी (अपोलो हॉस्पिटल्स ग्रुप की जॉइंट मैनेजिंग डायरेक्टर)
फोकस एरिया: अलग-अलग फील्ड की इंडस्ट्री को पॉलिसी में मदद करना. उनकी परेशानियों को सरकार के सामने रखना. सरकार के सामने किसी पॉलिसी की वकालत करना. इंडस्ट्री में कंपिटीशन को बढ़ावा देना. ग्लोबल मार्केट में लोकल इंडस्ट्री की पहुंच बढ़ाने में मदद करना. इंडस्ट्री और सिविल सोसायटी के बीच काम करना.
ट्रीविया:
# ये सबसे बड़ा बिजनेस संगठन है. नॉन गवर्नमेंट, नॉट-फॉर प्रॉफिट ऑर्गनाइजेशन. कई बड़ी बिजनेस संस्थाएं इससे जुड़ी हैं.
# महात्मा गांधी की सलाह पर घनश्याम दास बिड़ला और पुरुषोत्तमदास ठाकुरदास ने मिलकर इसे शुरू किया. महात्मा गांधी का मानना था कि इंडस्ट्री और बिजनेस को गरीबों के लिए ट्रस्टी की तरह काम करना चाहिए.
# प्राइवेट और पब्लिक सेक्टर की कंपनियां इसकी सदस्य हैं. इनमें छोटे और मझोले उद्योग से लेकर मल्टीनेशनल कंपनियां तक शामिल हैं. 250 ग्लोबल पार्टनर हैं.
# कई क्षेत्रीय चैंबर ऑफ कॉमर्स की कंपनियां अप्रत्यक्ष तौर पर इस संगठन की सदस्य हैं. इन्हें जोड़ दिया जाए, तो संगठन के सदस्यों की संख्या ढाई लाख से ज़्यादा बैठती है. देश के 12 राज्यों और दुनिया के 8 देशों में FICCI की मौजूदगी है.
# इससे कुछ बड़े संगठन जुड़े हैं. जैसे- कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन फूड ट्रेड एंड इंडस्ट्री, आदित्य बिड़ला CSR सेंटर फॉर एक्सिलेंस, CMSME, CASCADE
फिक्की इस समय देश का सबसे बड़ा चैंबर ऑफ कॉमर्स है.
फिक्की इस समय देश का सबसे बड़ा चैंबर ऑफ कॉमर्स है.

# ASSOCHAM
फुलफॉर्म: दी एसोसिएटेड चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया
कब बना: 1920 में
हेडक्वार्टर: नई दिल्ली
किसने शुरू किया: देश के कई इलाकों की कंपनियों ने मिलकर इसे बनाया था
चेयरमैन: निरंजन हीरानंदानी
फोकस एरिया: एसोचैम 59 एक्सपर्ट कमेटी, 10 राज्य परिषद और 11 अंतरराष्ट्रीय परिषद की मदद से ऑपरेट करता है. ये संगठन देश के घरेलू और वैश्विक व्यापार को बढ़ावा देने का काम करता है.
सदस्यों को इकॉनमिक, इंडस्ट्रियल और सोशल ग्रोथ के लिए पॉलिसी बनाने में मदद करता है. वैश्विक व्यापार को ये काफी प्रमोट करता है. ये वैश्विक बिजनेस संगठन 'इंटरनेशनल चैंबर ऑफ कॉमर्स' का सदस्य है.
ट्रीविया:
# अहमदाबाद, बेगलुरु, रांची, जम्मू, चंडीगढ़, कोलकाता में मौजूदगी.
# साढ़े चार लाख से ज़्यादा कंपनियां इस संगठन से जुड़ी हैं.
# इस साल इसने अपने गठन के सौ साल पूरे किए हैं.
# अगर भारत की कोई कंपनी है, तो इससे जुड़ी किसी वैश्विक कंपनी से ये संगठन चर्चा करता है. उन्हें भारत बुलाता है. यहां से लोगों को कंपनी के बारे में सीखने के लिए बाहर भेजता है कि दूसरे देश कैसे इस काम को कर रहे हैं.
# सरकार ने एसोचैम को ये अधिकार दे रखा है कि वो सर्टिफिकेट ऑफ ओरिजिन दे सकता है. मतलब किसी प्रोडक्ट में 'मेड इन इंडिया' लिखा है.
लगभग सभी फील्ड की कंपनियों इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, बायोटेक्नोलॉजी, टेलीकॉम, बैंकिंग-फाइनेंस, टूरिज्म, सिविल एविएशन, कॉरपोरेट गवर्नेंस, रियल स्टेट और रूरल डेवलपमेंट, कंपनी लॉ, कॉरपोर्ट फाइनेंस को लेकर एसोचैम काम करता है.
एसोचैम शब्द एसोसिएशन और चैंबर को मिलाककर बना है. फोटो: विकीमीडिया
एसोचैम शब्द एसोसिएशन और चैंबर को मिलाकर बना है. फोटो: विकीमीडिया

# CII
फुलफॉर्म: कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री
कब बना: 1895 में
कैसे शुरू हुआ: इसे इंजीनियरिंग एंड आयरन ट्रेड्स एसोसिएशन (EITA) की तरह शुरू किया गया था.
हेडक्वार्टर: नई दिल्ली
प्रेसिडेंट: उदय कोटक
फोकस एरिया: सरकार के साथ मिलकर पॉलिसी के मुद्दों पर काम करना. इसके अलावा बिजनेस रिलेशन को बढ़ावा देना, सोशल डेवलपमेंट, नेटवर्किंग. इंजीनियरिंग, मैन्युफैक्चरिंग, कंसल्टिंग, सर्विसेज के क्षेत्र में ज़्यादा फोकस.
ट्रीविया:
# इस गैर-सरकारी संगठन के नौ हजार से ज़्यादा प्राइवेट और पब्लिक सेक्टर के सदस्य हैं. इनडायरेक्ट तरीके से जोड़ा जाए तो 256 राष्ट्रीय और क्षेत्रीय संस्थाओं से जुड़े तीन लाख से ज़्यादा उद्योग इसके सदस्य हैं.
# पीवी नरसिम्हा राव के दौर में 1991 के उदारीकरण में CII की अहम भूमिका थी. तब देश और दुनिया के बीच व्यापार के बीच दरवाज़े खुले थे.
# भारत में इसके 65 ऑफिस हैं और विदेशों में 11. विदेशों की कई संस्थाओं के साथ बिजनेस को लेकर करार है.
# क्लाइमेट चेंज, कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी, ग्रामीण विकास, महिला सशक्तीकरण पर भी संगठन काम करता है.
CII को बने हुए 125 साल हो चुके हैं.
CII को बने हुए 125 साल हो चुके हैं.

# ICC
फुलफॉर्म: इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स
कब बना: 1925 में
हेडक्वार्टर: कोलकाता
किसने शुरू किया था: घनश्यामदास बिड़ला और कुछ बिजनेसमेन
प्रेसिडेंट: मयंक जालान
फोकस एरिया: दक्षिण एशियाई और दक्षिण-पूर्वी देशों के साथ भारत के बिजनेस को बढ़ावा देना. जैसे- सिंगापुर, इंडोनेशनया, बांग्लादेश, भूटान. इकॉनमिक रिसर्च और पॉलिसी के मुद्दों पर काम करना.
11 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ICC के सेशन को ही संबोधित किया. उन्होंने कहा कि ICC ने आज़ादी की लड़ाई से लेकर तमाम चीजें देखीं.
11 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ICC के सेशन को ही संबोधित किया. उन्होंने कहा कि ICC ने आज़ादी की लड़ाई से लेकर तमाम चीजें देखीं.

ट्रीविया:
# देश के पूर्वी और उत्तर-पूर्वी भागों में ये सक्रिय है.
# कई कॉरपोरेट बॉडी, बैंक, वित्तीय संस्थाएं, सरकारी संस्थाएं इससे जुड़ी हुई हैं.
# ये संगठन देशभर की मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स पर ज़्यादा फोकस करता है.


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