Must Watch: फिदेल कास्त्रो पर बनी दो डॉक्यूमेंट्री फिल्में 'कोमान्दांते' और '638 वेज़ टु किल कास्त्रो'
दोनों फिल्में यहां देखें.
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फिदेल कास्त्रो और फिल्म डायरेक्टर ऑलिवर स्टोन डॉक्यूमेंट्री की शूटिंग के दौरान.
फिदेल को 1959 की क्यूबा क्रांति के बाद से ही मारने की आजमाइश हुई. वे तब मर जाते तो आज दुनिया भर के छात्रों, युवाओं और जन आंदोलनों से जुड़े लोगों की टी-शर्ट पर चे गुवेरा के साथ चित्रित होते. दोनों एक ही उम्र के, एक ही मिजाज के, एक ही जैसे लुक्स के और एक ही जैसी इमेज वाले थे. ये किस्मत थी या उनकी सजगता कि फिदेल कास्त्रो को अमेरिका पचास बरसों में भी नहीं मार पाया. जिस अमेरिका ने अपनी गुप्तचर संस्था सीआईए के जरिए विश्व के दूर कोनों में राष्ट्राध्यक्षों को मरवाया है, सरकारें पलटी हैं, अपनी पसंद की सत्ताएं स्थापित की हैं, अनगिनत राजनीतिक हत्याएं की हैं, गृहयुद्ध करवाए हैं, युद्ध छेड़े हैं, उससे अपने बगल में ही बैठे इस बौने से देश का लीडर न मारा गया. कास्त्रो अमेरिका के सामने रहे सबसे बड़े अपवादों में थे. क्रांति के बाद क्यूबा के जिन नागरिकों को अमेरिका भागना पड़ा और वहां शरण लेनी पड़ी उनका एक समूह था जो हमेशा से फिदेल को मरवाना चाहता था. उनका मानना था कि क्यूबा ग़ुलाम है और उसे उन्हीं लोगों को आजाद करवाना है. फिदेल को मारने की ज्यादातर कोशिशें इन्हीं क्यूबा मूल के लोगों ने की जिसमें सीआईए ने गोपनीय रूप से मदद दी. लेकिन हर बार सब फेल रहे. दुनिया में जितने भी राष्ट्राध्यक्ष और लोग रहे हैं जिनकी राजनीतिक हत्या की कोशिश हुई है उनमें सबसे ज्यादा कोशिशें फिदेल पर हुईं. 638 बार. ये गिनती फिदेल की सुरक्षा के लोगों ने की है. आंकड़ा कम या ज्यादा का भी हो सकता है. क्यूबा की सीक्रेट सर्विस एजेंसी के प्रमुख थे फेबियन एस्कलांते. उन्होंने ऐसे ज्यादातर हमलों को अपनी कुशलता से टाला. वे 1996 में रिटायर हुए. तब उन्होंने इन किस्सों पर किताब लिखी. शीर्षक था Executive Action: 634 Ways to Kill Castro. इसी पर आधारित एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म भी ब्रिटेन के चैनल 4 ने बनवाई थी जिसे 2006 में दिखाया गया. फिल्म का नाम था 638 Ways to Kill Castro. 638 वेज़ टु किल कास्त्रो यहां देख सकते हैं: https://www.youtube.com/watch?v=VFQz8racYNk अगर और भी जोरदार और फिदेल के बारे में सबसे यूनीक फिल्म देखनी हो तो ऑलिवर स्टोन की डॉक्यूमेंट्री Comandante देखें. ये 2003 में रिलीज हुई थी. ये पहली फिल्म है जिसमें फिदेल कास्त्रो के इतना करीब कोई फिल्म क्रू पहुंच पाया. जाने-माने अमेरिकी फिल्मकार स्टोन ने 2002 में क्यूबा में तीन दिन फिदेल के साथ बिताए जिसमें उन्हें हर जगह कैमरा ले जाने की आजादी थी, ऐसा पहले कभी नहीं हुआ. नतीजतन ये विस्मय में डालने वाली फिल्म बनी. ये फिल्म सीधे तौर पर फिदेल से मिलाती है. कोमान्दांते को यहां देखें: https://vimeo.com/99088439 स्टोन ने इसके अगले साल एक और फिल्म रिलीज की थी. इसका नाम था Looking for Fidel. ये उनकी 2003 में आई फिल्म की अगली कड़ी में थी. इसमें भी फिदेल से बातचीत और उनकी निजी जिंदगी करीब से दिखाई देती है. ये फिल्म भी यहां देख सकते हैं. https://youtu.be/DoHkp_9-4d8 Also Read:
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