Vivek Agnihotri एक बार फिर मुसीबत में पड़ गए हैं. वजह वही, दोहरापन. जो खुद करते रहे, उस पर लोगों को ज्ञान देना. इस बार मामला है Pathaan के गाने Besharam Rang से जुड़ा हुआ. विवेक ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक वीडियो पोस्ट किया. इस वीडियो में आधी स्क्रीन पर 'बेशरम रंग' गाना चल रहा है. आधी स्क्रीन पर एक बच्ची आकर मॉरल पुलिसिंग कर रही है. विवेक जो चाहें, वो करें. कर ही रहे हैं. मगर इस सब में बच्चों को घसीटना ठीक बात नहीं है. क्योंकि वो बच्ची, जो कह रही है और जिस तरह से कह रही है, वो बहुत भयावह है. आज भारत के कल्चर की बात करने वाले ये वही विवेक अग्निहोत्री हैं, जिन्होंने अपने करियर में एरॉटिक थ्रिलर्स बनाए हैं. उन्हें ये कहकर प्रमोट किया है कि जब तक कोई आर्टिस्ट एरॉटिका नहीं बनाता, तब तक वो कंप्लीट आर्टिस्ट नहीं है. क्योंकि वो भी एक आर्ट फॉर्म है.
विवेक अग्निहोत्री ने 'बेशरम रंग' पर तंज कसा, लोगों ने उनका ही पुराना वीडियो निकाल आईना दिखाया
अब 'बेशरम रंग' को अश्लील बताने वाले विवेक अग्निहोत्री, पहले एरॉटिका को सबसे खूबसूरत आर्ट फॉर्म मानते थे. देखिए उनका वीडियो.

ये वीडियो विवेक ने वॉर्निंग के साथ अपने ट्विटर पर पोस्ट किया. चेतावनी ये थी, 'अगर आप 'सेक्यूलर' हैं, तो ये वीडियो न देखें'. इसमें एक बच्ची 'बेशरम रंग' गाने के विज़ुअल्स और लिरिक्स को अश्लील बता रही है. दीपिका के कपड़ों और डांस मूव्स पर तंज कसा जा रहा है. साथ में बताया जा है इस तरह के वीडियोज़ का समाज पर पड़ने वाला असर. बच्ची इस वीडियो में कहती है कि इस तरह के गाने बनाने वाले लोग देश की लड़कियों के हत्यारे हैं. उस वीडियो में एक वक्त ऐसा भी आता है, जब उस बच्ची का चेहरा जख्मी दिखाया जाता है. वो चीखती-चिल्लाती है. ये बताने की ज़रूरत नहीं है कि वो इसकी मदद से क्या कहने की कोशिश कर रही है. जो कि बहुत डरावना है.
पहली चीज़ तो ये कि आपको जो पॉलिटिक्स करनी है, करिए. इस कीचड़ में बच्चों को न घसीटा जाए. जो भी वो वीडियो देखेगा, उसे ये बात साफ पता चलेगी कि वो बच्ची जो कह रही है, उसके बारे में उसे नहीं पता. पता होना भी नहीं चाहिए. अगर वो सोशल मीडिया और टीवी से दूर होकर पढ़ेगी-लिखेगी, तो खुद की समझ और राय विकसित करेगी. उसके भीतर अभी से ये सब चीज़ें फीड करने की ज़रूरत नहीं है. जब से ये वीडियो सोशल मीडिया पर आया है, लोग घिनाए हुए हैं. इसके जवाब में विवेक का भी एक वीडियो निकल आया है. ये वीडियो है उनकी फिल्म 'हेट स्टोरी' के प्रमोशन का. इसमें विवेक अग्निहोत्री कहते हैं-
''आप तब तक एक कंप्लीट आर्टिस्ट नहीं हैं, जब तक आपने एरॉटिका नहीं किया है. वो एक आर्ट फॉर्म है. महिलाओं की बॉडी को सेलेब्रेट करने से अच्छा क्या होगा. इसमें क्या बुराई है. किसी फिल्ममेकर या फोटोग्राफर के लिए इस दुनिया में दो नग्न शरीरों को प्रेम करते शूट करने से ज़्यादा खूबसूरत कुछ नहीं हो सकता. अगर आपको आपके स्कूल, आपके समाज या आपके परिवार ने अलग तरीके से पढ़ाया है, इसका मतलब ये नहीं कि मुझे भी चीज़ों को उसी नज़रिए से देखना होगा. मुझे उसमें खूबसूरती नज़र आती है.''
इतना ही नहीं, वो इस वीडियो में आगे कहते हैं-
''आप IPL में जो चीयरलीडर्स देखते हैं, वो भी तो एक किस्म का एरॉटिका है. एरॉटिका हमारे घरों में घुस चुका है. आप अपने बच्चों के साथ बैठकर उस तरह का एरॉटिका देख सकते हैं. आप टीवी पर लोगों को एक-दूसरे को चूमते हुए देख सकते हैं. तो मुझे लगता है कि अब वो समय आ चुका है कि अपने देश में भी एरॉटिक थ्रिलर फिल्में बनानी चाहिए. पहली बार हम ऐसा कह रहे हैं कि हमने एक ऐसी फिल्म बनाई है, जो एरॉटिका जॉनर की है. ये किसी दूसरी फिल्म की तरह ही है. ये आपका मनोरंजन करेगी या नहीं करेगी. हमने इसे लोगों को एंटरटेन करने के मक़सद से बनाया है. ये फिल्म वुमन पावर के बारे में है. मगर वो महिला 2012 की है.''
इस वीडियो के आखिर विवेक में अग्निहोत्री के पुराने बयानों और ट्वीट के स्क्रीनशॉट नज़र आते हैं. इसमें विवेक ये कहते पाए जाते हैं कि उन्होंने अपनी फिल्म 'हेट स्टोरी' को बेचने के लिए सेक्स का इस्तेमाल किया. उनके कुछ पुराने अश्लील और फूहड़ ट्वीट्स दिखते हैं. मगर सबसे मज़ेदार चीज़ लास्ट में आती है. विवेक ने 2020 में एक ट्वीट किया था कि बॉलीवुड संगीत और आर्ट फॉर्म को खराब कर रहा है. ये भारत का कल्चर नहीं है. इस पर प्रोड्यूसर निखिल द्विवेदी ने कमेंट करते हुए लिखा-
''सर आपने और मैंने मिलकर 'हेट स्टोरी' बनाई है. बहुत ट्रोलिंग होगी हमारी, शांत हो जाओ.''

इस सबके बीच एक पुरानी खबर भी वायरल हो पड़ी. तनुश्री दत्ता ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा था कि विवेक ने उनसे कहा था- 'कपड़े उतारकर नाचो'. उस खबर के स्क्रीनशॉट भी लोग कमेंट बॉक्स में चिपकाकर जा रहे हैं. कहने का मतलब भरपूर लानत-मलामत हो रही है. हिप्पोक्रेसी कीवर्ड बन गया. दोहरेपन की दुहाइयां दी जाने लगीं.
मगर सवाल अब भी वही है कि विवेक अग्निहोत्री के सोचने-समझने के तरीके में अचानक से जमीन-आसमान का फर्क कैसे आ गया? 'हेट स्टोरी' और 'द कश्मीर फाइल्स' की रिलीज़ के बीच ऐसा क्या हुआ, जो विवेक का दुनिया को देखने का नज़रिया ही बदल गया? शायद ये कि सरकार बदल गई. देश में राष्ट्रवाद की लहर आ गई. जिस लहर में उनकी फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' चल गई. उन्होंने फिल्म में जो चीज़ें दिखाईं और जिस तरह से दिखाईं, उसे सत्ताधारी पार्टी के नेताओं ने प्रमोट किया. जिस फिल्ममेकर का करियर डूबने को था, आज हम उसके एक ट्वीट पर बात कर रहे हैं. अचानक से वो इतना प्रासंगिक कैसे हो गए? इस सवाल का जवाब विवेक नहीं, हमें खुद से पूछना चाहिए.
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